Poor digestion signs : सांसों में बदबू और शुगर क्रेविंग समेत ये 10 संकेत बताते हैं कि आपको अपने पाचन पर है ध्यान देने की जरूरत

वेट लॉस करने और स्वस्थ रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है आपके पाचन तंत्र का बेहतर तरीके से काम करना। मगर इसका संबंध सिर्फ आपके पेट ही नहीं, बल्कि मूड और ओरल हेल्थ से भी है।
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वे लोग जो सिगरेट पीते है, इसके चलते उन्हें सांस की दुर्गंध से भी दो चार होना पड़ता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 1 Apr 2024, 03:43 pm IST
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पाचन क्रिया शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है। पाचन प्रक्रिया संबंधी छोटी सी भी गड़बड़ी सेहत को बेहद गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है, साथ ही इसकी वजह से हमारी दिनचर्या पर बेहद नकारात्मक असर देखने को मिलता है। पूरे दिन सक्रिय रह पाचन क्रिया अपना कार्य करती है, ऐसे में इसे अलग अलग हेल्दी, अनहेल्दी, ऑयली और प्रोसेस्ड फूड्स के लिए कार्य करना पड़ता है। वहीं ये खाद्य पदार्थ पाचन क्रिया को कमजोर कर सकते हैं, जिसकी वजह से पाचन संबंधी अन्य समस्याएं आपको परेशान करना शुरू कर देती हैं। पाचन क्रिया के असंतुलित होने पर शरीर में कई अन्य नकारात्मक संकेत नजर आते हैं, तो चलिए जानते हैं बॉडी क्या संकेत देती हैं (signs of poor digestion)।

न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ कोच नेहा रंगलानी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए पाचन स्वास्थ्य के खराब होने पर नजर आने वाले कुछ संकेत बताए हैं (signs of poor digestion)। तो चलिए जानते हैं, किन संकेतों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए।

ये शारीरिक संकेत बताते हैं कि आपके पाचन क्रिया को है देखभाल की आवश्यकता (signs of poor digestion)

1. पाचन संबंधी समस्याएं

यदि आपको लगातार पेट में सूजन, गैस, कब्ज, दस्त, या पाचन संबंधी किसी प्रकार की अन्य परेशानी रहती है, तो ये समस्याएं आपके आंत माइक्रोबायोम में असंतुलन का संकेत दे सकती है। यह परेशानी बताती हैं की अब आपको अपने पाचन क्रिया को डिटॉक्स करने की आवश्यकता है, साथ ही साथ आपको गट माइक्रोबायोम के प्रति सचेत रहना चाहिए।

Citrus fruit digestion ko kaise pahunchaate hain nuksaan
खट्टे फल एसिडिक होते हैं, जो पाचन संबधी समस्याओं का कारण साबित होते हैं। चित्र शटरस्टॉक।

2. बार-बार संक्रमण होना

यदि आप बार-बार बीमार या संक्रमित होती हैं, तो यह आपकी कमजोर इम्यूनिटी का संकेत हो सकता है। इम्यूनिटी संबंधी समस्याएं पाचन क्रिया से जुड़ी होती हैं, ऐसे में जब पाचन क्रिया में टॉक्सिंस जमा हो जाते हैं और यह सही से कार्य नहीं कर पाती, तो इसका प्रभाव आपकी इम्यूनिटी पर पड़ता है। वहीं इम्यूनिटी कमजोर होने पर पाचन क्रिया के लिए सही से कार्य करना मुश्किल हो जाता है। दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं, इसलिए इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ ही पाचन संबंधी समस्याओं पर गौर करना भी जरूरी है। उन्हें ट्रीट करने के लिए जरूरी देखभाल दें।

3. थकान और ऊर्जा शक्ति में कमी महसूस होना

पर्याप्त नींद और आराम लेने के बावजूद थकान या सुस्ती महसूस हो रही है, तो यह आपके पाचन की स्थिति को दर्शाता है। ये संकेत बताते हैं कि आपका पाचन क्रिया कमजोर हो चुका है या फिर गट माइक्रोबायोम असंतुलित हो चुके हैं। यदि लंबे समय से पाचन संबंधी समस्याओं के साथ आपको थकान और ऊर्जा शक्ति की कमी महसूस हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें और अपने डाइजेस्टिव सिस्टम और अपने नियमित डाइट पर ध्यान दें।

4. मूड स्विंग या मेंटल हेल्थ संबंधी परेशानियां

आंत और आपका मस्तिष्क आपस में जुड़ा होता है। वहीं गट माइक्रोबायोम के असंतुलन से मूड प्रभावित हो सकता है, जिससे एंजायटी, डिप्रैशन या चिड़चिड़ापन का अनुभव होता है। साथ ही आप पूरे दिन मूड स्विंग्स और लो मोड का अनुभव कर सकती हैं। यदि आपको मानसिक रूप से परेशानी हो रही है, तो अपने पाचन स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें और इसपर ध्यान दें।

Skin problems se pareshan
पाचन क्रिया त्वचा को प्रभावित कर सकता है. चित्र : शटरस्‍टॉक

5. बढ़ती स्किन प्रॉब्लम्स

एक्ने, एक्जिमा या रोसैसिया जैसी स्थितियां आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन से संबंधित हो सकती हैं। यदि आपको पाचन संबंधी समस्या के साथ त्वचा संबंधी समस्याएं हो रही हैं, तो आपको अपने पाचन क्रिया के प्रति विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है प्रयाप्त मात्रा में पानी पीना।

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6. शुगर क्रेविंग्स

चीनी युक्त खाद्य पदार्थों की तीव्र लालसा आंत में हानिकारक बैक्टीरिया के एक्सेस ग्रोथ का संकेत दे सकती है, जो चीनी पर पनपते हैं। यदि अचानक से शुगर क्रेविंग बढ़ गई है, तो पाचन क्रिया को डिटॉक्स करें। साथ ही साथ प्रोबायोटिक्स लें, जिससे की गट में हेल्दी बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ जायेगा।

7. ऑटोइम्यून कंडीशंस

कुछ ऑटोइम्यून डिजीज, जैसे रुमेटीइड गठिया या क्रोहन डिजीज, गट डिस्बिओसिस से जुड़े होते हैं। ऐसी परेशानियों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। वहीं यह गंभीर परेशानियां हैं, इनपर डॉक्टर से सलाह लें।

8. अनवांटेड वेट चेंजेज

आहार या व्यायाम की आदतों में बदलाव के बिना अचानक से वजन घटना या बढ़ना आंतों से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकते हैं। वजन घटना या बढ़ना अच्छा संकेत नहीं है, इसे नजरंदाज न करें। डॉक्टर से मिलकर इस पर सलाह लें।

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असंतुलित वजन पर ध्यान देना जरुरी है. चित्र : एडॉबीस्टॉक

9. नींद न आना

नींद की खराब गुणवत्ता या अनिद्रा न्यूरोट्रांसमीटर उत्पादन को प्रभावित करने वाले आंत बैक्टीरिया में असंतुलन से संबंधित हो सकती है। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है, तो आपको अपने पाचन क्रिया को डिटॉक्स करने पर ध्यान देना चाहिए।

10. सांसों की बदबू

एक बेहतर ओरल हाइजीन के बावजूद लगातार सांसों से दुर्गंध आना, अंतर्निहित गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में पाचन संबंधी समस्याओं के प्रति सचेत रहें। सांसों की बदबू को अवॉइड करने के लिए आपको पाचन क्रिया को डिटॉक्स करने पर ध्यान देना चाहिए।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं।

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