आंखों का कमजोर होना आपकी प्रोडक्टिविटी, मेंटल और फिजिकल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि उन आदतों को छोड़ें जो आंखों को कमजोर करती हैं, साथ ही आंखों की नियमित जांच जरूर करवाएं।
यह दुनिया बहुत खूबसूरत है और अगर आप भी इस दुनिया को अपनी नज़रों से देख सकते हैं तो स्वाभाविक रूप से आप बहुत ख़ुशक़िस्मत हैं। यदि आपको भी दुनिया को देख पाने की शक्ति मिली हैं, तो आपको अपनी 'आई हेल्थ' पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ऐसे ही आंखों की मेडिकल केयर और स्वस्थता बनाए रखने के बारे में दुनिया को जागरूक करने के लिए हर साल अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को 'वर्ल्ड साइट डे' (world sight day) के तौर पर मनाया जाता है। इसीलिए इस साल 12 अक्टूबर को यह विशेष दिन मनाया जाएगा। चित्र-अडोबीस्टॉक
आंखों की मेडिकल केयर और उसकी स्वस्थता पर काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस हर साल वर्ल्ड साइट डे का आयोजन करती है और आंखो के संदर्भके दुनिया को जागरूक करती है। वहीं, लायंस क्लब इंटरनेशल फाउंडेशन ने सबसे पहले 8 अक्टूबर 1998 को दुनिया भर में आंखो में होने वाली तमाम बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पहला साइट डे मनाया था। लेकिन आजकल भी लोग आंखों से जुड़ी तमाम समस्याओं से अनजान हैं। अगर आपको भी आंखो को लेकर कुछ ऐसे लक्षण दिखे, तो तुरंत सतर्क हो जाए। चित्र-अडोबीस्टॉक
आंखो की समस्या के लक्षणों में प्रकाश संवेदनशीलता यानि सेंस्टिविटी ऑफ लाइट भी एक बहुत बड़ा लक्षण होता है। दरअसल, प्रकाश संवेदनशीलता एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण तेज रोशनी के कारण व्यक्ति की आंखें असहज हो जाती है। मेडिकल टर्म में इस समस्या को 'फोटोफोबिया' भी कहा जाता है। आमतौर पर जब कोई व्यक्ति हल्के फोटोफोबिया से पीड़ित होता है तो उसे मामूली लक्षण दिखाई देते हैं। जबकि गंभीर मामलों में आंखो पर किसी भी तरह की रोशनी पड़ती है, तो उसकी आंखों में दर्द होता है और परेशानी महसूस होने लगती है। चित्र-अडोबीस्टॉक
अगर आपको भी धुंधला दिखाई देता है, तो आपको यह समझने की जरूरत है कि आपकी 'आई हेल्थ' अच्छी नहीं हैं। आंखों का धुंधला दिखाई देना कई बार कॉर्नियल अब्रेशन (कॉर्निया के छालने की समस्या) या कॉर्नियल इन्फेक्शन जैसी कॉर्निया की समस्याओं के कारण हो सकता है। आंखों के सबसे महत्वपूर्ण भाग रेटिना में होने वाली समस्याओं के कारण भी धुंधला दिखाई पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि ऐसी स्थिति आई स्पेशलिस्ट से संपर्क करें। चित्र-अडोबीस्टॉक
अमेरिकन ऑप्टोमेट्रिक एसोसिएशन के अनुसार कलर ब्लाइंडनेस भी एक तरह की आंखों की समस्या है, जिसमें व्यक्ति अलग-अलग तरह के रंगों में अंतर कर पाने में नाकाम होता है। इस संस्था के अनुसारव्यक्ति में इस तरह कि समस्या रेटिना में पाए जाने वाले 'फ़ोटोरिसेपटर्स' की कमी के कारण हो सकती है, जिसे आम भाषा में 'कोण सेल्स' भी कहा जाता है। यह कोन सेल्स लाइट के प्रति सेंस्टिवि होते है, जिससे हमें रंगों के बारें में पता चलता है । चित्र-अडोबीस्टॉक
जर्नल और ऑप्थेल्मोलॉजी एंड आई केयर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़, आंखों को हाइड्रेटेड बनाए रखने के लिए आंसू बहुत अहम भूमिका निभाते है। आंखों का हाइड्रेशन आंखों को तमाम तरह की प्राकृतिक गंदगी जैसे धूल, मिट्टी से बचाता है। लेकिन अगर आपको ड्राई आइज़ की समस्या होने लगती है, तो स्वाभाविक रूप से यह एक कारण है जिससे पता चलता है कि आपकी आंखो की हेल्थ अच्छी नहीं है। चित्र-अडोबीस्टॉक
अगर आपको ऐसा लगे कि आपको कुछ झिलमिलाते हुए सितारे दिखाई दे रहे हैं या आपके सामने किसी तरह की रेखाएं और धब्बे हैं, तो इसका मतलब है कि आपको अपनी आई-हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए। आमतौर पर, इन धब्बे या झिलमिलाते तारों को मेडिकल टर्म में ‘फ्लोटर्स’ कहा जाता है। यदि ये फ्लोटर्स छोटी मात्रा में होते हैं, तो हानिकारक नहीं होते। पर अगर ये ज्यादा दिखने लगे, तो स्वाभाविक रूप से यह रेटिनोपैथी, यूवाइटिस और मोतियाबिंद जैसी विषम समस्या का लक्षण भी हो सकता है। चित्र-अडोबीस्टॉक
लाल आंखें होना भी स्वास्थ्य के लिए एक 'रेड फ्लैग' होता है। अगर आपकी आंखें भी लाल बनी रहती है तो इसके एलर्जी, सूखापन, ग्लूकोमा या यूवाइटिस जैसे कुछ गंभीर कारण हो सकते हैं। लेकिन वहीं, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवांस रिसर्च के अनुसार आखों में लगातार लालिमा रहना उच्च रक्तचाप का लक्षण भी हो सकती है। वहीं, यदि ये आँखों से डिस्चार्ज या दृष्टि में परिवर्तन के साथ है, तो किसी भी गंभीर स्थिति से निपटने के लिए नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। चित्र-अडोबीस्टॉक
यदि आपको रात होने या अंधेरा होने पर देखने में परेशानी होती है, तो आपको रात्रि दृष्टि दोष यानी नाइट ब्लाइंडनेस की समस्या हो सकती है। आपकी आंखें अच्छी रोशनी और अंधेरे स्थानों के बीचआसानी से तालमेल बिठा सकती हैं, लेकिन अगर आंखों में कुछ समस्याएं होती हैं, तो ऐसा करना मुश्किल हो सकता है, जिसके कारण देखने में दिक्क्त और आंखों में दर्द का सामना करना पड़ सकता है। चित्र-अडोबीस्टॉक