Blood in stool : शौच के साथ खून भी आ रहा है, तो जानिए क्या है इसका कारण और सही उपचार

स्टूल पास करने के साथ आने वाले ब्लड के कई कारण हो सकते हैं, जो किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। जानते हैं एक्सपर्ट से मल के साथ आने वाले खून के कारण और किस प्रकार इस समस्या को किया जा सकता है हल (causes of blood in stool)।
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जानते हैं एक्सपर्ट से मल के साथ आने वाले खून के कारण और किस प्रकार इस समस्या को किया जा सकता है हल (causes of blood in stool)। चित्र : एडोबी स्टॉक
Updated On: 22 Dec 2023, 03:04 pm IST
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मल के साथ रक्त का आना किसी भी व्यक्ति की चिंता को बढ़ा सकता है। ज़रा सोचिए क्लीनिंग के दौरान टॉयलेट पेपर पर खून की असामान्य लकीरें देखना किसी को भी चौंका सकता है। इससे व्यक्ति की सरल जीवनशैली पूरी तरह से प्रभावित हो जाती है। हांलाकि स्टूल पास करने के साथ आने वाले ब्लड के कई कारण हो सकते हैं, जो किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। जानते हैं एक्सपर्ट से मल के साथ आने वाले खून के कारण और किस प्रकार इस समस्या को किया जा सकता है हल (causes of blood in stool)।

इस बारे में हेल्थशॉटस से बातचीत करते हुए एस्टर व्हाइटफील्ड अस्पताल के डॉ प्रभाकर बी ने जानकरी दी। उन्होंने कहा कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल यानि जीआई पथ में होने वाली ब्लीडिंग के कारण मल में रक्त आने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि मन में रक्त क्यों आने लगता है, तो शुरू से अंत तक इस लेख को ज़रूर पढ़ें।

मल में रक्त आने का क्या कारण है (causes of blood in stool)

स्टूल पास करने के दौरान ब्लीडिंग की समस्या विभिन्न कारणों से पनपने लगती है। इस बारे में डॉ. प्रभाकर ने विस्तार से पूरी जानकारी दी।

1. बवासीर यानि पाइल्स

बवासीर एक ऐसी स्थिति है जब गुदा में नसें सूज जाती हैं और स्टूल पास करने के दौरान खून आने लगता है। आमतौर पर ये रेक्टम और गुदा के बाहरी हिस्से यानि एनस को प्रभावित करता है। में भी होता है। इस स्थिति में खुजली और दर्द की संभावना बनी रहती है।

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अगर आप भी जानना चाहते हैं कि मल में रक्त क्यों आने लगता है, तो शुरू से अंत तक इस लेख को ज़रूर पढ़ें। चित्र : एडोबी स्टॉक

2. एनस में दरारें आना

फिशर को एनस में टियर के तौर पर जाना जाता हैं। जब कोई व्यक्ति कब्ज के कारण मल को त्यागने की भरपूर कोशिश करता है, तो उस वक्त स्टूल के साथ ब्लड भी पास होने लगता है। ये समस्या डायरिया, बड़े स्टूल, एनस सेक्स और बच्चे के जन्म दौरान हो सकता है। स्टूल पास करते समय गंभीर दर्द होता है और ऐंठन होने लगती है।

3. गुदा और कोलोनिक कैंसर

ऐसी स्थिती में स्टूल पास करते वक्त गहरे लाल रंग का खून नज़र आता है, जो रेक्टम और कोलन में होने वाली ब्लीडिंग का संकेत देता है। मन के साथ होने वाला रक्त स्त्राव गहरी चिंता का कारण साबित होता है।

4. अन्य संक्रमण और कंडीशंस

पॉलीप्स के अलावा कोलाइटिस, क्रोहन डिज़ीज़, अल्सरेटिव कोलाइटिस और आंत में टयूबरक्यूलोसिस जैसे संक्रमण स्टूल पास करने के दौरान ब्लीडिंग का कारण साबित होते हैं।

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क्या होता है जब आप रक्त को पोंछ सकते हैं, लेकिन देख नहीं सकते हैं

स्टूल पास करने के बाद क्लीनिंग के लिए जब टॉयलेट पेपर का प्रयोग किया जाता है, तो उस वक्त पेपर पर दिखने वाले रक्त को देखकर इस बात की जानकारी नहीं मिल पाती कि ये किस हिस्से से आ रहा है। डॉ प्रभाकर बताते हैं कि यह स्थिति तब गहरी होती है जब कब्ज के कारण एनस में कट होता है, जिससे एनस में दरार आ जाती है या पानी के इस्तेमाल के लिए फोर्स पूर्वक जेट का प्रयोग करने के कारण परेशानी बढ़ती है।

मल में रक्त के लिए क्या उपचार किया जाता है

एक्सपर्ट के अनुसार घरेलू उपायों की जगह इस तरह की समस्या से निपटने के लिए डॉक्टरी सलाह लें और उस उपचार को फॉलो करें। अन्यथा समस्या गंभीर रूप धारण कर सकती है। हेल्थ केयर एक्सपर्ट के अनुसार प्रोक्टोस्कोप की मदद से समस्या को एग्ज़ामिन कर सकता है। कोलन की जांच के लिए वो कोलोनोस्कोपी करवाने की सलाह भी दे सकते हैं। प्रारंभिक उपचार में बवासीर, फिशर और संक्रमण जैसी स्थितियों के लिए दवाएं भी दी जाती हैं।

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मल में रक्त को रोकने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली को फॉलो करना ज़रूरी है। चित्र:शटरस्टॉक

स्टूल के साथ होने वाली ब्लीडिंग को रोकने के टिप्स (Tips to avoid blood in stool)

1. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं

मल में रक्त को रोकने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली को फॉलो करना ज़रूरी है। इसके लिए रूटीन में हेल्दी डाइट लें, वर्कआउट करें और समय पर सोएं। इससे जीवनशैली में संतुलन बढ़ने लगता है, जो शरीर को स्वस्ि रखने में मदद करता है।

2. कब्ज से बचें

खूनी मल को रोकने के लिए कब्ज की समस्या से बचें। इसके लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखें और वॉटर इनटेक को बढ़ाएं। इसके अलावा फाइबर से भरपूर फल और सब्जियों को आहार में शामिल करे।

3. मल त्याग के दौरान तनाव से बचें

स्टूल पास करते समय शरीर पर किसी प्रकार का दबाव न डालें। इससे ब्लीडिंग की संभावना बढ़ने लगती है। देर तक टॉयलेट सीट पर बैठने से बचें। इससे कई अन्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ने लगता है।

4. डॉक्टर से संपर्क करें

इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। इससे गंभीर समस्याओं को बए़ने से रोका जा सकता है। शुरूआती जांच के साथ उपचार भी अवश्य लें।

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