वैसे तो मानव शरीर में हर अंग की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन उनमें फेफड़े ऐसे अंग हैं, जिनके कारण मानव शरीर का जीवित रहना ही लगभग नामुमकिन हैं। इसीलिए अपनी दिनचर्या और कुछ चीज़ों को अपनाकर आप अपने फेफड़ों के स्वास्थ्य को और अधिक अच्छा कर सकते हैं।
शरीर के तमाम अंगों में फेफड़े भी बहुत महत्वपूर्ण अंग हैं। फेफड़े वायुमंडल से मानव शरीर तक ऑक्सीजन का आदान-प्रदान करने का कार्य करते हैं, जिससे शरीर के सभी ऊर्जा प्रयोजनों को पूरा करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्राप्त होता है। इसके साथ ही फेफड़े कार्बन डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैस को शरीर से निकालते हैं, जो बेहद जरूरी प्रक्रिया है। इसके साथ ही फेफड़े में कई तरह के बैक्टीरिया और कीटाणुओं के खिलाफ रक्षा करने वाली खास कोशिकाएं होती हैं, जो शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करती हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक
फेफड़ों की इतनी महत्ता के बावजूद भी आजकल की व्यस्त दिनचर्या, असामयिक और अस्वस्थ खानपान के कारण व्यक्ति कई तरह की परेशानियों से घिरा हुआ है। अमेरिकन थोरैसिक सोसाइटी की एक रिसर्च मेंयह पाया गया कि भारतीयों की फोर्स्ड वाइटल कैपेसिटी (एफवीसी) उत्तरी अमेरिकियों या यूरोपीय लोगों की तुलना में लगभग 30% कम है। दरअसल, फोर्स्ड वाइटल कैपेसिटी अधिकतम सांस लेने के बाद जितनी तेज़ी से संभव हो सके उतनी तेज़ी से छोड़ी गई हवा की कुल मात्रा होती है, जो किसी व्यक्ति के हृदय रोगों का पता लगाती है। जिसका मतलब यह है कि भारतीयों के फेफड़ों की क्षमता अमेरिकी और यूरोपीय लोगों से 30 प्रतिशत तक कम है। चित्र-अडोबीस्टॉक
इन सभी आंकड़ों के बाद अगर आप सोच रहे है कि आप अपने फेफड़ों की क्षमता बढ़ा सकते हैं या नहीं, तो ऐसा बिलकुल संभव है। अपनी दिनचर्या और कुछ अन्य तरीके अपनाकर आप अपने फेफड़ों को स्वस्थऔर उसकी गुणवत्ता को कई गुना तक बढ़ा सकते है। इसके लिए बस आपको अपने दैनिक जीवन की कुछ आदतों में बदलाव करना होगा और साथ ही अपनी दिनचर्या को भी व्यवस्थित करना होगा। इनके साथ कुछ अन्य तरीकों का प्रयोग करके भी आप अपने फेफड़ों की क्षमता बढ़ा सकते हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक
आपकी फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने के लिए सेहतमंद खाना खाना महत्वपूर्ण होता है। सबसे पहले आपको अपने आहार में फल और सब्जियां शामिल करना होगा, क्योंकि वे फाइबर, विटामिन, और खनिजों का अच्छा स्रोत होते हैं। साथ ही फलों और सब्जियों में अधिकतर पोटेशियम होता है, जो फेफड़ों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। इसके बाद आप अपने आहार में पूरे अनाज, जैसे की ब्राउन चावल, ओट्समील, और गेहूं के ब्रेड को शामिल कर सकते है क्योंकि इसमें अधिकतर फाइबर होती है, जो पाचन को सुधरता है और फेफड़ों की सांस लेने की क्षमता को बढ़ता है। चित्र-अडोबीस्टॉक
शराब और तंबाकू का सेवन करने से फेफड़ों पर कई हानिकारक प्रभाव होते हैं। धूम्रपान, जैसे की सिगरेट या हुक्का, जहरीले पार्टिकल्स को मानव शरीर में घोल देता है। जिसके परिणामस्वरूप, फेफड़ों की क्षमता कम होती है और यह सांस लेने की क्षमता पर प्रभाव डाल सकता है। इसके साथ ही शराब के सेवन से फेफड़ों में सूजन भी बढ़ सकती है, जिससे प्यूमोनिया और अन्य फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इसलिए स्वस्थ फेफड़ों के लिए शराब और तंबाकू से दूरी जरूरी है। चित्र-अडोबीस्टॉक
योग करने से फेफड़ों को कई सारे लाभ मिलते हैं, और फेफड़ों की स्वस्थ रखने में मदद भी मिलती है। इसके साथ ही योग आपकी श्वसन प्रणाली को सुधारता है और सांस लेने की विधि को बेहतर बना सकताहै। इससे फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। साथ ही योग के द्वारा आप अधिक ऑक्सीजन लेने की अभ्यास कर सकते हैं, जिससे फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन पहुंचता है। यह फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। चित्र-अडोबीस्टॉक
मुंह से सांस लेने से आपकी सांस धीमी हो जाती है, जिससे आपका वायुमार्ग को लंबे समय तक खुला रहता है और इससे फेफड़ों के लिए कार्य करना आसान हो जाता है। जिसके कारण ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड विनिमय में सुधार होता है। मुख के माध्यम से सांस लेने का यह तरीका "मुखवास प्राणायाम" या "मुखमण्डल प्राणायाम" कहलाता है और यह फेफड़ों की क्षमता को बढ़ावा देने में मदद करता है। इस तरीके के प्राणायाम का उद्देश्य यह है कि आप नाक और मुख से सांस लें, जिससे आपके फेफड़ों की क्षमता बढ़ सकती है। यह विशेष रूप से श्वासयात्रा को बढ़ाने और श्वासयात्रा प्रणाली को सुधारने में मदद करता है। चित्र-अडोबीस्टॉक