Causes of Early Gray hair : तनाव और पोषण की कमी जल्दी ला देती है बालों में सफेदी, यहां हैं और भी कारण

Published on:21 December 2023, 12:20pm IST

उम्र बढ़ने के साथ बालों के सफेद होने का सिलसिला शुरू हो जाता हैं। लोग इससे बचने के लिए कई तरह के प्रोडक्टस का प्रयोग करते है। अनियमित लाइफस्टाइल और शरीर मे मेलेनिन की कमी इस समस्या को बढ़ाती है। जानते हैं कि किन कारणों से उम्र से पहले बढ़ने लगती है सफेद बालों की समस्या।

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तनाव बढ़ाता है सफेद बालों की समस्या
Tanav ke karan ho sakte hain asmay safed

बात बात पर चिंताग्रस्त होना स्ट्रेस का कारण बनने लगता है। इससे न केवल इंटिंग हैब्ट्सि व नींद में कमी आने लगती है बल्कि बालों के सफेद होने की समस्या भी बढ़ने लगती है। एनआईएच के अनुसार तनाव स्टेम सेल्स को प्रभावित करके बालों को समय से पहले सफेद बना देता है। दरअसल, स्टेम सेल्स हेयर पिगमेंट को रिजनरेट करने में मदद करता है। तनाव बाल फॉलिकत में रासायनिक नॉरपेनेफ्रिन की रिहाई को ट्रिगर करता है। इससे नए बालों को अपना प्राकृतिक रंग प्राप्त नहीं हो पाता है।

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स्मोकिंग से पहुंचता है बालों को नुकसान
Smoking hai aapke liye nuksaandayak

स्मोकिंग न केवल एजिंग का कारण बनता है बल्कि इससे बालों को रंग सफेद होने लगता है। नियमित तौर पर स्मोकिंग करने से इसमें पाए जाने वाले तत्व फ्री रेडिकल्स की समस्या को बढ़ाते हैं। एनआइएच के अुनसार इससे बालों के फॉलिकल्स को नुकसान पहुंचात है। स्मोकिंग से गंज़ापन बढ़ने की संभावना रहती है। साथ ही चेहरे और स्कैल्प की त्वचा पर झुर्रियां दिखने लगती हैं।

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पोषक तत्वों की कमी
Jaanein kaise badhti hai safed baalon ki samasya

शरीर में पोषण की कमी सफेद बालों के बढ़ने का मुख्य कारण साबित होती है। विटामिन बी, फोलिक एसिड, बायोटिन और सेलेनियम के निम्न स्तर से बालों का रंग जल्दी सफेद होने लगता है। इससे फॉलिकल्स कमज़ोर होने लगते हैं, जिससे हेयरफॉल की समस्या भी बढ़ने लगती है। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स शरीर के लिए बेहद आवश्यक है। इससे शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी पूरी होती है, जो बालों को भी मज़बूत बनाते हैं।

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केमिकल्स का अत्यधिक प्रयोग
Premature hair greying ki vajah janna hai zaruri

इन दिनों बालों पर कलरिंग से लेकर हीटिंग टूल्स का प्रयोग दिनों दिन बढ़ रहा है, जो बालों के टैक्सचर को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा बालों के नेचुरल रंग पर भी उसका प्रभाव दिखने लगताहै। जर्नल ऑफ बायोलॉजिस्ट के अनुसार बालों में लगाए जाने वाले केमिकल्स में हाइड्रोजन परऑक्साइड की अधिकता बालों के रंग को धीरे धीरे सफेद कर देती है। ऐसे में बालों को नेचुरल तरीके से वॉश करें और अत्यधिक केमिकल्स के प्रयोग से भी बचकर रहें।

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बालों में बढ़ने वाला रूखापन
badalte mausam emin baalon ka rakhein khyal

अगर आप नियमित तौर पर बालों में तेल नहीं लगाती है, तो बालों के फॉलिकल्स पर उसका प्रभाव दिखने लगता है। इससे स्कैल्प की शुष्कता बढ़ती है, जो बालों को कमज़ोर बना देती है। इससे रोज़ाना बालटूटते और झड़ते हैं। नेचुरल ऑयल लगाने से स्कैल्प का पीएच लेवल नियंत्रित रहता है और बाल रूसी की समस्या से भी बचे रहते हैं। ऐसे में रोज़ाना कुछ देर बालों में मसाज करें।

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यूवी किरणों का प्रभाव

बालों में मेलेनिन की मात्रा ग्रे हेयर का कारण साबित होती है। दरअसल, धूप में निकलते वक्त बालों को न ढ़कना सफेद बालों का कारण बन सकता है। ऐसे में बालों में पाया जाने वाला यूमेलानिन बालों के रंग को काला बनाए रखता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ ट्राइकोलोजी के अनुसार यू वी किरणों का प्रभाव और उम्र के साथ बालों में मेलेनिन की मात्रा घटने से सफेद बालों की समस्या बढ़ती है।