काले जामुन खाने में बेहद रसीले होते हैं। स्वाद में खट्टे मीठे होने के कारण अक्सर लोग इसे खाना पसंद करते हैं। तासीर में ठण्डा होने के चलते ये शरीर को कई बीमारियों से बचाते है। मुंह में होने वाले छालों से लेकर डायबिटीज को नियंत्रित करने तक हर तरह की समस्याओं में फायदा पहुंचाते है।
डायबिटीज से बचाए- डायबिटीज से ग्रस्त लोग जामुन के सेवन से ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके लिए जामुन के साथ साथ इसके पत्ते भी बेहद कारगर साबित होते हैं। दरअसल, जामुन शरीर में जाकर कार्बोहाइड्रेट को एनर्जी में बदलने में सहायक साबित होता है। एनसीबीआई के मुताबिक जामुन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के चलते ये डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभप्रद है। इसके सेवन से बार बार यूरिन पास करने की समस्या से बचा जा सकता है। फल के साथ साथ जामुन के पत्तों, सीड्स और छाल का अर्क भी इस रोग में शुगर लेवल कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
दांत का दर्द करे दूर- आज के इस दौर में दांतों की समस्या होने एक आम बात है। जामुन को खाने से मुंह की दुर्गंध से राहत मिलती है। इसके अलावा जामुन के पत्तों को मध्यम आंच पर जलाकर उसकीराख तैयार कर ले। अब एसी राख को दांतों पर मलने से दांतों के दर्द का राहत मिलने लगती है। इससे दांत मजबूत होने लगते है। इसके अलावा जामुन के रस को पीने और उससे कुल्ला करने से भी मसूड़ों में सूजन की समस्या दूर हो जाती है।
वेटलॉस में मददगार- कम कैलोरी और उच्च फाइबर से युक्त जामुन वेटलॉस में सहायक है। आप इसे जूस, स्मूदी या फल के तौर पर खा सकते हैं। ये खाने को आसानी से डाइजेस्ट करने में मदद करता है। साथ ही शरीर में वॉटर रिटेंशन होने से हमें बचाता है। जामुन में पाए जाने वाले गैलिक एसिड और एलेजिक एसिड मेटाबॉलिज्म को इंप्रूव करता है। इसके चलते हमारे मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने वाले जामुन को खाने से काफी देर तक भूख नहीं लगती है।
हीमोग्लोबिन को करे मेंटेन- जामुन में विटामिन सी और आयरन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा संतुलित रहती है। जामुन में मौजूद आयरन कम्पाउंड ब्लड को प्यूरीफायर कर शरीर को हेल्दी बनाता है। पीरियड साइकिल के दौरान महिलाओं में होने वाली खून की कमी के जोखिम से भी हमें बचाता है। वे महिलाएं, जो अनीमिया की शिकार हैं। वे कई तरीकों से जामुन को अपनी डाइट में एड कर सकती है।