Kathal : कटहल नहीं खाते, तो उसके बीजों से लें पोषण, इन 5 समस्याओं से होगा बचाव

Updated on:20 November 2023, 15:49pm IST

कटहल यानि जैक फ्रूट जिसके बीज पोषण से भरपूर होते हैं। इनमें कैरोटीनॉयड, फेनोलिक कंपाउड और टैनिन जैसे कई फाइटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं। जो एंटीमाइक्रोबियल एजेंट के रूप में काम करते हैं। अपने एंटी इंफलामेंटरी गुणों के चलते ये ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखते हैं। पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करते हैं।

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कटहल में विटामिन ए, विटामिन सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, आयरन, सोडियम, जिंक और नियासिन समेत कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके साथ सबसे अच्छी बात यहहै कि इसके बीज भी हाइली न्यूट्रीशियस होते हैं। कटहल के प्रति 100 ग्राम सेवन से मिलने वाला पोषण यह है: कैलोरी: 94, वसा: 0.3 मिलीग्राम, डायटरी फ़ाइबर: 2 ग्राम, प्रोटीन: 1 ग्राम, पोटेशियम: 303 मिलीग्राम, कैल्शियम: 34 मिलीग्राम, कार्बोहाइड्रेट: 24 ग्राम, फोलेट: 14 एमसीजी, आयरन: 0.6 मिलीग्राम होता है।

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कटहल कॉपर से भरपूर होता है, जो थायराइड मेटाबॉलिज्म में मदद करता है। विशेष रूप से हार्मोन उत्पादन और अवशोषण में यह स्वस्थ और फिट थायराइड सुनिश्चित करता है। यह थायराइड विकारों से पीड़ित लोगों की मदद करता है। हाइपोथायरायडिज्म पर नियंत्रण में मदद कर वजन कम करने में भी मदद करता है।

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कटहल में मौजूद विटामिन सी इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। इसमें आयरन भी अच्छी मात्रा में होता है। हमारे शरीर में आयरन की उचित मात्रा एनीमिया जैसे विकारों को रोकने में मदद करती है।आयरन मेटाबॉलिज्म में सहायता करने में भी मदद करता है। विटामिन सी, मैग्नीशियम और कॉपर भी ब्लड की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं।

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कटहल में हाई मात्रा में कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसमें पोटेशियम मौजूद होता है, जो किडनी के माध्यम से कैल्शियम की हानि को कम करता है। गठिया जैसे हड्डी संबंधीडिसऑर्डर के लक्षण सकता है। कटहल के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि नियमित रूप से कटहल का सेवन किया जाये, तो कई हड्डी रोगों से बचा जा सकता है।

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पाचनतंत्र को बनाए मज़बूत- अगर आप कटलि के बीजों का सब्जी या रोस्ट करके सेवन करते हैं, तो इससे आपके डाइजेशन में सुधार होने लगता है। मेटाबॉलिज्म को मज़बूत बनाता है और खाना आसानी से पच जाता है। इसमें मौजूद फाइबर से शरीर लंबे वक्त तक भरा हुआ महसूस होता है। इससे वजन नियंत्रित रहता है और ये इस्टेंट एनर्जी का मुख्य स्त्रोत है।