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हेल्दी डाइट से लेकर पलकें झपकानें तक, यहां हैं 6 आई केयर टिप्स

Updated on:8 February 2023, 12:49pm IST

लगातार घंटों कम्प्यूटर स्क्रीन पर बैठकर काम करना आंखों में दर्द, जलन और भारीपन का कारण साबित हो सकता है। ऐसे में सही खानपान, भरपूर नींद और गैजेटस को सीमित समय के लिए इस्तेमाल करने पर ज़ोर देना होगा। आइए जानते हैं कैसे रखें अपनी आंखों की सेहत का ख्याल

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पौष्टिक भोजन खाएं- अपनी डाईट में फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड और हरी पत्तेदार सब्जियों को एड करे। इनके नियमित सेवन से आंखों की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। आप चाहें, तो सलाद या स्मूदी के तौर पर भी आयरन से भरपूर हरी सब्जियों को अपनी मील का हिस्सा बना सकते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

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यूवी प्रोटेक्टिव सन ग्लासेज़ पहनें- बाहर निकलते ही यूवी रेज़ से बचने के लिए सनग्लासेज़ अवश्य पहनें। हमेशा धूप का चश्मा पहनें जब आप बाहर हों और सूरज चमक रहा हो। यूवीबी और यूवीए किरणों को रोकने वाले लैंस का ही चश्मा पहनें। यूवी किरणों के संपर्क में आने से मोतियाबिंद, और मैकुलर डीजेनेरेशन समेत कई परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। चित्र पिक्साबे

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पूरी नींद लेना है ज़रूरी- शरीर की थकान के साथ साथ आंखों में भी थकान उतरने लगती है। इसके चलते आंखों में जलन, दर्द, पानी आना और नेक पेन होना आम बात है। इस बात का ध्यान रखें कि आंखों की थकान को दूर करने के लिए भरपूर नींद एक टॉनिक की तरह से काम करता है। रात से 8 घंटे की नींद लेना बेहद ज़रूरी है। चित्र : शटरस्टॉक

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स्क्रीनटाइम घटाएं- दिनभर कम्प्यूटर या टेबलेट पर काम करने से आंखों में रूखापन और दबाव बढ़ने लगता है। जो आंखों की रोशनी कम होने का कारण बन जाता है। ऐसे में सीमित समय के लिए ही गैजेटस का इस्तेमाल करें। जहां तक संभव हो आठ से 9 घंटे के काम के दौरान तीन से चार इंटरवेल्स लें और कुछ देर के लिए आंखें बंद कर लें। इससे आंखों को राहत प्राप्त होती है। चित्र:शटरस्टॉक

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आई एक्सरसाइज़ है ज़रूरी- आप चाहें, तो मशीन या चम्मच की मदद से दिन में एक से दो बार आई एक्सरसाइज़ ज़रूर करें। इससे लगातार कम हो रही आई साईट वहीं रूक जाती है। इसके अलावा आयुर्वेद के मुताबिक आप पार्क में जाकर कुछ देर नंगे पाव हरी घास पर चलें। इससे आपकी आंखों को ठंडक प्राप्त होती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

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ब्लिंक करना न भूलें जब आप स्क्रीन पर काम कर रहे हैं, तो आंखों को हर 30 सेकेण्ड में ब्लिंक करना न भूलें। इससे थकी हुई आंखें दोबारा रिफ्रेश हो जाती है। इसके अलावा डिम लाइट मं काम करने से परहेज करें। दरअसल, कम रोशनी आंखों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इससे आंखों की रोशनी दिनो दिन कम होने लगती है। चित्र:शटरस्टॉक

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