कोविड संक्रमण की दो लहरों से निपटने के बाद तीसरी लहर एक बार फिर से चुनौती बनकर खड़ी हो गई है। इसमें ज्यादातर मरीज एसिंप्टोमेटिक हैं। इसलिए इस बार आपको और ज्यादा सतर्क रहना होगा।
सदी की सबसे खतरनाक बीमारी साबित हुई है कोविड-19। कोरोना वायरस संक्रमण ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। कोरोना वायरस संक्रमण के शरीर में प्रवेश करने के बाद कई लक्षण होते हैं, जिससे यह अंदाजा लग जाता है कि संक्रमण हो चुका है। हालांकि कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिनमें कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिलता, उसके बाद भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो सकता है। इन्हे एसिम्टोमैटिक मरीज के नाम से जाना जाता है। यदि आप भी इनमें से एक हैं, तो आपको कुछ बातें जानना जरूरी है।
क्या एसिम्टोमैटिक मरीज में कम होता है वायरस लोड? : दक्षिण कोरिया के जामा इंटरनल मेडिसिन में छपी एक स्टडी के अनुसार एसिम्टोमैटिक मरीज में भी वायरस का लोड लक्षण वाले मरीज जितने होतेहैं। इस स्टडी में आठ दिन आइसोलेशन में रहने के बाद के मरीजों के सैंपलों में वायरस की उतनी ही मात्रा मिली, जितनी लक्षण वाले मरीजों में थी।
आप एसिम्टोमैटिक हैं, ऐसे पता करें : यदि आपके आसपास कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है, आप उसके संपर्क में आए हैं इसके बावजूद आप में कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे। तो बेहतर है कि आप कोरोना टेस्ट करवाएं। संभवत: आप बिना लक्षणों वाले कोरोनावायरस के कैरियर हो सकते हैं। टेस्ट की रिपोर्ट आने तक खुद को क्वरांटीन कर लेना बेहतर है।