मच्छरों के काटने से फैलने वाला यह रोग बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों में मौत का एक बड़ा कारण बन रहा है। इसके लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता तो है ही, साथ ही आयुर्वेदिक उपायों को भी आजमाया जा सकता है।
मलेरिया के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। यह समस्या प्लास्मोडियम नामक परजीवी के कारण उत्पन्न होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मलेरिया विश्व के लिए बड़ी स्वास्थ्य समस्या है। यह समस्या अफ्रीकी कॉन्टीनेंट में विकराल रूप धारण किए हुए है। वहीं, वर्ष 2019 में 229 मिलियन मलेरिया के मामले सामने आए थे, और 409000 लोगों की मलेरिया से मौत हुई थी।
अदरक का सेवन- अदरक का सेवन चाय, भोजन व अन्य चीजों में स्वाद लेने के साथ मलेरिया की बीमारी में लाभकारी है। मलेरिया में इसका लाभ लेने के लिए थोड़ी सी अदरक लेकर उसमें चार छोटे चम्मच किशमिश डालकर पानी में उबाल लें। जिस बर्तन में पानी गर्म करने के लिए लिया गया है, जब तक उस बर्तन में पानी आधा न हो जाए गर्म करते रहें। ठंडा होने पर इसका दिन में दो बार सेवन करें। ऐसा करने से समस्या में आराम मिलता है।
नीम है फायदेमंद- नीम की पत्ती मलेरिया की बीमारी के आयुर्वेदिक उपचार में से एक है। मलेरिया की समस्या मच्छरों के काटने से होती है। मलेरिया की समस्या होने पर नीम के पत्ते की छाल का काढ़ा दिन में दो बार पीने से बीमारी में लाभ मिलता है। काढ़ा पीने के लिए नीम की पत्ती में काली मिर्च पाउडर मिलाकर गर्म कर लें। इसके अलावा नीम का तेल लगाने से मच्छर भी पास नहीं आते।