नवरात्रि के त्योहार में पूजा-अर्चना करने के साथ कई लोग व्रत भी रखते है। व्रत में तमाम फलाहारी भोजन के साथ ‘कुट्टू का आटा’ भी बहुत प्रयोग किया जाता है। वहीं, अपने अनेक स्वास्थ्य लाभ के कारण व्रत में कुट्टू का आटा एक बेहद अच्छी और स्वास्थ्यवर्धक पसंद है।
नवरात्रि सहित अन्य व्रत-उपवासों में सभी लोग फलाहारी खाने को तवज्जो देते हैं। कई तरह के फल, सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स आदि के साथ लोग 'कुट्टू के आटे' का भी बहुत प्रयोग करते हैं। खासकरनवरात्रि के व्रत में कुट्टू के आटे का प्रयोग बहुत अधिक बढ़ जाता है। कुट्टू का आटा व्रत-उपवास में आपको भरपूरता के साथ बहुत अधिक मात्रा में पोषण भी देता है, जो कि व्रत में आपके शरीर को सुचारु रूप से काम करने के लिए बेहद आवश्यक है। वहीं, कुट्टू के अनेकों फायदों के कारण उसे सिर्फ व्रत- उपवास में नहीं बल्कि आम दिनों में भी खाना चाहिए। चित्र-अडोबीस्टॉक
कुट्टू का आटा खाने से होने वाले फायदों के बारे में बात करने से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर कुट्टू का आटा क्या होता है। कई लोगों का मानना है कि 'कुट्टू' पूर्ण अनाज होता है, इसलिएइसे व्रत-उपवास में नहीं खाना चाहिए। बल्कि सच्चाई यह है कि कुट्टू, जिसे अंग्रेजी में 'बकवीट' कहा जाता, एक प्रकार का पौष्टिक आटा होता है, जो कुट्टू (बकवीट) पौधों के बीजों से बनाया जाता है। यह आटा गेहूं और चावल की तरह नहीं होता है, बल्कि यह एक खास प्रकार का पौष्टिक आटा होता है, जो ग्लूटन-मुक्त होता है और इसे व्रत में बिना किसी संकोच में खाया जा सकता है । साथ ही कुट्टू के बीज छोटे और गोल होते हैं और इन्हें पीसकर बनाया जाता है। यह आटा ग्लूटेन फ्री होता है इसलिए ग्लूटन से एलर्जी या इंटॉलरेंस वाले लोग इसका उपयोग कर सकते हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक
कुट्टू के आटे के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ देखने को मिलते है। वर्ष 2003 में जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फ़ूड केमिस्ट्री में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़, कुट्टू का नियमित सेवन करने से टाइप-2डायबिटीज़ पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है। साथ ही 2009 में हुई एक रिसर्च में यह भी पाया गया कि कुट्टू में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होता है, जिसके कारण जब यह खून में मिलता है तब धमनियों को आराम देता है, जिससे ब्लड प्रेशर की स्थिति नियंत्रण में बनीं रहती हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक
कुट्टू का आटा ग्लूटेन फ्री होता है और इसमें तमाम तरह के फाइबर और पौष्टिकता होती है। द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन के एक शोध के अनुसार कुट्टू में विटामिन बी, नाइसिन, विटामिन बी6 और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते है, जिसके कारण यह बैड कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है और साथ ही ब्लड प्रेशर की स्थिति को भी नियंत्रित करता है। चित्र-अडोबीस्टॉक
मॉलिक्युलर जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, कुट्टू में फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है, जिससे महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है और साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया,कुट्टू में फोलेट होता है, जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक़ कुट्टू का सेवन महिला संबंधित रोगों, जैसे पीसीओएस (PCOS), गर्भाशय कैंसर, ओवरियन सिंड्रोम (PCOS), और अन्य जीवनशैली संबंधित समस्याओं के खिलाफ एक स्वस्थ आहार के रूप में शामिल किया जा सकता है। लेकिन ध्यान दें कि हर व्यक्ति का स्वास्थ्य और पोषण की आवश्यकताएं अलग हो सकती हैं, इसलिए खानपान की सलाह के लिए एक डॉक्टर से कंसल्ट करना बेहद जरूरी है। चित्र-अडोबीस्टॉक
कुट्टू का आटा पथरी की समस्या को कम करने में भी काफी सहायक होता है। पथरी की समस्या का एक प्रमुख कारण पानी की कमी भी होता है, कुट्टू के आटे के व्यंजन खाने के बाद व्यक्ति को अधिक प्यास लगती है, जिससे पथरी के निकलने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही इसमें ग्लूटेन नहीं होता है, और यह प्राकृतिक रूप से एक अनाज नहीं है। ग्लूटेन की अधिकता सूजी पथरी की समस्या को बढ़ा सकती है, और चूंकि यह ग्लूटेन फ्री होता है, इसलिए इससे ऐसी कोई भी समस्या नहीं होती। साथ ही कुट्टू में पोटैशियम होता है, जो उरिक एसिड को न्यूट्रलाइज करने में मदद कर सकता है और पथरी के बढ़ने की संभावना को कम कर सकता है। चित्र-अडोबीस्टॉक