शुंठी (Shunthi) : आयुर्वेदिक हर्ब शुंठी के उपयोग का उल्लेख चरक संहिता, सुश्रुत संहिता में भी मिलता है। यह पाचन प्रक्रिया को सही कर शरीर के मेटाबोलिज्म में सुधार लाता है। यह फ्री रेडिकल्स को खत्म करता है। इसमें फाइटोकेमिकल जिंजरोल उपस्थित होता है, जो मोटापा घटाने में मदद कर सकता है। एक चौथाई स्पून शुंठी सुबह खाली पेट लिया जा सकता है। चित्र: शटरस्टॉक... अधिक पढ़ें
त्रिफला भोजन के उचित पाचन और अवशोषण को बढ़ावा दे सकता है। सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है। चित्र : एडोब स्टॉक
गिलोय (Giloy) : आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। यह इम्युनिटी को बूस्ट करता है। यह बोवेल मूवमेंट को सही करता है और वजन घटाता है। यदि इसे एलोवेरा औरशिलाजीत के साथ मिलाकर लिया जाता है, तो यह बैली फैट घटाने में कारगर होता है। वजन कम करने के लिए आधा कप गिलोय के रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर लिया जा सकता है। डायबिटीज के पेशेंट शहद मिलाकर नहीं लें।... अधिक पढ़ें
नागरमोथा (Nagarmotha) : नागरमोथा में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है। इसी वजह से यह एंटी इन्फ्लामेट्री गुणों वाला होता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट फ्लेवोनोइड्स भी पाए जाते हैं। नागरमोथाहर्ब वजन बढ़ने से रोकता है। इसमें राइजोम कंपाउंड पाए जाते हैं। यह एंटी ओबेसिटी वाला माना जाता है। इससे शरीर को वसा कम करने में मदद मिलती है। नागरमोथा राइजोम जूस का सेवन प्रतिदिन करने से वेट लॉस में मदद मिलती है। ... अधिक पढ़ें
गुग्गुल : गुग्गुल वात, पित्त और कफ दोष को दूर करता है। यह शरीर के टोक्सिन को दूर कर शरीर के वजन को घटाता है। गुग्गुल को वटी के रूप में लिया जा सकता है। इसके आधा चम्मच चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है। गुग्गुल के अलावा खांसी-जुकाम को कम करने वाली पिप्पली भी कारगर है। ... अधिक पढ़ें