डायबिटीज़ से पहले का 'वॉर्निंग साइन' है प्रीडायबिटीज, जानें क्या हैं इसके लक्षण

Published on:12 November 2023, 12:00pm IST

भारत में तेज़ी से डायबिटीज़ के मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं। लेकिन वहीं, ICMR की एक रिपोर्ट में यह भी पता चला कि प्रीडायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या डायबिटीज़ के मरीजों से ज्यादा है। साथ ही यदि प्रीडायबिटीज के लक्षणों को सही से आंका जाएं, तो डायबिटीज़ जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

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भारत का बड़ा हिस्सा 'डायबिटीज़' से प्रभावित
diabetes mein fruits khaane mei bartein saavdhaani

आजकल के अस्वस्थ खानपान, अनियमित दिनचर्या, बढ़ता हुआ स्क्रीन टाइम और तमाम समस्याओं के चलते व्यक्ति कई सारी बीमारियों से घिरा हुआ है। तमाम तरह की 'क्रॉनिक बीमारियों' से लेकर दिनचर्यासंबंधी समस्याओं तक, व्यक्ति हर तरफ से परेशान है। इन्हीं तमाम बीमारियों में डायबिटीज़ भी ऐसी समस्या हैं, जिसके चलते काफी लोग प्रभावित है। 2015 में हुए एक सर्वे की रिपोर्ट को साझा करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह बताया था कि भारत में वर्ष 2015 तक डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों की संख्या 70 मिलियन तक पहुंच गई थी। वहीं, इस रिपोर्ट में यह अनुमान भी लगाया गया कि वर्ष 2030 तक ये आंकड़ा बढ़ के लगभग 98 मिलियन होने की संभावना है, जो एक बहुत बड़ा आंकड़ा है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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वार्निंग साइन है 'प्रीडायबिटीज़'
diabetes ke lakshan

आमतौर पर जब व्यक्ति किसी समस्या से रूबरू होता हैं तो, वह सोचता है कि काश! इसका वार्निंग साइन उन्हें पहले मिल जाता, जिससे वे उस समस्या के आने पर तमाम तैयारियों के साथ सामना कर पाते।स्वाभाविक रूप से अन्य तमाम जीवन की परिस्थितियों में ऐसा होना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन 'डायबिटीज़' के मामले में ऐसा हो सकता है। दरअसल, डायबिटीज़ के होने के पहले व्यक्ति के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव होता है, जो एक तरह 'डायबिटीज़' का एक तरह का वार्निंग साइन होता है, जिसे 'प्रीडायबिटीज़' कहते हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक

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क्या होता है 'प्रीडायबिटीज़' ?
prediabetes ke lakshan pehchaanein

यदि आम भाषा में समझें तो 'प्रीडायबिटीज' वो स्थिति होती हैं, जिसमें शरीर डायबिटीज़ के लक्षणों को दिखाने लगता हैं। यानि डायबिटीज़ के ठीक पहले की स्थिति को 'प्रीडायबिटीज़' कहा जाता है। वहीं, यूएस की संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, प्रीडायबिटीज एक ऐसी समस्या हैं, जिसमें व्यक्ति न तो पूरी तरह से स्वस्थ होता है और न ही वो पूरी तरह से 'डायबिटीज़' से ग्रसित होता है। बल्कि यह ऐसी स्थिति होती है, जिसमें ऐसी स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति यदि अपनी जीवनशैली में स्वस्थ बदलाव कर ले, तो वह डायबिटीज़ जैसे खतरनाक बीमारी की चपेट में आने से बच सकता है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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बढ़ रही है प्रीडायबिटिक लोगों की संख्या
Prediabetes ko kaise pehchaanein

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के द्वारा को गई एक रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में हर पांच व्यक्तियों में से एक व्यक्ति प्रीडायबिटिक हैं। साथ ही भारत की आबादी का कुल 11.8 प्रतिशतहिस्सा डायबिटीज़ से पीड़ित है लेकिन प्रीडायबिटीज़ के मरीजों की संख्या इससे ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल 136 मिलियन यानी लगभग 15.3 फीसदी लोग प्रीडायबिटीज की समस्या से जूझ रहें हैं। साथ ही ICMR ने यह भी बताया कि आने वाले पांच वर्षों में इनमें से लगभग 65 फीसदी से अधिक लोग फुल डायबीटीज़ पेशेंट के रूप परिवर्तित हो सकते हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक

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कैसे समझें 'प्रीडायबिटीज' के लक्षण ?
diabetics apna dhyaan kaise rakhein

आमतौर पर प्रीडायबिटीज के खुद के कोई प्रमुख लक्षण नहीं होते बल्कि डायबिटीज़ के शुरूआती लक्षण ही इसके वार्निंग साइंस होते हैं। प्रीडायबिटीज की स्थिति में व्यक्ति का ब्लड शुगर बढ़ जाता है, लेकिन यह उस स्तर तक नहीं पहुंचता, जो की डायबिटीज के लिए आवश्यक होता है। साथ ही प्रीडायबिटीज में अचानक वेट लॉस और वेट गेन, ब्लर्ड विजन और थकान जैसे कई लक्षण दिखाई पड़ते हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक

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ज्यादा प्यास लगना भी है संकेत
upwas ke baad thodi matra me paani piyen.

अधिक प्यास लगना भी प्रीडायबिटीज का लक्षण हो सकता है। जब किसी व्यक्ति को प्रीडायबिटीज होती है, तो उनके ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होता है । ज्यादा ब्लड शुगर के स्तर से प्यासबढ़ सकती है क्योंकि ऐसे में शरीर अधिक यूरिन के माध्यम से अतिरिक्त ग्लूकोज को बाहर निकालने की कोशिश करता है। चित्र-अडोबीस्टॉक

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आंखें भी हो सकती हैं प्रभावित
eye flu ka upchar ghar par ho sakta hai

प्रीडायबिटीज के पमुख लक्षणों में अधिक प्यास के साथ बार-बार मूत्र करने की आवश्यकता महसूस कर होना, असामान्य थकान का अहसास होना, बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन परिवर्तन होना,धुंधलापन याअस्पष्ट दृष्टि का अहसास होना, घावों का धीमा भरना, बार-बार इंफेक्शन होना और शरीर पर काले पैचेस पड़ना में से एक है। यदि किसी व्यक्ति को इस तरह के लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत अपना ब्लड टेस्ट कराना चाहिए, क्योंकि इसके जरिए ही उनका परीक्षण हो सकता है। चित्र-अडोबीस्टॉक