खराब जीवनशैली और खानपान में कोताही बरतने के चलते लोग दिनों दिन लिवर संबधी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। हेपेटाइटिस बी लिवर को नुकसान पहुंचाने वाला एक संक्रमण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में अब तक 40 मिलियन लोग हेपेटाइटिस बी और 6 से 12 मिलियन लोग हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं।
हेल्दी लिवर तो हेल्दी आप - लिवर हमारे शरीर का एक ज़रूरी आर्गन है। जो ब्लड को प्यूरिफाई करने में मदद करता है। साथ ही पाचन क्रिया को भी नियंत्रित कर देता है। इसके लक्षण शरीर में देरीसे नज़र आते हैं। इसकी रोकथाम के लिए बच्चों को नन्ही उम्र में ही इसकी वैक्सीनेशन दी जाती है। इस जानलेवा रोग से बचने के लिए हमें अपने लाइफ स्टाइल को हेल्दी बनाना होगा। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करन के लिए हर साल वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है।
वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे -इसकी शुरूआत 28 जुलाई 2008 से हुई थी। उस वक्त पहली बार विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया गया था। दरअसल डॉ बारूक ब्लमबर्ग ने कई प्रकार के टेस्ट और परिक्षणों के आधार पर हेप.बी वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन की खोज की थी। इसके लिए उन्हें साल 2008 में उनकी जन्मतिथि के दिन ही पुरस्कृत किया गया था। तभी से हर साल उस खास दिन को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के तौर पर मनाया जाता है।
क्या है हेपेटाइटिस-हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिससे लिवर प्रभावित होने लगता है। इस संक्रामक रोग में लिवर में सूजन की समस्या बढ़ने लगती है। इस वायरस के पांच प्रकार होते हैं। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई। गलत खानपान, दूषित पानी, ब्लड ट्रांसफ्यूजन और अल्कोहल का अनियंत्रित सेवन इस समस्या के कारण बन सकते हैं। भारत में इस समस्या को एक सीरियस पब्लिक हेल्थ प्रोब्लम के तौर पर देखा जा रहा है।
क्यों फैलने लगता है हेपेटाइटिस - ये बीमारी वायरस इन्फेक्शन से फैलती है। ऐसे में इन्फेक्टिड फूड और पानी पीने से बचना चाहिए। साथ ही संक्रमित इंजेक्शन भी इस समस्या के पनपने का कारण बनसकता है। कुछ दवाओं के अत्यधिक सेवन से लिवर में सूजन हो जाती है। यह सूजन भी हेपेटाइटिस का कारण बन सकती है। साथ ही अल्कोहल का नियमित सेवन लिवर डैमेज होने का जोखिम बढ़ा देता है। अनप्रोटेक्टेड सेक्स भी इसे संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्तियों में फैला सकता है।
.हेपेटाइटिस से बचाव के तरीके - इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए टीकाकरण सबसे प्रमुख कदम है। जो हमें इस समस्या से बचाने में भी मदद करता है। जहां हेपेटाइटिस बी के लिए वैक्सीनेशन उपलब्ध है, तो हेपेटाइटिस सी और ई के लिए कोई वैक्सीन इंटरोडयूज़ नहीं की गई है। ये पानी, खाद्य पदार्थों और अनसेफ सेक्स से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।