कई बार लोगों को अचानक से पेट दर्द शुरू हो जाता है, जिसे वे लंबे समय तक नज़रअंदाज करते रहते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए अन्यथा छोटी सी समस्या गंभीर परेशानी में बदल सकती है। पेट के असामन्य दर्द के लिए ये 5 समस्याएं जिम्मेदार हो सकती हैं।
पेट का फ्लू या गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक आम परेशानी है। यू.एस. इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का कहना है, कि यूनाइटेड स्टेट अमेरिका में हर साल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के 350 मिलियन से ज़्यादा मामले सामने आते हैं। इनमें से 48 मिलियन मामले खाद्य पदार्थों के कारण पनपने वाले बैक्टीरिया से होते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति के पेट और आंतों में सूजन हो जाता है। इसके लक्षणों में ऐंठन, दस्त, मतली और उल्टी शामिल हैं। यदि आपके पेट में दर्द के साथ ये अन्य लक्षण नजर आ रहे हैं, तो बिना देरी के डॉक्टर से मिलकर सलाह लें।
एसिड रिफ्लक्स एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेट का एसिड वापस पेनक्रियाज में प्रवाहित होने लगता है। इससे सीने में जलन, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और मुंह में खट्टा स्वाद आ सकता है। क्रोनिक रिफ्लक्स अल्सर जैसी परेशानी को ट्रिगर कर सकता है। यह एक आम आम समस्या है, परंतु कई गंभीर परेशानी पैदा कर सकता है। यदि सीने में जलन के साथ पेट में दर्द हो रहा है, तो आपको ध्यान देना चाहिए।
किडनी में मिनरल जमा होने से गंभीर ऐंठन और दर्द हो सकता है, जो पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर पेट से होते हुए कमर के क्षेत्र तक पहुंच जाते हैं। लक्षणों में गंभीर पेट दर्द के अलावायूरिन में ब्लड और मतली जैसे अन्य लक्षण शामिल हो सकते है। किडनी स्टोन पुरानी किडनी की बीमारियों, किडनी फेलियर और हृदय संबंधी बीमारियों के बढ़ते जोखिम से हो सकती है। यदि आपको अचानक से पेट में असहनीय दर्द का अनुभव होता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें और किडनी स्टोन की जांच करवाएं।
IBS एक पुरानी स्थिति है, जो बड़ी आंत को प्रभावित करती है। यह पेट दर्द, सूजन, गैस और दस्त या कब्ज जैसे आंत्र की आदतों में बदलाव का कारण बन सकता है। इस सिंड्रोम का सही कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन स्ट्रेस, डाइट या संवेदनशील पाचन तंत्र इसके ट्रिगर हो सकते हैं। लैंसेट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड हेपेटोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार IBS के दर्द पर नियंत्रण पाने में दवा से अधिक प्रभावी रूप से डाइट काम करती है।
अपेंडिसाइटिस अपेंडिक्स की सूजन है। इस दौरान नाभि के पास से शुरू होकर पेट के निचले दाहिने हिस्से में तेज दर्द होता है। अन्य लक्षण में बुखार, मतली और भूख न लगना शामिल है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार अपेंडेक्टोमी, अपेंडिसाइटिस को ठीक करने के लिए एक सर्जरी, अपेक्षाकृत सुरक्षित सर्जिकल प्रक्रिया है। हालांकि, अगर इलाज न किया जाए या निदान में देरी हो जाए, तो मरीज में अपेंडिसियल छिद्र, फोड़ा बनना, पेरिटोनिटिस (पेट की दीवार में सूजन), सेप्सिस और मृत्यु का खतरा होता है। इसलिए ऐसी परिस्थिति में देरी नहीं की जानी चाहिए।