ब्रेन ट्यूमर का भी कारण बन सकता है अंधेरे में मोबाइल फोन देखना, जानिए इसके गंभीर स्वास्थ्य जोखिम

Updated on:12 September 2023, 18:31pm IST

विशेषज्ञों की लाख हिदायतों के बावजूद लोग रात में भी मोबाइल फोन स्क्रॉल करना नहीं छोड़ पा रहे हैं। अधिकांश लोग जब रात में सोने जाते हैं, तो फोन चलाने लगते हैं। थोड़ी देर के लिए भले ही ये रिलैक्सिंग और एक्साइटिंग लगे पर यह हमारी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है।

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रात में अपने सभी डेली रुटीन खत्म करने के बाद आप खान-पीना करते है और लाइट्स बंद कर अपने बैड पर पहुंचते हैं, लेकिन वहां पहुंच कर सोने के बजाय आप अपने सबसे करीब साथी यानी मोबाईल के साथ समय बिताना शुरू कर देते है। एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से दूसरे में स्विच करते है और फिर ये सिलसिला लंबा चलता ही रहता है। अगर आप भी कुछ ऐसा ही करते है तो यह सिर्फ आपका रूटीन ही नहीं बल्कि 70-80 प्रतिशत लोगों रूटीन है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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रात में फोन प्रयोग करने से हो सकती है कई बीमारियां- यूनिवर्सिटी और बॉस्टन के किए हुए एक सर्वे में ये पता चला है कि रात में लाइट्स बंद करने के बाद 70-80 प्रतिशत लोग यही करते है, जिनके कारण उनकी स्लीप शेड्यूल से लेकर आंखों के स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। इसी के साथ तमाम तरह की समस्याएं भी देखने को मिलती है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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नींद को भी कम करता है रात में फोन चलाना- रात में फोन चलाने के मुद्दे पर डॉ. प्रवीण त्रिपाठी बताते है कि रात में नींद लाने के लिए 'मिलेटोनिन' नामक केमिकल दिमाग से रिलीज होता है, लेकिन यह केमिकल तब ही रिलीज होता है जब, रेटिना पर लाइट पड़ना बंद होती है। इसलिए अगर आप लगातार रात में फोन देखते रहते है तो आपका स्लीप शेड्यूल भी बिगड़ सकता है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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आजकल के परिवेश में मोबाइल फोन एक बेहद ही जरूरी चीज़ बन गई है। लेकिनी तमाम खूबियों के साथ मोबाइल फोन अपने अंदर कई सारी खामियां भी छुपाया हुआ है। अगर आप भी पैरेंट्स है और अपने बच्चेको बहलाने के लिए अपना मोबाइल थमा देते हैं तो, आप अपने बच्चे को मानसिक रूप से काफी कमज़ोर कर रहे हैं। मोबाइल फोन के ज्यादा प्रयोग से आपके बच्चे कई रोगों से ग्रसित भी हो सकते है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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कम हो सकती है आंखों की रोशनी- फोन में मौजूद लाइट अंधेरे में आपकी आंखो को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है। तेज़ लाइट के कारण आंखों में मौजूद रेटिना पर तनाव पड़ता है और आंखे प्रभावित होती हैं। ऐसी स्थिति से आंखों में ड्राई आई जैसी कई तरह की समस्याएं होती हैंं । चित्र-अडोबीस्टॉक

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बढ़ जाता है तनाव और डिप्रेशन का जोखिम - रात में नींद न आने के कारण फोन चलाने की लत व्यक्ति को डिप्रेस भी कर सकती है। आजकल सोशल मीडिया सहित इंटरनेट पर तमाम ऐसी चीज़ें मौजूद है जिन्हें देखने के बाद व्यक्ति तनावपूर्ण महसूस करने लगता है, जिसके कारण डिप्रेशन का रिस्क भी बढ़ सकता है । चित्र-अडोबीस्टॉक

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ब्रेन ट्यूमर का भी होता है खतरा- कई वर्षो पहले तक सिर्फ बुज़ुर्गों में होने वाली ये बीमारी अब युवाओं में ज्यादा संख्या में देखी जा रही है। दरअसल, फोन चलाने के कारण उसमें मौजूद हानिकारक रेडिएशन हमारे ब्रेन में पहुंचती है, जिसके कारण इस बीमारी का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। चित्र-अडोबीस्टॉक