भारत में अधिकतर हर घर में आपको तुलसी का पौधा जरूर देखने को मिलेगा। तुलसी के अनगिनत फायदों के चलते आयुर्वेद से लेकर मॉडर्न साइंस तक सभी इसके प्रयोग की सलाह देती है। साथ ही तुलसी में मौजूद तमाम तत्व व्यक्ति के स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में भी मदद करते है।
जब भी कोई भारतीय 'तुलसी' के बारे में बात करता है, तो उसकी खूबियां बताते हुए व्यक्ति के अंदर आध्यात्म के साथ-साथ स्वास्थ्य का टच स्वतः ही आ जाता है। भारत में पिछले कई युगों से तुलसीकी पूजा की जाती रही है। हाल ही में आगामी 'कार्तिक पूर्णिमा' को तुलसी विवाह के रूप में भी मनाया जाता है। वहीं, तुलसी के अनगिनत स्वास्थ्य लाभ के कारण पिछले कई दशकों से आयुर्वेद में इसके उपयोग को सर्वप्रथम रखा जाता है। पुराने समय से लेकर मॉडर्न साइंस तक, हर तरफ तमाम रोगों से बचाव करने के लिए तुलसी एक बेहतरीन विकल्प के रूप प्रस्तुत की जाती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, तुलसी में मौजूद विशेष तत्व इन्सुलिन की उत्पत्ति को बढ़ावा देते है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित होता है और डायबिटीज़ के रोगियों को इससे आराम मिलता है। इसके साथ ही तुलसी मे कई ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जो पैंक्रियाटिक सेल्स को सुरक्षित रखते है, जिनके कारण 'इन्सुलिन प्रोडक्शन' बढ़ता है और उसके परिणामस्वरूप डायबिटीज़ के रोकथाम में सहायता मिलती है।
सर्दी के मौसम में लोगों को सांस संबंधी और सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं बहुत बढ़ जाती है। ऐसे में आयुर्वेद के अनुसार, तुलसी का नियमित उपयोग सबसे फायदेमंद होता है। तुलसी में मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल तत्व इम्यून सिस्टम को मज़बूती प्रदान करते है, जिसके कारण व्यक्ति को साधारण सर्दी-खांसी के साथ अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और इन्फ्लुएंजा जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है।
तुलसी न सिर्फ व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर करती है। सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, तुलसी शरीर में कोर्टिसोल नामक तनाव हार्मोन के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करती है। इसके साथ ही तुलसी के पत्ते एडाप्टोजेन्स से भरपूर होते हैं, जो शरीर में स्ट्रेस के लेवल को कम रखता है। यह शरीर में मौजूद तमाम इंद्रियों को शांत करती है और स्ट्रेस को कम करने में अपने अहम भूमिका निभाती है, जिससे आपका मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है।
तुलसी में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन पर कीटाणुओं को मारने में मदद करते हैं, जिससे चेहरे पर मुहासे और दाग-धब्बे नहीं होते। इसके साथ ही तुलसी में मौजूद एंटीफंगल गुण, खुजली और दाद को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। जिससे स्किन स्पॉटलेस और हेल्दी बनती है। साथ ही यदि तुलसी के रस को चेहरे पर लगाया जाएं तो इससे पिंपल्स और एक्ने पर लगाने का इन्फ्लेमेशन कम होता है, जिससे त्वचा स्वस्थ रहती है।
तुलसी में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, विटामिन A और विटामिन C जैसे बालों को स्वस्थ रखने वाले मुख्य घटक होते हैं जो बालों को मोटा और लम्बा बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। साथ ही तुलसी मेंमौजूद अएंटीबैक्टीरियल गुण स्कैल्प को स्वच्छ रखने में मदद करते है, जिससे बालों के झड़ने की समस्या और डैंड्रफ में भी कमी आती है। यदि आप भी इसका प्रयोग अच्छी तरह से करना चाहती हैं तो, तुलसी के रस को सीधे स्कैल्प पर लगाने से, इसके कई फायदे देखने को मिल सकते है।
जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन के अनुसार, तुलसी में मौजूद एंटीवायरल, एंटीबैटीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण तमाम तरह के वायरस और बैक्टीरिया को खत्म कर देते है। इसके कारण वायरस और बैक्टीरिया से होने वाली फ्लू, फीवर सहित अन्य बीमारियों के बचाव में सहायता मिलती है और यह आपके शरीर को तमाम तरह के संक्रमणों से भी बचा सकती है। तुलसी में मौजूद यह गुण शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने का काम करता है, जिससे इन सभी बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है।