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बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए भी घातक हो सकता है कोविड -19? बस एक मिनट में जानिए इस बारे में सब कुछ

Updated on:10 January 2022, 22:08pm IST

कोविड संक्रमण की दो लहरों से निपटने के बाद तीसरी लहर एक बार फिर से चुनौती बनकर खड़ी हो गई है। इसमें ज्यादातर मरीज एसिंप्टोमेटिक हैं। इसलिए इस बार आपको और ज्यादा सतर्क रहना होगा।

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सदी की सबसे खतरनाक बीमारी साबित हुई है कोविड-19। कोरोना वायरस संक्रमण ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। कोरोना वायरस संक्रमण के शरीर में प्रवेश करने के बाद कई लक्षण होते हैं, जिससे यह अंदाजा लग जाता है कि संक्रमण हो चुका है। हालांकि कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिनमें कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिलता, उसके बाद भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो सकता है। इन्हे एसिम्टोमैटिक मरीज के नाम से जाना जाता है। यदि आप भी इनमें से एक हैं, तो आपको कुछ बातें जानना जरूरी है।

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बड़ा खतरा हैं एसिम्टोमैटिक मरीज : देश में इस वक्त ओमिक्रोन फैल रहा है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन में प्रकाशित रिसर्च पेपर के अनुसार, बिना लक्षण वाले कोविड-19 मरीज दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। ऐसे मरीजों पर विशेष तौर पर ध्यान देने की जरूरत है।

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क्या एसिम्टोमैटिक मरीज में कम होता है वायरस लोड? : दक्षिण कोरिया के जामा इंटरनल मेडिसिन में छपी एक स्टडी के अनुसार एसिम्टोमैटिक मरीज में भी वायरस का लोड लक्षण वाले मरीज जितने होते हैं। इस स्टडी में आठ दिन आइसोलेशन में रहने के बाद के मरीजों के सैंपलों में वायरस की उतनी ही मात्रा मिली, जितनी लक्षण वाले मरीजों में थी।

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आप एसिम्टोमैटिक हैं, ऐसे पता करें : यदि आपके आसपास कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है, आप उसके संपर्क में आए हैं इसके बावजूद आप में कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे। तो बेहतर है कि आप कोरोना टेस्ट करवाएं। संभवत: आप बिना लक्षणों वाले कोरोनावायरस के कैरियर हो सकते हैं। टेस्ट की रिपोर्ट आने तक खुद को क्वरांटीन कर लेना बेहतर है।

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ओमिक्रोन में होंगे ज्यादा एसिम्टोमैटिक मरीज ? : मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दूसरे कोरोना वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन में ज्यादा एसिम्टोमैटिक मरीज हैं। 3 जनवरी तक मुंबई में पाए गए नए COVID मामलों की कुल संख्या में से, 90% एसिम्टोमैटिक हैं।

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एसिम्टोमैटिक मरीज को अस्पताल में होना चाहिए भर्ती ? : एसिम्टोमैटिक मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है हाल ही में केंद्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार एसिम्टोमैटिक मरीज घर पर ही आइसोलेट रह सकते हैं। इन्हें केवल 7 दिनों के लिए आइसोलेट होना चाहिए।

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