'हेल्थ इज़ वेल्थ', व्यक्ति का शरीर ही उसकी सबसे बड़ी दौलत है। मगर पार्टी, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, खाने-पीने की खराब आदतें इसी वेल्थ का सबसे ज्यादा नुकसान करती हैं। गलत खानपान और अल्कोहल के सेवन के कारण होने वाली समस्याओं में लिवर संबंधी समस्या सबसे ज्यादा जोखिम कारक है।
इंसान का शरीर कई सारी चीज़ों, पोषक तत्वों का इस्तेमाल करने वाली क्रिया प्रणाली और विभिन्न अंगों का एक समायोजन है। आम भाषा में कहें तो मानव शरीर एक ऐसी मशीन है, जो अपने अहम और जरूरीपुर्जों की बदौलत ही चल रही है। व्यक्ति के शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाए रखने के लिए हर अंग की अच्दी देखरेख करना बहुत जरूरी है। आंतरिक और बाहरी रूप से शरीर का हर अंग व्यक्ति को मज़बूत बनाने में अपना योगदान करता है। इन्हीं अंगों में 'लिवर' भी ऐसा ही आग हैं, जिसको स्वस्थ रखना व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है।
अस्वस्थ खानपान, अनियमित दिनचर्या और खराब चीज़ों की लत के कारण व्यक्ति को लिवर संबंधी तमाम तरह की समस्याएं देखने को मिलती है। जर्नल ऑफ हेपटोलॉजी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़, पूरेविश्व में हर साल लिवर संबंधी समस्याओं से 2 मिलियन लोगों की मृत्यु होती है और पूरे विश्व में होने वाली 25 मौतों में से 1 मौत लिवर की समस्या के कारण होती है। वहीं, रिपोर्ट में बताया गया कि लिवर संबंधी समस्याओं से पुरुषों की मृत्यु का आंकड़ा कुल आकंड़े का दो-तिहाई है।
अमेरिकन लिवर फाउंडेशन की एक रिपोर्ट दावा करती है कि साधारण लिवर बीमारी से लेकर लंबे समय तक चलने वाली और कभी न खत्म होने वाली लिवर बीमारियों को मिलाकर कुल 100 से ज्यादा लिवर बीमारियां देखने को मिलती हैं। वहीं, खराब गुणवत्ता वाला आहर लेने, अनियमित दिनचर्या, शराब, सिगरेट और तंबाकू का सेवन करने से कई तरह की लिवर संबंधी समस्या हो सकती है, जिसमें लिवर का कैंसर, फैटी लिवर, लिवर डैमेज, लिवर सोरायसिस, एक्यूट लिवर फैलियर जैसी जानलेवा बीमारी भी शामिल है।
आमतौर पर अलग-अलग तरह की लिवर संबंधी समस्याओं के अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं लेकिन कई लोग इसके कारण को लेकर कन्फ्यूज़ रहते हैं। वहीं, अमेरिकन लिवर फाउंडेशन की एक रिपोर्ट बताती हैं कि ऐसे कई आम और मुख्य कारण हैं, जिनके चलते लिवर संबंधी किसी भी समस्या की शुरुआत होती है। इनमें वायरस का लिवर पर आक्रमण, कोई जेनेटिक हिस्ट्री, ऑटोइम्यून डिसीज, शराब और सिगरेट का अत्यधिक सेवन, बहुत अधिक मोटापा, अस्वस्थ खानपान, कम मात्रा में आहार करना और कुछ दवाओं का प्रयोग शामिल है।
अक्सर कई ऐसे लोग भी होते हैं जो अपनी सेहत के लिए बहुत फिक्रमंद रहते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें लिवर संबंधी समस्याएं हो जाती है। ऐसे में यह समझना महत्वपूर्ण है कि कई ऐसी चीज़े भी हैं जिनका परहेज़ करना बहुत जरूरी है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की एक रिपोर्ट बताती है कि अधिक शक़्कर वाली कार्बोनेटेड ड्रिंक्स कई तरह के लिवर संबंधी रोगों के लिए जिम्मेदार होती है, इसलिए हमें इससे परहेज करना चाहिए। वहीं, ऐसे ही अत्यधिक मात्रा में ऑयली फूड खाना, शराब और सिगरेट का सेवन करना भी लिवर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इसलिए हेल्दी लिवर हेल्थ के लिए इनसे परहेज़ को प्रायोरिटी देना भी जरूरी है।
नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलोजी इन्फॉर्मेशन के अनुसार, परवल लिवर हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए काफी फायदेमंद है। रिपोर्ट के अनुसार, परवल में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है, जो लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। यह लिवर में मौजूद तत्वों को अच्छे से डीटॉक्सिफाय करने का काम करता है। इसके साथ ही परवल में विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते है, जो लिवर से नकारात्मक प्रभावों को कम करके उसे स्वस्थ रखते हैं।
आमतौर पर कॉफी और चाय का ज्यादा सेवन व्यक्ति के स्वास्थ्य को नकारात्मक तरह से प्रभावित कर सकता है लेकिन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की अलग-अलग रिपोर्ट्स में पता चला है कि कॉफी लिवर की बीमारियों से बचाव कर सकती हैं। रिपोर्ट बताती हैं कि कॉफी एंटीऑक्सीडेंट ग्लूटाथियोन के स्तर को बढ़ाती है, जिसके कारण हानिकारक फ्री रेडिकल्स बेअसर हो जाते हैं, जो आमतौर पर शरीर में स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होते हैं और सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कॉफी की इस विशेषता के कारण लिवर सोयरसिस, लिवर कैंसर और फैटी लीवर जैसी समस्याओं से काफी हद तक बचाव होता है।
लिवर को अनेक बीमारियों से बचाने के लिए कुछ नानी-दादी के नुस्खें भी काम कर सकते है। ऐसे में अदरक और मेथी की ड्रिंक पीने से भी लिवर डीटॉक्सिफाय होता है। अदरक में गिन्जेरोल नामक पौष्टिक तत्व होता है, जो लिवर को अलग अलग कारणों की वजह से होने वाले डैमेज से बचाता है । वहीं, मेथी में पॉलीफेनोलिक कंपाउंड पाया जाता है, जो लिवर की टॉक्सिटी को काफी हद तक शरीर से दूर कर देता है, जिससे व्यक्ति को लिवर संबंधी बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।
अपने अनेक फायदों के साथ ग्रीन टी व्यक्ति की लिवर हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट बतातीं हैं कि 12 सप्ताह तक किए गए एक शोध में यह पाया गया कि जिन लोगों ने लगाता 12 हफ्तों तक ग्रीन टी का सेवन किया, उनको लिवर संबंधी समस्याओ का कारण माने जाने वाले कई लिवर एन्जाइम्स जैसे एएलटी और एएसटी में काफी कमी दर्ज की गई। साथ ही रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि जो लोग ग्रीन टी पीते थे उनमें लिवर कैंसर होने की संभावना कम थी। सबसे कम जोखिम उन लोगों में देखा गया जो प्रतिदिन चार या उससे अधिक कप ग्रीन टी पीते थे।