किडनी स्टोन होना एक आम समस्या है लेकिन व्यक्तिगत तौर पर इसका बचाव करना संभव है। किडनी स्टोन का इलाज उसके आकर पर निर्भर होता है इसलिए यदि आप चाहे तो थोड़ी सी सतर्कता से भी इस बड़ी समस्या से बचा जा सकता है।
आजकल की जीवनशैली और अस्वस्थ खानपान के कारण हर व्यक्ति छोटी या बड़ी, किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है। आजकल कई तरह की बीमारियां भी बेहद आम हो गई है। इन्हीं में 'किडनी स्टोन' यानी गुर्दे की पथरी की समस्या भी बेहद आम है। किडनी स्टोन (Kidney Stone) एक कठोर, क्रिस्टलीय खनिज जमाव होता है, जो छोटे-छोटे पत्थरों की तरह किडनी में जमा हो जाता है। आमतौर पर किडनी स्टोन कैल्शियम, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड जैसे खनिजों से बनता है। गुर्दे की पथरी तब विकसित होती है, जब इन पदार्थों का असंतुलन हो जाता है, जिसके बाद उनका क्रिस्टलीकरण होता है और बाद में वे सख्त हो जाते हैं और एक पत्थरनुमा आकार ले लेते हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक
किडनी में होने वाले इन 'स्टोन फॉर्मेशन' में कई तरह के लक्षण देखने को मिलते है। जिसमें पेट और पीठ के नीचे दर्द, उल्टी आना या उल्टी जैसे महसूस होना, पेशाब के साथ दर्द होना, पेशाब मेंरक्त आना शामिल है। आमतौर पर पानी की कमी, जेनेटिक कारण, किसी प्रकार की कोई मेडिकल समस्या, खानपान की बुरी आदते और आहार में कैल्शियम, यूरिक एसिड और ऑक्सलेट युक्त खाना भी 'किडनी स्टोन' बनाने के तमाम कारण होते हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक
यदि आम भाषा में समझें तो ऑक्सलेट का मतलब किसी चीज़ के अक्सर एक साथ होने वाले अणुओं का समूह होता है। ऑक्सलेट किसी भी पदार्थ में मौजूद हो सकता है, और इसका कारण किडनी स्टोन्स का निर्माण हो सकता है, जिसे 'कैल्शियम ऑक्सलेट' किडनी स्टोन कहा जाता है। मॉलिक्युलर डाइवर्सिटी प्रिज़र्वेशन इंटरनैशनल के एक शोध के मुताबिक़ कैल्शियम ऑक्सलेट किडनी स्टोन का मुख्य रूप से एक प्रकार होता है, और यह विभिन्न कारणों से उत्पन्न हो सकता है। चित्र-अडोबीस्टॉक
किडनी से संबंधित कई तरह के शोध और लोगों को किडनी संबंधी रोगों के प्रति जागरूकता फैलाने वाली संस्था 'नेशनल किडनी फाउंडेशन' के अनुसार किडनी स्टोन का मुख्य कारण ‘ऑक्सलेट’ कई तरह के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। कई तरह के फल, सब्जियों, बीन्स जैसी तमाम चीज़ों में ऑक्सलेट पाया जाता है और संस्था के अनुसार इन चीज़ों को यदि हम नियमित रूप से खाते हैं तो किडनी स्टोन की संभावना कई अधिक बढ़ जाती है। वहीं, नेशनल किडनी फाउंडेशन की अनुसार यदि हम अत्यधिक ऑक्सालेट का सेवन करते हैं, तो हमारा शरीर इसे मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में असफल होता है, इसलिए 'किडनी स्टोन' की समस्या कई अधिक बढ़ सकती है। चित्र-अडोबीस्टॉक
पबमेड के अनुसार, ऐसे कई दैनिक आहार है, जिनके अनगिनत फायदे है लेकिन उनमें ऑक्सलेट की मात्रा बहुत अधिक होने के कारण हमें उनका सेवन नियमित नहीं करना चाहिए। इन फूड आइटम्स में 'ऑक्सेलिकएसिड' बहुत ज्यादा होता है, जो किडनी स्टोन का एक कारक है। इसीलिए आपको भी अपने आहार से पालक, चुकंदर, शलजम, राजमा, मूंग दाल, सोया प्रोडक्ट्स, बादाम, आलू, खजूर आदि जैसे प्राकृतिक चीज़ों को अनियमित करना चाहिए, नहीं तो यह हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव छोड़ सकती है। चित्र-अडोबीस्टॉक
वहीं, तमाम तरह की हेल्दी चीज़ों में ऑक्सलेट की मात्रा ज्यादा होती हैं ऐसे में लोगों का सवाल होता है कि 'लो-ऑक्सलेट फूड्स' कौन से होते है। तो यदि आप भी लो-ऑक्सलेट फूड ढूँढ रहे हैं तोआप अपने आहार में कद्दू और सूरजमुखी के बीज, काजू, अखरोट, मूंगफली, शकरकंद, ब्रोकली, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी और अंजीर जैसी चीज़े शामिल कर सकते है। वहीं, नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, आमतौर पर व्यक्ति दिन में 200 से 300 मिलीग्राम ऑक्सलेट इंटेक करता है लेकिन यदि उसे किडनी स्टोन की समस्या है तो उसे 100 मिलीग्राम या किसी किसी स्थिति में 50 मिलीग्राम ऑक्सलेट लेने की सलाह भी दी जाती है। चित्र-अडोबीस्टॉक
ऑक्सलेट पथरी समस्या कम करने के लिए व्यक्ति को आमतौर पर अपनी दिनचर्या में कुछ बदलावों के साथ नियमित तौर पर कुछ बदलावों की जरूरत होती है। ऑक्सलेट पथरी को कम करने के लिए आपको ऑक्सलेटयुक्त खाना खाने से बचाव करना चाहिए, उसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ज्यादा प्रोटीन खाने से बचे, नामक कम खाएं, आहार में कैल्शियम को सही पोर्शन में जोड़े, विटामिन सी लेने से बचे और दूध-दही जैसे पदार्थों को सेलेक्टेड पोर्शन में लेना चाहिए। चित्र-अडोबीस्टॉक