PCOS home remedies : अनियमित पीरियड से जुड़ी समस्या है पीसीओएस, जानिए इसे कंट्रोल करने के घरेलू उपाय

Updated on:14 September 2023, 07:19pm IST

रिप्रोडक्टिव एग की लगभग 8-13 प्रतिशत तक महिलाएं इस समस्या की शिकार हैं। वहीं इनमें से लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं का पीसीओएस डाइग्नोस भी नहीं हो पाता। इसके बारे में जानकारी होना बेहद महत्वपूर्ण है।

PCOS se kaise raahat paayein 1/6

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) की शिकायत बहुत सी महिलाओं में देखने को मिल रही। यह समस्या रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुडी है जो महिलाओं के लिए तमाम परेशानियां खड़ी कर सकती है। इस स्थिति में सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं के मेंस्ट्रुअल साइकल पर पड़ता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के अनुसार रिप्रोडक्टिव एग की लगभग 8-13 प्रतिशत तक महिलाएं इस समस्या की शिकार हैं। वहीं इनमें से लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं का पीसीओएस डाइग्नोस भी नहीं हो पाता। इन्ही सब बातों की ध्यान में रख आज पीसीओएस अवेर्नेस मंथ 2023 पर हेल्थ शॉट्स लाया है कुछ खास घरेलु उपाय जो इस स्थिति को संतुलित रखने में आपकी मदद करेंगे।

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मुलेठी - मुलेठी पीसीओएस के प्रबंधन के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह एण्ड्रोजन को संतुलित रखता है और एंजाइम के उत्पादन को भी उत्तेजित करता है। जो एण्ड्रोजन को एस्ट्रोजन (महिला हार्मोन) में परिवर्तित करता है। आप एक कप गर्म पानी लें, इसमें मुलेठी जड़ का पाउडर मिलाएं और दो महीने तक इसका नियमित उपयोग करें। लंबे समय तक प्रभाव बनाए रखने के लिए इस काढ़े का उपयोग और भी लंबे समय तक किया जा सकता है।

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अलसी के बीज - नेशनल मेडिसन ऑफ़ लाइब्रेरी के अनुसार अलसी के बीज में एक ऐसा कंपाउंड होता है जो शरीर में एण्ड्रोजन के स्तर को कम करने में सहायक होता है। इसका सेवन पीसीओएस के लक्षण को नियंत्रित रखता है और शरीर में बालों के असामान्य वृद्धि जैसे एण्ड्रोजन के स्तर में वृद्धि को संतुलित रखता है। अलसी का बीज वजन घटाने में भी मददगार होता है। अलसी के बीजों को मिल्कशेक और स्मूदी के रूप में अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकती हैं, साथ ही इसका सीधा सेवन भी आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहेगा। अलसी के बीजों को पानी में रात भर के भिगोकर रख दें। इसके बाद, इन्हें पीस लें और खाएं। भिगोए हुए अलसी के बीज पाचन को सहयोग देते हैं और उनके गुण अधिक अवशोषित होते हैं। अधिक मात्रा में अलसी के बीज खाने से नकरात्मक प्रभाव हो सकता है, इसलिए संतुलित और सही तरीके से खाने का पालन करें।

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दालचीनी - दालचीनी इंसुलिन रिसेप्टर्स के कार्य में सुधार करती है, जो पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए लाभकारी प्रभाव प्रदान करती है। पब मेड सेंट्रल के अनुसार आहार में दालचीनी की खुराक मासिक धर्म की अनियमितताओं को ठीक करने में प्रभावी रूप से कार्य करती है। इसे चाय में मिलाकर ले सकती हैं, साथ ही पानी में मिलाकर इसका सेवन करें। इसका सेवन टैबलेट के रूप में भी किया जा सकता है, जो अधिक केंद्रित होते हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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अश्वगंधा - अश्वगंधा को "भारतीय जिनसेंग" भी कहा जाता है। पब मेड सेंट्रल के अनुसार अश्वगंधा कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे तनाव और पीसीओएस के लक्षणों में सुधार हो सकता है।

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प्रोबायोटिक्स - प्रोबायोटिक्स न केवल आपके पाचन और आंत के स्वास्थ्य में मदद करते हैं। वे पीसीओएस के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। प्रोबायोटिक्स सूजन को कम करते हैं और एण्ड्रोजन और एस्ट्रोजन जैसे सेक्स हार्मोन को नियंत्रित रखते हैं।