गाजर त्वचा की सेहत के साथ ही इम्यूनिटी बूस्ट करने से लेकर पाचन क्रिया को संतुलित रखने तक विभिन्न प्रकार से सेहत के लिए फायदेमंद होता है। जानें गाजर की 5 महत्वपूर्ण प्रजाति के बारे में।
फाइबर, कैरेटोनॉइड्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर गाजर सभी की पसंदीदा सब्जियों में से एक हैं। गाजर एक तरह की रूट वेजिटेबल है, जिसे सलाद, सब्जी, सूप, हलवा, पुडिंग, मिठाई किसी भी तरह सेइस्तेमाल किया जा सकता है। सैंडविच, इडली, परांठा किसी को भी हेल्दी बनाना हो, तो बस जरा सी गाजर कद्दूकस करके उसमें मिला दीजिए। इसमें मौजूद पोषक तत्व इसे दुनिया भर के आहार विशेषज्ञों की पहली पसंद बनाए हुए हैं। ये न केवल इम्युनिटी बूस्ट करती है, बल्कि आपकी आंखों और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। इसकी गुणवत्ता को सेलिब्रेट करने के लिए 4 अप्रैल को इंटरनेशनल कैरट डे (International carrot day) के रुप में मनाया जाता हैं।
अंतरराष्ट्रीय गाजर दिवस (International carrot day) - हर साल 4 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय गाजर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत पहली बार 2003 में की गई थी। जिसका मकसद लोगों को गाजर मैं मौजूद महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की गुणवत्ता से रूबरू कराना है। भारत के साथ ही फ्रांस, इटली, स्वीडन, रशिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान यहां तक कि यूनाइटेड किंगडम में भी अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस को सेलिब्रेट किया जाता है। चलिए आज इस अवसर पर जानते हैं अलग-अलग रंग की गाजर की विशेषताएं और पोषण मूल्य।
1. लाल गाजर (red carrot) - लाल गाजर भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित है। आमतौर पर लोग लाल गाजर को ही खाते हैं। इसे अक्टूबर-नवंबर के महीने में उगाया जाता है और ठंड में लोग इसका सेवन करते हैं। लाल गाजर में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में एंटीबॉडी के निर्माण में सहायक है। जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और आपका शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार होता है। यह दिल की सेहत के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
बैंगनी गाजर (purple carrot) - गाजर की सभी प्रजातियों में से बैंगनी गाजर को सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इसमें फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी, मैंगनीज, विटामिन ए और विभिन्न प्रकार के विटामिन बी की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है। साथ ही इसमें कैलरी की मात्रा सीमित होती है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर बैंगनी रंग की ये गाजर कैंसर, दिल की बीमारी, मानसिक समस्याएं और एजिंग की समस्या में काफी कारगर होता है।
पीली गाजर (yellow carrot) - पीले रंग की गाजर स्वाद में काफी मीठी होती है। इसके पीले रंग का कारण इसमें मौजूद ल्युटिन है, जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसके साथ ही यह बीटा-केरोटिन का एक बेहतरीन स्रोत है। बीटा-केरोटिन शरीर में जाकर विटामिन ए में बदल जाता है और आंखों को सूरज की हानिकारक किरणों से प्रोटेक्ट करता है। साथ ही त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।
डेनवर गाजर (Danvers carrot) - इस गाजर को पहली बार 1871 में मैसाचुसेट्स में उगाया गया था। यह गहरे नारंगी रंग के होते हैं और अक्सर छह से आठ इंच लंबे होते हैं। इन्हें ढीली और हल्की मिट्टी में उपजाया जाता है। ये लगभग 10" तक लंबे हो सकते हैं। जड़ें शीर्ष पर चौड़ी और फिर पतली होती हैं। डेनवर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपकी आंखों के लिए काफी फायदेमंद होता है। साथ ही इसमें बीटा कैरोटीन मौजूद होती है, जिसे आपका शरीर विटामिन ए (Vitamin A) में बदल देता है। यह आपके शरीर में विटामिन ए की भरपूर मात्रा को बनाए रखता है। इसके साथ ही इसका सेवन फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से शरीर को बचाता है और प्रीमेच्योर एजिंग की समस्या में कारगर होता है।
सफेद गाजर (white carrot) - सफेद गाजर में कैलोरी की सीमित मात्रा मौजूद होती है। इसमें एंटी कैंसर प्रॉपर्टी पाई जाती है, जिससे इसका सेवन लंग्स, ब्रेस्ट और कोलन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए भी किया जाता है। वहीं विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर यह गाजर त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से प्रोटेक्ट करती है। इसमें फाइबर की उचित मात्रा मौजूद होती है और ये पाचन क्रिया के लिए भी काफी फायदेमंद है।
नारंगी गाजर (orange carrot) - नारंगी रंग की गाजर की ये प्रजाति लाल गाजर की अपेक्षा में थोड़ी छोटी होती है। परंतु इसका स्वाद अधिक मीठा और रसीला होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है, जो आपकी त्वचा एवं आंखों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। साथ ही इसमें विटामिन के (Vitamin K) की मात्रा मौजूद होती है, जो ब्लड को क्लॉट होने से रोकती है।