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World Organ Donation Day : इस एक मिनट की स्लाइड में जानिए आप कैसे बचा सकते हैं किसी का जीवन

Published on:12 August 2022, 19:38pm IST

दान पुण्य करने का मतलब सिर्फ खाना या कपड़े बांटना ही नहीं है। यह शरीर सबसे कीमती है। यहां आंख की जगह सिर्फ आंख ले सकती है और किडनी की जगह सिर्फ किडनी। इसलिए जब कोई व्यक्ति किसी अंग विशेष के फेल हो जाने के कारण जीवन और मृत्यु से जूझ रहा होता है, तब आप अंगदान कर किसी को जीवनदान दे सकते हैं।

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वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे - जागरूकता की कमी के कारण अंगदान को लेकर लोगों के मन में कई सारी गलतफहमियां हैं। इसलिए हर साल 13 अगस्त को अंगदान दिवस (World Organ Donation Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को मृत्यु के बाद अंगदान करने के लिए प्रेरित करना और अंगदान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है। भारत में देश में अंग दान को विनियमित करने के लिए Human Organs and Tissues Act बना है। यह कानून मृतक और जीवित दोनों लोगों को अपने अंग दान करने की अनुमति देता है।

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कब शुरू हुआ वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे - पहली बार अंगदान 1954 में किया गया था जब रोनाल्ड ली हेरिक ने अपने जुड़वां भाई को एक किडनी दान की थी। डॉक्टर जोसेफ म्यूरे ने उस प्रक्रिया का संचालन किया था। जिसके लिए उन्हें 1990 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार भी मिला।

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किन अंगों का दान किया जा सकता है - एक व्यक्ति अपने हृदय, गुर्दे, अग्न्याशय, फेफड़े, लिवर, आंतों, हाथ, चेहरे, ऊतकों, अस्थि मज्जा और स्टेम कोशिकाओं को दान करने का वचन देकर कई बीमारियों से आठ लोगों की जान बचा सकता है। इसलिए स्वेच्छा से अंग दान करने की वजह से आप मृत्यु के बाद भी कई लोगों की जान बचा सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में लगभग 0.01 प्रतिशत लोग मृत्यु के बाद अपने अंग दान करते हैं।

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कौन कर सकता है अंगदान - किसी भी उम्र के लोग अपने अंग किसी जरूरतमंद को दान कर सकते हैं। यदि कोई दाता 18 वर्ष से कम आयु का है, तो उसे अंग दाता के रूप में खुद को पंजीकृत करने के लिए माता-पिता या वयस्क अभिभावकों की सहमति की आवश्यकता होती है।

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आप किस तरह कर सकते हैं अपने ऑर्गन डोनेट - अपने ऑर्गन्स को डोनेट करने के लिए आप भारत में किसी भी सरकारी संस्था,या ऑर्गन डोनेशन NGO से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम का फॉर्म 7, ऑनलाइन भरकर अंगदान के लिए अपनी सहमति दे सकते हैं। इसके बाद आप इसे Human Organs and Tissues Organization को भेज सकते हैं।

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