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आयुर्वेद विशेषज्ञ से जानिए ऑक्‍सीजन लेवल को संतुलित रखने के 3 जरूरी उपाय

जीवन का सम्बन्ध प्राणवायु से है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने दैनिक जीवन में प्राण वायु यानी ऑक्‍सीजन के स्‍तर को बनाए रखने के उपाय अपनाएं।
Updated On: 27 May 2021, 10:39 am IST
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शरीर का ऑक्‍सीजन लेवल बनाए रखन के लिए आपको कुछ चीजों का ध्‍यान रखना चाहिए। चित्र: शटरस्‍टॉक
शरीर का ऑक्‍सीजन लेवल बनाए रखन के लिए आपको कुछ चीजों का ध्‍यान रखना चाहिए। चित्र: शटरस्‍टॉक

ऑक्‍सीजन पर हाहाकार होते हम सभी ने देखा है। पर यह सिर्फ कोरोना के दौरान या आज-कल की ही जरूरत नहीं है। हमें हमेशा ऑक्‍सीजन की जरूरत पड़ने वाली है, इसलिए जरूरी है कि हम उन उपायों को अपनाएं, जो इसे बरकरार रखने में हमारी मदद करें। इसके लिए आयुर्वेद हमारा मार्गदर्शक हो सकता है। आयुर्वेद में क्‍या है ऑक्‍सीजन के स्‍तर को संतुलित रखने के उपाय, यह जानने के लिए हमने डॉ. ज्‍योत्‍स्‍ना कदम से बात की। डॉ. ज्‍यो‍त्‍स्‍ना वेदीक्‍योर हेल्‍थकेयर एंड वेलनेस में वरिष्‍ठ आयुर्वेद सलाहकार हैं।

कोविड-19 और ऑक्‍सीजन की कमी 

कोरोना वायरस, उससे जुडी मेडिकल इमरजेंसी और ऑक्सीजन की कमी से हम सभी परिचित हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय के रूप में मास्क पहनना , सैनिटाइजर का इस्तेमाल, बार-बार हाथों को पानी और साबुन से साफ रखना भी हम सभी फॉलो कर रहे हैं।

डॉ. ज्‍योत्‍स्‍ना कहती हैं, ” इस वक्‍त सबसे जरूरी मुद्दा है शरीर की प्राण वायु की संतुलित मात्रा को निरंतर बनाए रखना। जीवन का सम्बन्ध प्राणवायु से है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने दैनिक जीवन में इस प्राण वायु यानी ऑक्‍सीजन के स्‍तर को बनाए रखने के उपाय अपनाएं।”

ऑक्‍सीजन लेवल को संतुलित बनाए रखने के लिए अपनाएं आयुर्वेद के ये आसान उपाय

1 नियमित व्यायाम और योगाभ्‍यास

हर रोज नियम से 30 मिनिट का वॉक यानी सामान्‍य गति से पैदल चलें। यह शरीर में रक्त प्रवाह बनाए रखने में मददगार है।

योगासन – प्राणायाम

प्राणायाम में अनुलोम -विलोम प्राणायाम, दीर्घश्वसन प्राणायाम जरूर करें। इससे फेफडों का स्‍वास्‍थ्‍य अच्छा रहता है।

योग आपके ऑक्‍सीजन लेवल को संतुलित करता है। चित्र : शटरस्टॉक
योग आपके ऑक्‍सीजन लेवल को संतुलित करता है। चित्र : शटरस्टॉक

आसनो में 

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

सुखासन, पद्मासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, मार्जरासन, अधोमुखश्वानासन, मत्स्यासन, ये सभी आसान नियमित करने से डायफ्राम की मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है। प्राणायाम और योगासन करते वक्त जब हम नाक से सांस लेते हैं, तो सांस की धीमी गति के कारण फेफड़ो में अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अवशोषित होती है और शरीर के ऑक्सीजन/प्राणवायु के लेवल में सुधार आता है।

2 सही खान पान

जब भी प्यास लगे पानी पीते रहना चाहिए, क्योंकि पानी का रासायनिक सूत्र H2O होता है, जिसमें हाइड्रोजन के 2 और ऑक्सीजन का 1 अणु होता है। इसलिए पानी के सेवन से बॉडी हायड्रेट रहती है और ऑक्सीजन की मात्रा शरीर में बनाये रखती है।

आम, आंवला, नींबू, पपीता, अनार, तरबूज ये सब ऐसे फल हैं, जो हमारी किडनी को साफ रखने में मदद करते है। विटामिन से भरपूर ये फल हमारे खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने में सहायक होते हैं।

तरबूज में भारी मात्रा में फायबर के साथ लायकोपेन, बीटा केरोटीन और वि‍टामिन पाए जाते है। इसके साथ एवोकाडो, किशमिश/काला मुनक्‍का, खजूर, शरीर में खून की बढ़ोतरी और ऑक्सीजन को पेशियों तक पहुंचाने में मदद करते हैं। इन सभी में एंटी ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पायी जाती है।

फल और सब्जियां आपके समग्र स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद है। चित्र-शटरस्टॉक।
फल और सब्जियां आपके समग्र स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद है। चित्र-शटरस्टॉक।

शतावरी, जलकुम्भी, समुद्री शैवाल भी खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने में काफी मददगार होते हैं। बीटरूट, लहसुन, हरी पत्तेदार सब्जिया और बीज खास करके फ्लेक्स सीड्स या अलसी के बीज, खास करके अखरोट ये नियमित रूप से आहार में अनेक फायदे मिलते है।
ऐसे पदार्थ ब्लड वेसल्स को रिलैक्स रखते हैं और शरीर मे ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में पहुंचाने में काम आते हैं।

3 घर में इनडोर प्लांट्स लगाएं

इनडोर प्लांट्स का काम घर को खूबसूरत बनाना ही नहीं होता, बल्कि ये पौधे कार्बोनडाइऑक्साइड को लेकर हमें ऑक्सीजन देने का काम करते है। इसलिए अपने घर में मनी प्लांट, स्पाइडर, स्नेक प्लांट, एलोवेरा, तुलसी, डेजी, बेम्बू आदि पौधों को लगाना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय।

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