डायबिटीज कमजोर कर सकती है आपकी देखने की क्षमता, विज़न लॉस से बचाव के लिए फॉलो करें ये 3 उपाय

डायबिटीज के मरीज को हमेशा ब्लड शुगर लेवल बढ़ने या घटने का डर बना रहता है। इससे मरीज को कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ब्लाइंडनेस उनमें से एक है। डायबिटीज के कारण होने वाली ब्लाइंडनेस से बचाव के 3 उपाय किये जा सकते हैं।
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हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण आंख के पिछले हिस्से रेटिना को नुकसान पहुंच सकता है। यह डायबिटिक रेटिनोपैथी कहलाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 10 Apr 2024, 12:30 pm IST
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इनपुट फ्राॅम

ब्लड शुगर लेवल बढ़ने पर डायबिटीज हो जाता है। डायबिटीज लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है। इसलिए इसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है। इसके कारण बड़ी और छोटी ब्लड वेसल्स को भी नुकसान होता है। इससे दिल का दौरा और स्ट्रोक हो सकता है। किडनी खराब हो सकती है। यहां तक कि आंखों, पैरों और नर्व में भी समस्याएं हो सकती हैं। मधुमेह के कारण कुछ लोगों में ब्लाइंडनेस (diabetes causes blindness) भी हो जाती है।

क्यों डायबिटीज बनता है ब्लाइंडनेस का कारण (diabetes causes blindness)

हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण आंख के पिछले हिस्से रेटिना को नुकसान पहुंच सकता है। यह डायबिटिक रेटिनोपैथी कहलाता है। यदि इसका निदान और इलाज नहीं किया जाता है, तो यह ब्लाइंडनेस का भी कारण बन सकता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी को ब्लाइंडनेस के स्तर तक पहुंचने में आमतौर पर कई साल लग जाते हैं। इसके कारण व्यक्ति के आंखों की रोशनी जा सकती है।

विजन लॉस की और भी हो सकती हैं वजहें (cause of vision loss) 

डायबिटिक रेटिनोपैथी के कारण रेटिना के ब्लड वेसल्स असामान्य स्तर तक बढ़ सकते हैं। इससे आंख से तरल पदार्थ निकलने में रुकावट हो सकती है। यह एक प्रकार के ग्लूकोमा का कारण बनता है। ग्लूकोमा आई डिजीज है, जो विजन लॉस और अंधापन का कारण बन सकता है।

 ब्लाइंडनेस से बचाव के यहां हैं उपाय ( preventive tips) 

3 उपाय अपनाकर डायबिटीज के कारण होने वाली ब्लाइंडनेस से बचाव किया जा सकता है।

1 हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं (Healthy Lifestyle)

जीवनशैली में कुछ बदलाव अपनाने से सामान्य स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और रेटिनोपैथी विकसित होने का खतरा कम हो सकता है।

स्वस्थ और संतुलित आहार लें (Balanced diet) 

विटामिन ए से भरपूर फ़ूड आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। पत्तेदार हरी सब्जियां जैसे कि केल, पालक, ब्रोकोली, नारंगी और पीली सब्जियां जैसे कि गाजर, शकरकंद, पंपकिन और गर्मियों वाले स्क्वैश लें। टमाटर, लाल शिमला मिर्च, ख़रबूज़, आम, फिश आयल, मिल्क, अंडे विटामिन ए से भरपूर होते हैं। नमक, फैट और शुगर को कम करने का प्रयास करें।

वजन कम करने की कोशिश करें (Weight management) 

यदि वजन अधिक है, तो वजन कम करने की कोशिश करें। नियमित रूप से व्यायाम करें। एक सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली गतिविधि, जैसे पैदल चलना या साइकिल चलाना, प्रतिदिन 10,000 कदम चलना अच्छा तरीका हो सकता है। स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन बंद कर दें।

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यदि वजन अधिक है, तो वजन कम करने की कोशिश करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

2  शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करें (Control blood sugar, blood pressure and high cholesterol)

यदि आप नियमित रूप से ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल की निगरानी करती हैं, तो आपके लिए इन तीनों पर नियंत्रण रखना आसान हो सकता है। ये तीनों जितना मेंटेन रहेंगे, रेटिनोपैथी विकसित होने की संभावना उतनी ही कम होगी।

ग्लूकोज़ लेवल (Blood sugar level)

ब्लड शुगर 4 से 7 mmol/l होना चाहिए। स्तर पूरे दिन अलग-अलग हो सकता है, इसलिए इसे अलग-अलग समय पर जांचने का प्रयास करें।

ब्लड प्रेशर (blood pressure)

यदि मधुमेह है, तो आम तौर पर सलाह दी जाती है कि व्यक्ति अपना प्रेशर 140/80mmHg से अधिक न रखे। ब्लड प्रेशर बढ़ने पर भी आंखों की क्षति हो सकती है।

कोलेस्ट्रॉल (cholesterol level)

स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल स्तर 4 mmol/l से नीचे होना चाहिए। कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने पर भी आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ सकता है।

3 नियमित स्क्रीनिंग (Regular eye screening)

भले ही आपको लगता है कि आपका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित है, फिर भी समय-समय पर आंखों की जांच डायबिटीज के मरीज को कराते रहना चाहिए।इससे कुछ भी गलत होने से पहले ही किसी समस्या के लक्षणों का पता चल सकता है। रेटिनोपैथी का शीघ्र पता लगने से उपचार के प्रभावी होने और इसे बदतर होने से रोकने की संभावना बढ़ जाती है।

यदि आपको आंखों या विजन संबंधित कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो तुरंत डायबिटीज देखभाल टीम से संपर्क करना चाहिए।

इसके कारण ये समस्याएं हो सकती हैं 

धीरे-धीरे विजन लॉस होना
अचानक विजन लॉस
आंखों के सामने फ्लोटर्स का दिखना
धुंधली दृष्टि

is samsya se aankhein ho jaati hai kamzor
रेटिनोपैथी का शीघ्र पता लगने से उपचार के प्रभावी होने और इसे बदतर होने से रोकने की संभावना बढ़ जाती है। चित्र: शटरस्टॉक

आंख में दर्द या लाली
अंधेरे में देखने में कठिनाई
इन लक्षणों का यह मतलब नहीं है कि आपको डायबिटिक रेटिनोपैथी है, लेकिन इनकी तुरंत जांच कराना ज़रूरी है।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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