स्ट्रेस भी बढ़ा देता है 'माइग्रेन', जानें इसे ट्रिगर करने वाले और भी कारण

Updated on:23 November 2023, 10:13am IST

आज कल के बदलते और व्यस्त जीवन में कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं ने हमें घेर रखा है। इनमें 'सिरदर्द' और 'माइग्रेन' भी एक बहुत बड़ी समस्या है। माइग्रेन की स्थिति में व्यक्ति के सिर में तीव्र दर्द हो सकता है, जो महज़ कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक भी चल सकता है।

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बड़ी समस्या है ‘माइग्रेन’

आजकल की व्यस्त दिनचर्या के कारण लोग तमाम तरह की समस्याओं से ग्रसित है। इन समस्याओं में छोटी बीमारियों के साथ कई बड़ी एवं हानिकारक बीमारियां भी शामिल है। इन्हीं तमाम समस्याओं में 'सिरदर्द' भी एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण व्यक्ति काफी परेशान हो सकता है। वहीं, सिरदर्द की समस्या को तो किसी तरह से कम किया जा सकता हैं, लेकिन इसी में जिन लोगों को 'माइग्रेन' की समस्या होती हैं, उसके लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन जाती है। माइग्रेन का दर्द चंद घंटों से लेकर कुछ दिनों तक लगातार बना रह सकता है, इसीलिए माइग्रेन के कारणों को कभी दरकिनार नहीं करना चाहिए। चित्र-अडोबीस्टॉक

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सबसे पहले जानिए क्या है माइग्रेन ?

माइग्रेन के बारे में बात करते हुए मैगनीफ्लेक्स इंडिया के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. शंकर एस बिरादर ने बताया कि माइग्रेन एक ऐसा सिरदर्द होता है ,जो अक्सर नियमित सिरदर्द की तुलना में अधिकतीव्र और दर्दनाक होता है। माइग्रेन की स्थिति में आमतौर पर मतली, उल्टी, लाइट और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसे अन्य लक्षण भी दिखाई पड़ सकते है । साथ ही माइग्रेन कुछ घंटों या कुछ दिनों तक भी टिक सकता है । चित्र-अडोबीस्टॉक

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माइग्रेन के दौरान क्या होता है ?
sir drd ko ignore n kren

डॉ.शंकर बताते हैं कि माइग्रेन के दौरान मस्तिष्क और रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) में कुछ बदलाव होते हैं। ऐसा माना जाता है कि मस्तिष्क में रक्त वाहिकाएं पहले सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है। ब्लड वैसल्स के सिकुड़ने के बाद अचानक से यह फिर फैलने लगती हैं और चौड़ी हो जाती है। ये परिवर्तन दर्द रिसेप्टर्स को ट्रिगर करते हैं, जिसके कारण यह तीव्र सिरदर्द का कारण बनता हैं। वहीं, माइग्रेन से बचाव के लिए यदि आप कुछ कारणों पर ध्यान देते हैं, तो आपको इस समस्या से राहत मिल सकती है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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स्ट्रेस के कारण हो सकता है 'माइग्रेन'
stress ko kaise karein kum

आजकल के व्यस्त वातावरण में हर व्यक्ति को स्ट्रेस जरूर है। फिर चाहे वो काम का हो या किसी अन्य चीज़ का। स्ट्रेस माइग्रेन का सबसे बड़ा कारण होता है। डॉ. शंकर एस के अनुसार जब व्यक्ति कोस्ट्रेस होता है तो दिमाग कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन के रिलीज को ट्रिगर करता है, जो विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है। कोर्टिसोल के स्तर में परिवर्तन ब्लड प्रेशर और ब्लड वैसल्स के कार्य को प्रभावित करता है, जिससे माइग्रेन भी शिकायत देखने को मिलती है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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पर्याप्त नींद नहीं तो 'माइग्रेन' शुरू
Neend ki kami se badh jata hai diabetes ka jokhim

नींद और माइग्रेन का रिश्ता बिलकुल उलट है। आजकल में मोबाइल और सोशल मीडिया साइट्स के कारण हम घंटे अपने मोबाइल पर लगें रहते हैं, जिसके कारण भी 'माइग्रेन' की समस्या हो सकतीं हैं। यदि आप पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते और आराम नहीं करते, तो आपको माइग्रेन की समस्या हो सकती है। इस मामले पर डॉ. शंकर एस बताते हैं कि नींद की कमी माइग्रेन की समस्या को बढ़ाती है क्योंकि यह नियमित नींद के पैटर्न को बाधित करती है, और तनाव बढ़ाती है। तनाव बढ़ने के साथ ही माइग्रेन की समस्या भी देखने को मिलती है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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हॉर्मोनल असंतुलन भी है एक कारण
hormone jo prbhavit kr skte hain apki seht

महिलाओं में माइग्रेन होने का एक बड़ा कारण हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है। डा. शंकर बताते हैं कि हार्मोनल असंतुलन महिलाओं में माइग्रेन में योगदान देता है। कई महिलाओं को उनके पीरियड्स के समय में माइग्रेन की समस्या होती है, जिसे 'मेंस्ट्यूरल माइग्रेन' भी कहा जाता है। मेंस्ट्यूरल माइग्रेन अक्सर के पीरिड्स के ठीक पहले, दौरान या बाद के दिनों में होते हैं। इस दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट होती है, जिसके कारण माइग्रेन होता है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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डिहाइड्रेशन भी होता है कारण
Headache hai dehydration ka kaaran

डिहाइड्रेशन भी माइग्रेन के कारणों में से एक है। दरअसल, शरीर में पानी की कमी होने के कारण खून गाढ़ा हो जाता है, जिसके कारण मस्तिष्क में होने वाला ब्लड फ्लो कम हो जाता है । इस कम ब्लड फ्लो के कारण मस्तिष्क में ब्लड वैसल्स एक्सपैंड होती है, जिसके कारण भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से भी होता है माइग्रेन
kya electrolyte boosters energy ke liye jaruri hai,

शरीर में इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस भी माइग्रेन का एक कारण होता है। विशेष रूप से सोडियम और पोटेशियम के स्तर में कमी भी इसका कारण होती है। शरीर के फ्ल्यूड बैलेंस बनाए रखने और साथ ही नर्व और मांसपेशियों के सही तरह से काम करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स आवश्यक होते हैं। इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन मस्तिष्क में नर्व सिग्नलिंग को प्रभावित करता है और स्वाभाविक रूप से माइग्रेन का कारण बनता है। चित्र-अडोबीस्टॉक