आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है। जिससे दुनिया भर की 24 फीसदी से ज्यादा आबादी प्रभावित है। यहां हम उन लक्षणों के बारे में बात कर रहे हैं जो शरीर में आयरन की कमी के संकेत देते हैं।
आयरन वह अत्यावश्यक पोषक तत्व है जो शरीर के सुचारू रूप से काम करने के लिए जरूरी है। आयरन न केवल शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है, बल्कि यह ग्रोथ के लिए भी बहुत जरूरी है। पर इन दिनों सही पोषण और खुराक न मिल पाने के कारण ज्यादातर लोग आयरन की कमी के शिकार हो रहे हैं। आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है। जिससे दुनिया भर की 24 फीसदी से ज्यादा आबादी प्रभावित है। यहां हम उन लक्षणों के बारे में बात कर रहे हैं जो शरीर में आयरन की कमी के संकेत देते हैं।
आयरन आपके शरीर की ग्रोथ और एनर्जी के लिए जरूरी एक सूक्ष्म पोषक तत्व है। हालांकि प्रारंभ में आयरन की कमी के संकेत नजर नहीं आते। पर जब आप इसे लगातार इग्नोर करते हैं तो यह कमी खतरनाकस्तर तक बढ़ सकती है। वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों में आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया एक गंभीर समस्या है। जिसके कारण गर्भ में भ्रूण का विकास, गर्भस्थ शिशु के विकास में दिक्कतें, गर्भावस्था में दिक्कते, बच्चों के विकास में बाधा, हर समय रहने वाली थकान और पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आयरन की कमी हार्ट संबंधी समस्याएं भी बढ़ा सकती है।
आयरनक का काम शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करना है। जिससे आपके शरीर में एनर्जी और ताकत रहती है। जब आपके शरीर में इन लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है, तो आप लगातार थकान का अनुभव करते हैं। हालांकि ज्यादा काम करने या भोजन में कमी होने पर भी आप हल्की थकान का अनुभव कर सकते हैं। पर अगर यह लगातार बनी रहती है, तो आपको अपने आयरन के स्तर की जांच करवानी चाहिए।
क्या आपने अकसर पैरों में दर्द रहने, ठीक से चल न पाने और रात को ठीक से सोने के बावजूद पैरों में थकान का अनुभव किया है? पैराें में अकारण रहने वाला दर्द और थकान आयरन की कमी की ओर संकेत करते हैं। यह समस्या बच्चों को ज्यादा होती है। पर इसका यह अर्थ नहीं कि यह बड़ाें को नहीं हो सकती। रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम आयरन की कमी से होने वाली समस्या है।
आंखों में आने वाले पीलेपन को जॉन्डिस या पीलिया का सामान्य लक्षण माना जाता है। पर आयरन की कमी होने पर भी आपकी आंखें और त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओंमें आ रही कमी का संकेत है। अगर आंखों के साथ त्वचा भी पीली पड़ने लगती है, तो आपको तत्काल डॉक्टर से संपर्क करके सप्लीमेंट्स लेने पड़ सकते हैं। तब इस कमी को केवल आहार के माध्यम से दूर नहीं किया जा सकता।
थकान, कमजोरी, तनाव और सही रोशनी न मिलने के कारण सिर दर्द हो सकता है। कभी-कभी पाचन संबंधी समस्याएं भी सिर दर्द का कारण बन सकती हैं। पर सिर दर्द का एक बड़ा कारण शरीर में आयरन की कमीभी है। आयरन शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए भी जरूरी है। आयरन की कमी होने से जब मस्तिष्क तक ठीक से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती, तो सिर में दर्द होने लगता है। यही वजह है कि आप सिर दर्द के साथ हर समय सुस्ती का भी अनुभव करते हैं।
बढ़ते बच्चों के विकास के लिए आयरन अत्यावश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है। जिसे विभिन खाद्य पदार्थों के माध्यम से पूरा किया जाता है। एक से 14 साल तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुरूप प्रतिदिन 7 से 40 मिलीग्राम तक आयरन की आवश्यकता हो सकती है। जब इतनी मात्रा में बच्चों को आयरन नहीं मिलता तो उनका कद और वजन अपने हम उम्र बच्चों की तुलना में पिछड़ने लगता है। अगर आपके बच्चे का कद और वजन अन्य बच्चों की तुलना में कम है तो आज ही अपने पीडियाट्रिशियन से संपर्क करें।
अगर आप अभी तक यह मान रहे हैं कि आयरन की कमी केवल थकान या सुस्ती तक ही शरीर को प्रभावित करती है, तो आप बड़ी भूल कर रहे हैं। आयरन की कमी पर ध्यान देकर अगर इसे दूर न किया जाए तो यह एनीमिया के साथ-साथ शरीर में और कई गंभीर बीमारियों की दस्तक दे सकता है। इनमें हृदय संबंधी समस्याएं एक बड़ा जोखिम हैं। आयरन की कमी होने से हृदय को ऑक्सीजन की पूरी सप्लाई नहीं हो पाती, जिससे वह ठीक तरह से काम नहीं कर पाता और बीमार होने लगता है। अपनी हार्ट हेल्थ के लिए भी जरूरी है कि आप आयरन के सही स्तर पर ध्यान दें।