हम सभी जानते हैं कि कैसे शहरी जीवन ने हमारी आदतों में बहुत बड़े बदलाव किए हैं। हमारी जीवनशैली ही ऐसी हो गयी है, जहां हम आधे दिन कुर्सी पर बैठकर काम करते रहते हैं, और जो मर्जी खा लेते हैं। ऊपर से बढ़ता तनाव चाहें वह नजदीक आती डेडलाइन हो, ट्रैफिक हो या कोई भी अन्य कारण।
हमारे तेज जीवन में न तो खाने का कोई निश्चित समय है न सोने का। यही कारण है हमारी बॉडी क्लॉक पूरी तरह बर्बाद हो जाती है।
इस जीवनशैली के कारण बहुत सी स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएं पैदा हो रही हैं, जिन्हें लाइफस्टाइल डिजीज कहते हैं। आपको ये स्पष्ट कर दें कि मोटापा सिर्फ आपके वजन पर निर्धारित नहीं होता। यह असल में आपके BMI पर निर्भर करता है, जो आपकी लम्बाई और मास से निकाला जाता है। 30 से अधिक BMI होने का अर्थ है ओबेसिटी होना।
ओबीस या मोटा होना किसी के आत्मविश्वास को भी प्रभावित कर सकता है। इसके कुछ प्रभाव तुरन्त देखने को मिलते हैं- जैसे चलने फिरने में समस्या, घुटनों में दर्द और स्टैमिना में कमी। इसके साथ ही इसके लॉन्ग टर्म प्रभाव भी होते हैं और यह आपके जीवन काल को भी कम कर सकता है। ओबेसिटी के कारण हृदय रोग, डायबिटीज, जोड़ो की समस्याएं और कई कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है।
इसमें हैरानी की कोई बात नहीं कि ओबेसिटी सबसे बुरी बीमारी है और इसको नियंत्रित करना जरूरी है। इससे निपटने के लिए सबसे अच्छा तरीका है अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करना। हम बताते हैं आपकी तीन आदतें जो ओबेसिटी के लिए दोषी हो सकती हैं:
आप हर दिन लंच किस समय करती हैं? अगर आपके पास इसका कोई सटीक जवाब नहीं है, तो आपको अपने खाने का समय निर्धारित करने की जरूरत है। कभी कभार देर से खाना या जल्दी खा लेना चलता है, लेकिन इसे आदत न बनने दें।
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित स्टडी के अनुसार अगर आप अनियमित खाना खाते हैं, तो आपको ज्यादा भूख लगती है। इतना ही नहीं, इससे डायबिटीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आपका शरीर पाचन, इन्सुलिन बनाना और भूख लगने जैसी प्रक्रियाओं को समझ नहीं पाता।
इस काम के लिए हम में से अधिकांश लोग दोषी हैं। हम हमेशा कोशिश करते हैं कि दिन में 8 गिलास पानी पिएं, लेकिन ना ये हम खुद कर पाते हैं ना ही इसके लिए बनी एप्स कुछ मदद कर पाती हैं। पानी हमारे लिए बहुत आवश्यक है। सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि यह हमें हाइड्रेट रखता है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि यह हमारा पेट लम्बे समय तक भरता है और ओवरईटिंग रोकता है।
यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित स्टडी में पाया गया कि नाश्ते से पहले पानी पीने वाले लोग कम कैलोरी लेते हैं।
ये जानकर आपको हैरानी तो नहीं होनी चाहिए! हमारा काम ऐसा है जिसके कारण हमें कई-कई घण्टों तक एक ही जगह बैठे रहना पड़ता है। पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित स्टडी ‘सिटिंग टाइम एंड ऑल कॉज मोर्टेलिटी रिस्क’ के अनुसार बहुत देर बैठे रहने से गम्भीर बीमारियां होती हैं।
लेकिन आप इसको मैनेज कर सकती हैं, थोड़ी शारीरिक एक्टिविटी अपने रूटीन में शामिल करें। आप 30 मिनट जॉगिंग या स्किपिंग कर सकती हैं।
अगर इसमें से एक भी आदत आपमें है तो समय है बदलाव का। छोटे-छोटे बदलावों से आप बेहतर स्वास्थ्य पा सकती हैं।
यह भी पढ़ें – अजस्र ऊर्जा का स्रोत है सूर्य, जानिए क्यों आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है सूर्य नमस्कार