कुछ लोग ये समझते हैं कि यह बॉडी में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण बनता है और हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। परंतु असल में ऐसा नहीं है, बटर सेहत के लिए कई रूपों में फायदेमंद होता है।
बरसों से मक्खन (Butter) को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की अवधारणाएं बनी हुई हैं। कुछ लोगों को लगता है कि बटर खाने से उनका वजन बढ़ सकता है, तो कुछ लोग ये समझते हैं कि यह बॉडी में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण बनता है और हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। परंतु असल में ऐसा नहीं है, बटर सेहत के लिए कई रूपों में फायदेमंद होता है। यदि आप प्रोसेस्ड और रिफाइंड बटर का इस्तेमाल कर रही हैं, तो ये आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। पर शुद्ध और देसी बटर का सेवन सेहत को कई महत्वपूर्ण फायदे प्रदान करता है। तो आईए जानते हैं, इसके ऐसे ही कुछ खास स्वास्थ्य लाभ।
बटर में विटामिन डी जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों के ग्रोथ और डेवलपमेंट में आपकी मदद करते हैं। इसके अलावा यह कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है, जिसे हड्डियों की सेहत के लिए एक बेहद खास न्यूट्रिशन के तौर पर जाना जाता है। बॉडी में कैल्शियम और विटामिन डी की उचित मात्रा होने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डियों से संबंधित समस्याओं का खतरा कम हो जाता है और बोन डेंसिटी मेंटेन रहती है।
बटर में विटामिन ई की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है, जो त्वचा की सेहत को बनाए रखने में आपकी मदद करती है। ये पोषक तत्व सूरज की हानिकारक किरणों के प्रभाव से होने वाले स्किन डैमेज के खतरे को कम कर देता है और स्किन इन्फ्लेमेशन की स्थिति में कारगर होता है। वहीं विटामिन ई की उचित मात्रा स्किन की हीलिंग पॉवर को बूस्ट करता है।
बटर में सेलेनियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो बॉडी से टॉक्सिक कंपाउंड्स को बाहर निकलने में मदद करते हैं। इसके अलावा बटर CLA से भरपूर होता है, जो बॉडी में कैंसर टयूमर्स के ग्रोथ को रोकते हैं। इसमें मौजूद विटामिन K2 प्रोस्टेट, लंग्स और ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर देता है। यह इम्यून फंक्शन को बूस्ट करते हुए बॉडी को तमाम प्रकार की बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता है।
बॉडी को इंटेस्टाइनल सेल्स को प्रोटेक्ट करने और डाइजेस्टिव फंक्शन को इंप्रूव करने के लिए डायट्री कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है। बटर में कुछ प्रकार के लिपिड पाए जाते हैं, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक इनफेक्शन में कारगर होते हैं और स्टूल को सॉफ्ट करते हैं। जिससे की कब्ज की समस्या नहीं होती, साथ ही इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षण से भी राहत मिलता है।