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20, 30 या 40? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं क्या है मां बनने की सही उम्र

किसी स्त्री को कब मां बनना है और कब हर हाल में बन ही जाना चाहिए, इस बारे में मासियां, चाचियां, भाभियां और बहनें कई सलाह देती हैं। पर क्या वाकई मां बनने की कोई आदर्श उम्र होती है, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं।
क्या ये सच है कि 30 के बाद मां बनना मुश्किल हो जाता है? चित्र : शटरस्टॉक
संध्या सिंह Updated: 20 Oct 2023, 10:04 am IST
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25 के बाद महिलाओं पर शादी के लिए इस तरह दबाव बनाया जाता है कि इसके बाद उनकी जिंदगी खत्म हो जाएगी और आसपास के लोगों की सिर्फ एक जिम्मेदारी हो जाती है आपकी शादी करवाना। अगर महिला 30 की है और सिंगल है तो आसपास के लोग आपको ये बताने में बिल्कुल भी देर नहीं करेंगे कि 30 के बाद आपकी जिंदगी खत्म और अगर आपने 35 की उम्र भी पार कर ली फिर आपसे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। पर वास्तव में क्या है मां बनने की सही उम्र (right age to get pregnant), आइए एक एक्सपर्ट से जानते हैं।

ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि माना जाता है कि 30 के बाद महिलाओं में फर्टिलिटी कम हो जाती है जिससे बच्चा होने में दिक्कत आती है क्योंकि शादी का मतलब ही अप्रत्यक्ष तौर पर बच्चे पैदा करना होता है। तो क्या ये सच है कि 30 के बाद मां बनना मुश्किल हो जाता है।

कई बार महिलाएं अपनी एजुकेशन, करियर, स्टेबिलिटी या सही साथी मिलने की वजह से शादी या प्रेगनेंसी में थोड़ा डिले करती है। क्योंकि पहले वो अपने आप को एक बच्चे के लिए तैयार करना चाहती है। तो जानते है कि क्या बढ़ती उम्र के साथ आपके मां बनने की उम्मीद कम हो जाती है।

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ये जानने के लिए हमने बात की बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ कंसल्टेंट डॉ. प्राची बिनारा से। उन्होंने बताया कि किसी भी लड़की का जन्म 1 से 2 मिलियन अंडे के साथ होता है। प्यूबर्टी तक पहुंचने तक इनकी संख्या गिर कर 3 लाख तक पहुंच जाती है। समय के साथ अंडों की संख्या और क्वालिटी में कमी आ रही है, और 30 के बाद अंडे की संख्या 1.8 से 2 लाख रह जाती है। उम्र बढ़ने के साथ अंडे की क्वालिटी और मात्रा दोनो में गिरावट आती है।

फर्टिलिटी रेट कम होना

डॉ. प्राची ने बताया की 20 से पहले महिलाओं में फर्टिलिटी रेट बहुत अच्छा होता है और हर बार ट्राई करने पर कंसीव करने का चांस 25% होता है 30 के बाद यह गिर कर 20% हो जाता है और 35 के बाद इसमें काफी तेजी से गिरावट आती है।

क्या हो सकती हैं प्रेगनेंसी में कॉप्लिकेशन

डॉ. प्राची के अनुसार बढ़ती उम्र के साथ प्रेगनेंसी में कंपलिकेशन का खतरा भी बढ़ सकता है जैसे मिसकैरेज का खतरा, बच्चे की शारीरिक रूप के बनावट में समस्या हो सकती है और आपकी नॉर्मल डिलीवरी के चांस भी कम हो जाते है। 20 से पहले मिसकैरेज का खतरा 7 से 8% होता है, 35 के बाद ये बढ़कर 30% हो सकता है और 42 की उम्र तक ये खतरा बढ़ कर 50% हो जाता है।

यहां हैं वे तकनीक जो बढ़ती उम्र में भी बेबी प्लान करने की सुविधा देती हैं

डॉ. प्राची ने बताया कि साइंस और मेडिकल के इतना आगे बढ़ने के बाद कई तरह के विकल्प और उपाय मौजूद है जिससे आप आराम से 35 के बाद भी मां बन सकती है।

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1 एग फ्रीजिंग (Egg Freezing)

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एग फ्रीजिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें महिलाएं गर्भधारण करने वाले अंडों को फ्रीज करते हैं और जब वे पूरी तरीके से प्रेगनेंसी के लिए तैयार हो जाती हैं तब अंडों को निकालकर संग्रहित किया जाता है और उन्हें पिघला कर एक प्रयोगशाला में स्पर्म के साथ फर्टिलाइजेशन किया जाता है और भ्रूण को गर्भाशय में डाला जाता है.

एग फ्रीजिंग आपको अपनी प्रजनन क्षमता को बाद के लिए सुरक्षित रखने का विकल्प उपलब्ध करवाती है। चित्र: शटरस्टॉक

2 एम्ब्रियो फ्रीजिंग (EMBRYO FREEZING)

एक या एक से अधिक भ्रूणों को भविष्य में उपयोग के लिए सुरक्षित रखने की प्रक्रिया। भ्रूण फ्रीजिंग में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन शामिल है, एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें एक महिला के अंडाशय से अंडे निकाले जाते हैं और भ्रूण बनाने के लिए प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ मिलाया जाता है। भ्रूण जमे होते हैं और बाद में उन्हें पिघलाया जा सकता है और एक महिला के गर्भाशय में रखा जा सकता है। एम्ब्रियो फ्रीजिंग एक प्रकार का फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन है।

3 स्पर्म फ्रीजिंग (SPERM FREEZING)

स्पर्म फ्रीजिंग एक ऐसी प्रक्रिया से है जिसमें पुरुष के स्पर्म को फ्रीज करके स्टोर किया जाता है। इसे सीमेन क्रायोप्रिजर्वेशन या स्पर्म बैंकिंग भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया से पुरुष के स्पर्म को जमा करके रखा जाता है ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके।

इस प्रक्रिया से पुरुष के स्पर्म को जमा करके रखा जाता है। चित्र: शटरस्टॉक

निष्कर्स

मां बनने की सही उम्र तभी होती है जब आप और आपका पार्टनर दोनों मिलकर एक बच्चे की जिम्मेदारी उठा सकते हो। समाज के दबाव में या आसपास के लोगों की वजह से कोई भी ऐसा फैसला न लें जो आपके लिए सही न हो क्योंकि एक बच्चे की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है इसलिए इसके लिए बहुत सोच समझकर और तैयार होकर ही कदम उठाना चाहिए।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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