अनहेल्दी लाइफस्टाइल और अनुचित खान पान के चलते डायबिटीज़ के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्वभर में 422 मीलियन लोग डायबिटीज़ से ग्रस्त हैं और हर साल 1.5 मीलियन लोगों की मौत हो रही है।
लो कैलोरी फूड पालक में मैग्नीशियम की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे शरीर में टाइप 2 डायबिटीज़ का जोखिम कम हो जाता है। इसमें मौजूद पोटेशियम, आयरन, कैल्शियम और विटामिन ए, सी, ई और केकी मात्रा ब्लड वेसल्स को रिलैकस करके शरीर में ग्लूकोज़ के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के अनुसार पालक का जीआई लेवल लो होने के चलते इसे सूप, सलाद और सब्जी के रूप में खाया जा सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार आहार में कार्ब्स की अधिक मात्रा टाइप 2 डायबिटीज़ को बढ़ा सकती है। इसके लिए आहार में ओट्स, ब्राउन राइज़, क्विनोआ और जवार को शामिल करे। ओट्स समेत अन्य साबुत अनाज में फोलेट, क्रोमियम, बी विटामिन और मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती हैं। इसके अलावा इन खाद्य पदार्थों में घुलनशील फाइबर अधिक होता है, जिससे डाइजेशन बूस्ट होता है।
एवोकाडो का सेवन करने से शरीर को विटामिन, मिनरल और फाइबर की प्राप्ति होती है। इसे आहार में शामिल करने से ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर को नियमित बनाए रखने में मदद मिलती है। इसमें फाइबर के साथ पाए जाने वाले हेल्दी फैट्स वज़न को संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडैक्स 15 है, जो लो है और डायबिटीज़ के लेवल को नियंत्रिम करने में मदद मिलती है।
इसके सेवन से गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे गट हेल्थ बूस्ट होती है और ब्लड शुगर को नियंत्रित बनाए रखने में मदद मिलती है। दही के सेवन से शरीर को प्रोटीन और कैल्शियम कीप्राप्ति होती है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होने से इसके पाचन और अवशोषण धीमी गति से होता है। इसके अलावा शरीर को हेल्दी फैट्स की प्राप्ति होती है।