2016 में WHO ने एक रिपोर्ट छापी थी। रिपोर्ट में इस बात का ज़िक्र था कि देश भर में लगभग 1.8 करोड़ लोग दिल की बीमारियों से मरे, जो दुनिया भर में दिल की बीमारियों से हुई मौतों का 31 प्रतिशत थी। इन 1.8 करोड़ लोगों में से 85 प्रतिशत ऐसे लोग थे जो हार्ट अटैक से मरे। यह आंकड़ा कितना बड़ा है जिसे आप यूं समझ सकते हैं कि दुनिया में कई देश ऐसे हैं जिनकी आबादी भी इतनी नहीं जितने लोगों की भारत में हार्ट की बीमारियों से मौत हो गई। अगर बीमारी इस बड़े पैमाने पर है तो जाहिर है इसका ध्यान भी गम्भीरता से ही रखना पड़ेगा। इसीलिए आज हम आपको डॉक्टर की मदद से बताने वाले हैं वो दस तरीके जिससे आप अपनी हार्ट हेल्थ ( heart health) को दुरूस्त रख सकते हैं।
कार्डियोलोजिस्ट डॉक्टर प्रकाश चन्द्र शाही के अनुसार कुछ एक तरीके ऐसे हैं जिनके बारे में अगर लोगों को पता हो तो किसी भी बड़ी इमरजेंसी से बचा जा सकता है।
अच्छा और स्वस्थ खाना दिल का स्वास्थ्य (heart health) सही रखने का पहला कदम है। इसके लिए अपने खाने में ताजे फल, सब्जियां, दही और खड़ा अनाज शामिल करिए। तले-भुने या बहुत ज़्यादा फैट वाले खाने से बचिए। ताकि शरीर का कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहे। ज्यादा नमक वाले खाने से भी बचिए। अधिक नमक वाला खाना आपके शरीर में हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है।
कोशिश करें कि हर दिन कम से कम तीस मिनट व्यायाम कर सकें। व्यायाम शरीर मे ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखता है जो दिल की अच्छी सेहत ( heart health) के लिए ज़रूरी है।
इसमें कार्डियो एक्सरसाइज जैसे तेज चलना, दौड़ना, साइक्लिंग और तैराकी शामिल हैं जो ब्लड सर्कुलेशन सुधारने में मदद करते हैं। इसके अलावा योग और मेडिटेशन को कभी ना भूलें। क्योंकि योग तनाव कम करता है और आज दिल की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण तनाव ही है।
रोज़ाना कम से कम 7-8 घंटे नींद ज़रूर लें। इससे दिल का स्वास्थ्य ( heart health) ठीक रहता है। नींद की कमी हार्मोनल इम्बैलेंस (Harmonal Imbalance) और ब्लडप्रेशर को बढ़ा सकती है। ध्यान ये भी रखना है कि सोने का समय तय हो और सोने से पहले मोबाइल से दूरी बनी रहे।
एक रिपोर्ट में पिछले साल यह सिद्ध हुआ था कि अगर मोटापा कम हो जाए तो दिल की बीमारियों के खतरे 20 प्रतिशत तक कम हो सकते हैं। इसलिए दिल को स्वस्थ रखने के लिए वजन नियंत्रित रखना ज़रूरी है।
वजन कंट्रोल में रखने से आपको हार्ट की बीमारियों के ही नहीं बल्कि हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लडप्रेशर और डायबिटीज के भी खतरे कम हो जाएंगे।
साल में एक बार दिल की जांच जरूर कराएं। इससे फायदा यह होता है कि हार्ट अटैक, कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसे खतरों से ये टेस्ट आपको पहले ही आगाह कर देगा और डॉक्टर से मिलकर आप इनका निदान करवा लेंगे।
वे फिल्मी बातें हैं जहाँ दिल और दिमाग का कोई कनेक्शन नहीं दिखाया जाता। असल जिंदगी में आप क्या सोचते हैं और कितने परेशान हैं, इन सब का असर आपके दिल पर पड़ता है। तो अगर आप मानसिक स्तर पर किसी भी समस्या से जूझ रहे हैं तो प्रोफेशनल्स की मदद लें। दिल के स्वस्थ रहने के लिए दिमाग का पॉजिटिव अप्रोच होना बहुत ज़रूरी है।
धूम्रपान और हद से ज़्यादा शराब का पीना आपके दिल की सेहत के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है। सिगरेट पीने से खून की नसों को नुक़सान पहुंचता है जिससे खून का बहाव सही तरीके से नहीं हो पाता और दिल पर ज़्यादा प्रेशर पड़ता है।
इसी वजह से दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ता है। ऐसे ही, ज़्यादा शराब पीना भी नुकसानदेह है। ऐसा करना मतलब, ब्लड प्रेशर को बढ़ाने के साथ-साथ खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को भी बढ़ा देना। ये दिल का स्वास्थ्य ( heart health) बिगड़ने की वजह बन सकता है।
डायबिटीज और हार्ट की बीमारियों का बड़ा कनेक्शन है। अगर आपको डायबिटीज है तो आपको इसे कंट्रोल में रखने की ज़रूरत है। परहेज़ और नियमित व्यायाम ऐसा करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके साथ आपको नियमित आपके ब्लड शुगर को मॉनिटर भी करते रहना होगा।
हाई ब्लडप्रेशर बहुत बार दिल की बीमारियों यहाँ तक कि हार्ट अटैक की वजह बनता है। आपको ब्लड प्रेशर का ध्यान रखना होगा अगर आप दिल की बीमारियों से बचना चाहते हैं।
कोशिश करें कि आपका ब्लड प्रेशर 120/80 मिमी से ऊपर ना जाए। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल भी शरीर मे बढ़ने मत दें। यह भी आपके दिल के लिए गम्भीर खतरा है। ज़रूरत पड़ने पर कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।
आज कल की लाइफस्टाइल में धीरे-धीरे तनाव जिंदगी का ही एक पहलू बनता जा रहा है। इसीलिए दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। इससे बचें। तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन का सहारा लें। गहरी सांस लेते रहें। घर-परिवार और दोस्तों से अपनी परेशानियों को बांटें, ताकि आपके दिल का स्वास्थ्य ( heart health) दुरुस्त रहे।
1. अगर सीने में दर्द या दबाव जैसा महसूस हो रहा हो तो ये हार्ट अटैक का इशारा हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें।
2. थोड़ा-सा काम करने पर भी सांस फूलने लगे तब भी डॉक्टर से मिल लें।
3. बाएं हाथ, गर्दन, या जबड़े में दर्द होना भी हार्ट की बीमारी का गंभीर संकेत है। ये डॉक्टर से मिल लेने का वक्त हो सकता है।
4. अगर अचानक से बहुत थकावट या कमजोरी महसूस हो और रोजमर्रा के काम करना मुश्किल हो जाए, तो यह भी दिल से जुड़ी दिक्कत का इशारा है। इसलिए देर ना करें
5. दिल की धड़कन का तेज़ चलना, पैरों, टखनों या पेट में सूजन होना भी खतरे की घण्टी है।
6. अगर ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा बढ़ जाए या अचानक कम हो जाए तो इसे भी इग्नोर मत करें। तुरंत डॉक्टर से मिल लीजिए।
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