डिमेंशिया एक मेंटल डिसऑर्डर है। जो हमारी याददाश्त को प्रभावित करता है। 40 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाली एस्ट्रोजेन की कमी मेंटल हेल्थ के लिए हानिकारक है। एनसीबीआई के रिसर्च के मुताबिक दुनियाभर में साल 2015 में 47 मिलियन लोगों में डिमेंशिया का अनुमान लगाया गया था।
पूरी नींद लें- 7 से 8 घंटे की नींद आपके शरीर को एक्टिव और हेल्दी बनाती है। इससे हमारा वर्क फोक्स भी बढ़ने लगता है। वहीं नींद पूरी न हो पाने के कारण हम दिनभर थकान का अनुभव करते हैं।उसका प्रभाव हमारे काम पर दिखने लगता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के मुताबिक नींद पूरी न होने से याददाश्त कमज़ोर होने की समस्या बढ़ने लगती है। नींद पूरी होने से दिमाग को रिलीफ मिलता है और टॉक्सिंस को बाहर निकलने में मदद मिलती है। पूरी नींद लेने से ब्रेन में बीटा अमयलोइड की मात्रा बढ़ जाती है।
आहार में लें ब्रेन सपोर्टिंग फूड्स- ब्रेन को एक्टिव रखने और मैमोरी बूस्ट करने के लिए डाईट में विटामिन्स, मिनरल्स और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भूरपर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। एनसीबीआई के मुताबिक डाईट में फोलेट, विटामिन डी और बीटा कैरोटीन से भरपूर ब्रेन सपोर्टिंग फूड्स खाएं। इसके चलते हरी पत्तेदार सब्जियों और सेखे मेवों का सेवन रोज़ाना करें। ये फूड्स हमारे ब्रेन को एक्टिव और हेल्दी रखने का काम करते हैं।
सोशली एक्टिव रहें- दोस्तों से मिलना जुलना हमारे मांइंड को हेल्दी रखता है। इससे आप तनावमुक्त भी रहते हैं। अगर आप दोस्तों से साथ आउटिंग पर जाती है और सोशल संर्कल मेंटेन रखती हैं, तोइससे आपका शरीर वज़न बढ़ने, हाई ब्लड प्रेशर और स्वैलिंग से बचा रहता है। इसके अलावा आप ज्यादा एनर्जेटिक रहती हैं। इससे आपकी सोच भी युवा रहती है और तन मन भी।
मेंटली एगेंज रहें- कोई भी ऐसा काम या एक्टिविटी जो आपको खुशी देती हो, उसे करने में समय व्यतीत करें। चाहे कोई बिजनेस हो, पेंटिंग हो, रीडिंग हो, सिलाई कढ़ाई हो या कुकिंग। किसी भी कार्यमें खुद को इन्वाल्व कर लें। ये आपके अंदर सेल्फ कॉफिडेंस् और सेल्फ एसटीम को बढ़ाता है। इसके अलावा मेंटली एक्टिव रहने के लिए सुडोकू, चेस और क्रासवर्ड पज़ल समेत अन्य गेम्स को खेंलें। इससे आपकी मेंटल एक्सरसाइज़ होने लगेगी।
तनाव न लें- बात बात पर स्ट्रेस में आने से हमारी मेंटल हेल्थ प्रभावित होती है। दरअसल, डिप्रेशन में रहने से डिमेंशिया होने का जोखिम बढ़ने लगता है। ऐसे में थोड़ा वक्त अकेले में बिताएं।ध्यान व मेडिटेशन करें। इसके अलावा स्ट्रेस पर काबू पाने के लिए चीजों को खुद पर हावी न होने दें। हर बात पर चिंतित होने की आदत को बदलें। जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी के मुताबिक अकेलापन डिमेंशिया से संबधित है। अगर आप तनावग्रस्त हैं और अन्य लोगों से अलग रहते हैं, तो इससे डिमेंशिया होने का खतरा 26 फीसदी तक बढ़ जाता है।