मूली के पत्ते में कई ऐसे कंपाउंड और पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर रेगुलेशन के लिए आवश्यक होते हैं। इस प्रकार यह डायबिटीज के मरीजों के लिए एक सुरक्षित खाद्य विकल्प साबित हो सकता है, जिसका सेवन उन्हें सर्दियों में जरूर करना चाहिए।
मूली एक विंटर सुपरफूड है, जिसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की गुणवत्ता पाई जाती है। हालांकि, केवल मूली ही नहीं बल्कि इसके पत्ते भी बेहद पौष्टिक होते हैं। खासकर मूली के पत्ते डायबिटीज के मरीजों में ब्लाउड शुगर मैनेजमेंट में मददगार साबित हो सकते हैं। इसमें कई ऐसे कंपाउंड और पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर रेगुलेशन के लिए आवश्यक होते हैं। इस प्रकार यह डायबिटीज के मरीजों के लिए एक सुरक्षित खाद्य विकल्प साबित हो सकता है, जिसका सेवन उन्हें सर्दियों में जरूर करना चाहिए।
मूली के पत्तों में कई महत्वपूर्ण विटामिन एवं मिनरल्स की गुणवत्ता पाई जाती है, जो आपकी समग्र सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। विशेष रूप से यह आयरन, फास्फोरस, फोलिक एसिड,कैल्शियम, पोटैशियम, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन b6, मैग्नीशियम और विटामिन सी जैसे खास पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। यह सभी पोषक तत्व आपके शरीर के नियमित फंक्शन के लिए बेहद आवश्यक होते हैं।
मूली के पत्तों में कई ऐसे कंपाउंड पाए जाते हैं जो इन्सुलिन सेंसटिविटी को बढ़ा देते हैं, जिससे कि ब्लड शुगर लेवल सामान्य रहता है। इंसुलिन सेंसटिविटी इंसुलिन हार्मोन के प्रति शारीरिकप्रतिक्रिया को दर्शाती है। इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन है, जो ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करता है। जब इन्सुलिन सेंसटिविटी बढ़ जाती है, तो सेल्स अधिक प्रभावी रूप से ब्लूज ग्लूकोज को इस्तेमाल कर पाते हैं। इस प्रकार ब्लड शुगर लेवल सामान्य रहता है।
मूली के पत्तों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है। यह 15 से 40 तक हो सकता है, जो मूली के पत्तों के अलग-अलग प्रकार के वैरायटी पर निर्भर करता है। कम ग्लाइसेमिक वाले खाद्य पदार्थ शरीर में धीमे-धीमे अवशोषित होते हैं और ब्लड शुगर स्पाई का कारण नहीं बनते। GI के 55 से कम माप को लो ग्लाइसेमिक इंड्स के अंदर रखा जा सकता है।