सर्दी के मौसम में होने वाले सर्दी-जुकाम-खांसी से निपटने का कुदरती उपचार है लहसुन और शहद। इन दोनों की साझा प्रोपर्टीज आपको उन संक्रमणों से लड़ने के लिए तैयार करती हैं, जो तापमान गिरने के कारण इन दिनों वायुवंडल में बढ़ जाते हैं। यह इम्युनिटी बढ़ाने वाली होम रेमेडी भी है।
प्रकृति ने आपको वह सब दिया है, जो आपको स्वस्थ और सुंदर बनाए रखने में मदद करेगा। सर्दियों के मौसम में जब आप संक्रमणों, ड्राईनेस और श्वसन संबंधी समस्याओं का सामना करने लगते हैं, तब शहद और लहसुन जैसे सुपरफूड आपको इन समस्याओं के समाधान में मदद करने के लिए उपलब्ध होते हैं। लहसुन को शहद में डुबोकर खाना इन सभी समस्याओं का एकमुश्त उपचार है।
लहसुन आपको उन सभी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार है, जिनका सामना आपको गिरते तापमान के कारण करना पड़ सकता है। यह न सिर्फ आपके खाने में स्वाद और खुशबू जोड़ता है, बल्कि इसकी एंटीऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज फ्री रेडिकल्स यानी मुक्त कणों से बचाने में मदद करती हैं। लहसुन में एलिसिन नाम का एक खास कंपाउंड होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। खून के थक्के कम करता है और कैंसर से भी बचाता है। लाइसिन के कारण ही लहसुन को एंटी कैंसर सुपरफूड कहा जाता है।
मधुमक्खियां जिस शहद को पूरे जतन से जोड़ती हैं, वह शहद एंटी ऑक्सीडेंट्स, सेहत के लिए जरूरी एंजाइम्स और आयरन, जिंक, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटाशियम कैल्शियम जैसे खनिजों का भंडार है। शुद्ध शहद में, अगर उसे फैक्ट्री में प्रोसेस नहीं किया गया है, तो वह नियासिन, राइबोफ्लेविन और थियामिन का भी रिच सोर्स है। ये सभी पोषक तत्व, आपका वजन कम करते हैं, आपको एनर्जेटिक बनाए रखते हैं और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करते हैं।
लहसुन और शहद दोनों ही सुपरफूड हैं। इन दिनों लोग इसे साथ मिलाकर खा रहे हैं। शहद में कच्चा लहसुन डुबाेने से यह सेहत के लिए दोगुना फायदेमंद हो जाता है। लहसुन में मौजूद सल्फर जब शहद केपोषक तत्वों को अपने भीतर अवशोषित करता है, तब यह खून को पतला करने में मददगार साबित होता है। ज्यादातर बुजुर्ग सर्दियों में खून के थक्के बनने के जोखिम का सामना करते हैं। उनके लिए यह एक पावरफुल रेमेडी है।
हर रोज सुबह खाली पेट शहद और लहसुन साथ लेने से हृदय स्वास्थ्य को फायदा पहुंचता है। यह दोनों सुपरफूड मिलकर कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करते हैं। जिससे आपके हृदय के पंप किए हुए रक्त को आर्टरीज को आगे ले जाने में सुविधा होती है। यह आर्टरीज में जमे हुए गाढ़े कोलेस्ट्राॅल को काट कर रक्त प्रवाह के रास्ते को आसान बनाता है।
शहद की फैट बर्निंग प्रोपर्टीज और लहसुन के एंटीबैक्टीरियल गुण आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करते हैं। जिससे खाई गई कैलोरीज को बर्न करना आपके लिए आसान हो जाता है। अगर आप शहद में डूबे हुए लहसुन को हर रोज खाली पेट खाते हैं, तो यह आपकी वेट लॉस यात्र को थोड़ा और आसान बना देता है। इसके लिए आपको लहसुन की कलियों को शहद में डुबाेकर रखना है। अच्छी बात यह है कि आप इसे कई दिनों के लिए स्टोर करके भी रख सकते हैं।
अनियमित वर्कआउट रुटीन हो, सुबह की थकान हो, देर तक सोने की इच्छा, और कम प्रोडक्टिविटी , ये सब वे समस्याएं हैं जिनका सर्दियों में ज्यादातर लोगों को सामना करना पड़ता है। बार–बार लोग थकान और उबासियों का अनुभव करते हैं। इसका मूल कारण सर्दियों में धूप और विटामिन डी की कमी का होना है। शहद और लहसुन आपकी इस समस्या का भी समाधान हो सकता है। शहद का विटामिन बी 6 और लहसुन का सल्फर तत्व मुक्त कणों से मुकाबला कर आपको ज्यादा एनर्जेटिक बनाने में मदद करता है।
लहसुन को छीलकर उसे एक कांच के जार में डालें। ध्यान रहे जार में बिल्कुल भी पानी या नमी नहीं होनी चाहिए। लहसुन की कलियों को भी डालने से पहले छीलकर थोड़ी हवा लगा लें। अब इस जार में शुद्ध ऑर्गेनिक शहद डालें। लगभग तीन दिन के लिए इसे कमरे के तापमान पर यूं ही छोड़ दे। तीन दिन बाद लीजिए आपका शह–लहसुन की घरेलू औषधि तैयार है। हर रोज़ सुबह खाली पेट इसका सेवन करें और फायदा देखें।
कुछ लोग लहसुन अथवा शहद से एलर्जिक हो सकते हैं। इसलिएक इसके सेवन से पहले अपनी सेहत के बारे में ठीक से जानें। हो सके तो अपने डॉक्टर से विमर्श जरूर करें। लहसुन खून को पतला करने में मदद करता है। अगर आपको हीमोफीलिया या थैलीसीमिया जैसे ब्लड डिसऑर्डर हैं, तो आपकाे इसका सेवन नहीं करना चाहिए। छोटे बच्चों, खासतौर से एक साल से कम के शिशुओं को शहद नहीं देना चाहिए। इससे उनका पाचन तंत्र खराब हो सकता है।