जीवित रहने के लिए भोजन करना जरूरी है। उस पर मनुष्य ने अपनी कला से इसे इतना स्वादिष्ट और आकर्षक बना दिया है कि हम भूख के बिना और भूख से ज्यादा खाना भी खा लेते हैं। पर इसका नकारात्मक असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है।
खाएं विटामिन और फाइबर से भरपूर आहार- पाचन को सही ढंग से बनाएं रखने के लिए सही आहार लेना बहुत आवश्यक है इसलिए हमें विटामिन और फाइबर से भरपूर भोजन करना चाहिए। फाइबर पाचन को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण होता है। आपके आहार में अनाज जैसे कि गेहूं, दलिया, ओट्स, फल, सब्जियां, और दालें शामिल करें, क्योंकि ये सभी फाइबर की अच्छी स्त्रोत होते हैं।फल और सब्जियां विटामिन, मिनरल्स, और फाइबर से भरपूर होते हैं जो पाचन को सुधारते हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक
पचाने के लिए व्यायाम भी है महत्वपूर्ण- भोजन करने के कुछ समय बाद या सुबह उठ कर व्यायाम करने से यह आपके शरीर पर गहरा प्रभाव छोड़ता है और आपकी पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करता है। इसकेसाथ ही नियमित रूप से व्यायाम, योग और प्राणायाम के अभ्यास से आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। विशेषज्ञ सप्ताह में कम से कम पांच दिन और 45 मिनट व्यायाम करने का सुझाव देते हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक
आयुर्वेद कहता है भोजन को 32 बार चबाएं- प्राचीन स्वास्थ्य ग्रंथ आयुर्वेद में भोजन और स्वास्थ्य संबंधी बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। इसी में भोजन को एकांत में खाने, बिना बाेने खाने के साथ ही एक और महत्वपूर्ण सलाह दी गई है। आयुर्वेद के अनुसार भोजन को निगलने में जल्दी नहीं करनी चाहिए। हर निवाले को इतना आराम से चबाएं कि वह तरल हो जाए। आुयर्वेद भोजन को 32 बार चबाने की सलाह देता है। ऐसा करने से आपके सलाइवा में मौजूद एन्ज़ाइम्स पाचन में आपकी मदद करेंगे और आसानी से आपका भोजन भी पच जाएगा। चित्र-अडोबीस्टॉक
रोज़ाना करें दही का सेवन- दही या योगर्ट का सेवन करने से पाचन प्रक्रिया को सुधार सकते हैं क्योंकि यह प्राकृतिक प्रोबायोटिक्स होता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया आपकी पाचन प्रणाली को अच्छा रखते हैं लेकिन दही को यदि दोपहर के भोजन के बाद खाया जाएं, तो यह अत्यंत लाभकारी होता है। मगर यह ध्यान रखें कि दही ताज़ा हो और उसमें कुछ भी मिलाया न गया हो। दही में चीनी या नमक मिलाकर खाना इसके पोषक तत्वों को कम कर सकता है। चित्र-अडोबीस्टॉक