आजकल के फास्ट-फूड ट्रेंड के चलते हेल्दी चीज़ों से हम लगातार दूर होते जा रहें हैं। व्यस्त जीवनशैली और बदलते समय के साथ हम अपने खाने में पौष्टिकता को शून्य कर रहें हैं, जिसके कारण कई तरह की बीमारियों से हम ग्रसित रहते हैं।
आजकल होने वाली तमाम बीमारियों की सबसे बड़ी वजह 'हाई कोलेस्ट्रॉल' भी होता है। हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थिति व्यक्ति को शारीरिक रूप से काफी परेशान कर सकती है। हाई-कोलेस्ट्रॉल से ऐसी बीमारियां होने का खतरा भो होता है, जिसके कारण व्यक्ति की जान जाने की संभावना भी होती है । हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर के एक संयुक्त शोध की रिपोर्ट में यह पता चला कि 24 प्रतिशत भारतीय हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया और हाई-एलडीएल कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हैं। चित्र: शटरस्टॉक
क्या होता हैं हाई-कोलेस्ट्रॉल: हाई कोलेस्ट्रॉल एक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें आपके खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ जाती है। कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा होता है, जो शरीर के सभी कोशिकाओं के लिए आवश्यक है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत अधिक होने पर यह ब्लड वेसल्स (धमनियों) में जमा हो जाता है, जिससे धमनियों की ब्लॉकेज और दिल के स्वास्थ्य की समस्याएं हो सकती हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक
दो तरह का होता है कोलेस्ट्रॉल : आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल को दो प्रकार की लिपोप्रोटीन में पाया जाता है। जिसे एलडीएल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। LDL कोलेस्ट्रॉल को 'बैड कोलेस्ट्रॉल'कहा जाता है, क्योंकि यह धमनियों में जमा होकर ब्लॉकेज का कारण बनता है और दिल के रोग के जोखिम को बढ़ा देता है। वहीं, HDL कोलेस्ट्रॉल को 'गुड कोलेस्ट्रॉल' कहा जाता है, क्योंकि यह धमनियों से कोलेस्ट्रॉल को निकालकर लीवर को प्रोसेस करने में मदद करता है और धमनियों को साफ रखने में मदद करता है। चित्र-अडोबीस्टॉक
हाई-कोलेस्ट्रॉल से होता है खतरा: हाई कोलेस्ट्रॉल का मतलब होता है कि आपके रक्त में LDL कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिशेष है या HDL कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम है, जिससे आपके दिल के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। यह एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या हो सकती है जो दिल के रोग, हाईपरटेंशन, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक प्रमुख जोखिम हो सकती है। चित्र-अडोबीस्टॉक
बढ़ता है डिमेंशिया का खतरा: अमेरिकन अकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के शोध के अनुसार जिन वृद्ध लोगों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है, उनमें साधारण व्यक्ति की तुलना में अल्जाइमररोग और डिमेंशिया का खतरा अधिक हो बढ़ जाता है। इसके साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल डायबीटीज़, हृदय संबंधित रोग और तमाम बीमारियों का कारण भी होता है। चित्र-अडोबीस्टॉक
खट्टे फलों से दूर होती है हाई-कोलेस्ट्रॉल की समस्या: अमेरिकन हेल्थ कम्युनिटी संवैरियर की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार नाशपाती, बेरीज़, अंगूर और सेब जैसे खट्टे फल हाई-कोलेस्ट्रॉल की समस्या को दूर करते हैं। दरअसल, इन फलों में फैट और कैलोरी की मात्रा कम होती हैं एवं फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जिसके कारण इन फलों के तत्व धमनियों में जमे कॉलेस्ट्रॉल को काट देते हैं, जिससे हाई-कोलेस्ट्रॉल की समस्या दूर हो सकती हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक