World Osteoporosis Day: पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होता है ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम, जानिए क्यों

Updated on:20 October 2023, 21:27pm IST

व्यस्त दिनचर्या के कारण आजकल हम कई तरह की बीमारियों से ग्रसित है। इन्हीं में हड्डियों की बीमारियां भी शामिल है। इन्ही, हड्डियों की बीमारियों के बारे में जागरूक करने के लिए 'वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे' मनाया जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या का सही प्रकार का आहार लेने से बचाव किया जा सकता हैं।

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हड्डियों की बीमारी है 'ऑस्टियोपोरोसिस'
Haddiyo Ki Beemari Hai Osteoporosis

खराब जीवनशैली और व्यस्त दिनचर्या के कारण तमाम तरह की शारीरिक समस्याओं में हड्डियों के कमजोर होने की समस्या बहुत आम हो गई है। एक समय पर सिर्फ उम्रदराज लोगों को होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या अब युवाओं में भी दिखने लगीं है। पोषण विहीन खाना, अनियमित दिनचर्या, सहित अनगिनत कारणों की वजह से आजकल कई लोग इससे पीड़ित है। वहीं, हड्डियों के घनत्व कम होने के कारण हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए 20 अक्टूबर को 'वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे' मनाया जाता है।

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20 अक्टूबर को मनाया जाता है 'ऑस्टियोपोरोसिस डे'

हड्डियों की इस बीमारी के प्रति जागरूकता और हड्डियों के फ्रैक्चर होने के बचाव को लेकर सन 1996 में यूके की नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस सोसाइटी ने 'वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे' मनाने की शुरआत की। वहीं, इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने भी वैश्विक स्तर पर 20 अक्टूबर को 'वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे' घोषित कर दिया। वही, WHO ने माना ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या 35 वर्ष से अधिक के लोगों और खासकर महिलाओं में होने की संभावना कई अधिक होती है।

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महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का अधिक खतरा
Osteoporosis se kaise bachein

ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा महिलाओं में पुरुषों से कहीं अधिक होता है। ऑस्टियोपोरोसिस डे को वैश्विक स्तर पर मनाने का समर्थन करने वाली संस्था इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन ने बताया किपूरे विश्व में पूरी दुनिया में लगभग 200 मिलियन लोग इस समस्या से परेशान हैं। अमेरिकी महिलाओं पर हुई एक रिसर्च में पता चला कि कुल 30 प्रतिशत महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित है। वहीं, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार भारत में भी महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस का बहुत अधिक खतरा है क्योंकि महिलाओं को प्रतिदिन 600 मिलीग्राम कैल्शियम इंटेक की आवश्यकता होती है, लेकिन भारत में अधिकतर महिलाएं इसके सेवन से वंचित रह जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा दोगुना हो जाता है।

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विटामिन डी फूड्स करते हैं ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव
vitamin D bone health ke liye zaruri hai

आमतौर पर कई तरह के फूड्स है, जिसे खाकर आप भी ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या की कम कर सकतीं हैं। WHO के मानकों के अनुसार एक व्यक्ति को सामान्य दिन में कुल 600 IU (International Units) 'विटामिन डी' लेना चाहिए। विटामिन डी एक महत्वपूर्ण न्यूट्रिएंट है जो हड्डियों और शरीर के के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन डी युक्त आहार जैसे मछली, दूध और इससे बने उत्पाद, अंडे को अपनी डाइट में शामिल करें। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्युलर साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार हड्डियों के किए विटामिन डी बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह कैल्शियम और फास्फोरस के प्लाज्मा स्तर को बढ़ाता है, ऑस्टियोब्लास्ट और ऑस्टियोक्लास्ट गतिविधि को नियंत्रित करता है, और पीटीएच हाइपरसेक्रिशन का मुकाबला करता है साथ ही हड्डियों के निर्माण को बढ़ावा देता है और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकता है।

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कैल्शियम रिच फूड्स भी है मददगार
calcium rich foods se door hogi osteoporosis ki samsya

कैल्शियम एक महत्वपूर्ण मिनरल है जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। आमतौर पर कैल्शियम रिच फूड्स जैसे दूध या उससेबने उत्पाद, पालक, टिल, ब्रोकली, कैल्शियम युक्त सब्जियां आदि खाने से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से समाधान मिल सकता है। कैल्शियम हड्डियों के स्वास्थ्य और मजबूती के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं, WHO के अनुसार 18 से 50 तक की वर्ष की आयु के महिलाओं और पुरुषों को दिन में कुल 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है।

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प्रोटीन भी हड्डियों को बनाता है मज़बूत

प्रोटीन हड्डियों को मजबूत बनाने में कई तरीकों से मदद करता है। कॉलेजन जैसे प्रोटीन शरीर में हड्डियों और खुराकों की तरह संरचित होते हैं। कॉलेजन हड्डियों को जोड़ता है और मजबूत बनाता है। साथ ही प्रोटीन की उपस्थिति हड्डियों के मिनरल संरचना को सुधारती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति में भी प्रोटीन हड्डियों की ग्रोथ और पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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शराब और धूम्रपान छोड़ना है जरूरी
Sharaab ke nuksaan

शराब और धूम्रपान को छोड़ने से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या कम होती है। नेशनल लाइब्रेरी और मेडिसिन्स और पबमेड की एक रिसर्च के मुताबिक़ अत्यधिक शराब और धूम्रपान करने से व्यक्ति के शरीर में कैल्शियम का स्तर कम हो जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती है और साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या भी बढ़ सकती है। रिसर्च के मुताबिक़, शराब और धूम्रपान में मौजूद निकोटीन सहित कई हानिकारक तत्व आपके शरीर में ब्लड फ्लो को कंट्रोल करता है, जिससे शरीर में प्रोटीन की उत्पादकता भी कम होती है और शरीर में मौजूद तमाम हॉर्मोन्स को प्रभावित करता है, जिससे नई हड्डियां बनने में भी रोक लगती है।