शराब, धूम्रपान से लेकर आपकी कुछ नियमित आदतें हेल्दी गट बैक्टीरिया को प्राभावित कर सकती हैं। ऐसे में इनपर ध्यान दें अन्यथा पाचन संबंधी समस्यायों का सामना करना पड़ सकता है।
डाइजेस्टिव सिस्टम एक्टिव होने से हमारी बॉडी को हेल्दी रखने में मदद मिलती है। शरीर में मौजूद गट बैक्टीरिया भोजन को पतला करने के साथ पचाने में मदद करते हैं। लंग्स एक सौ ट्रिलियन से ज्यादा बैक्टीरिया का घर है। ऐसे में बैक्टीरिया की कई प्रजातियां हमारी लंग्स में रहती हैं। इसमें बैक्टीरिया के चार ग्रुप होते हैं, एक्टिनोबैक्टीरिया, फर्मिकयूट्स, बैक्टेरॉइडेट्स और प्रोटीनोबैक्टीरिया ये सभी ग्रुप डाइजेशन के लिए जरूरी हैं।
शारीरिक स्थिरता से भी पड़ता है असर - हर रोज़ वर्कआउट करने से एनर्जी बूस्ट होती है। बॉडी को हेल्दी रखने के लिए इसे हर रोज़ करना चाहिए। एक शोध में पाया गया है कि सामान्य लोगों के अपेक्षा रग्बी खिलाड़ियों में अधिक गट फ्लोरा और बैक्टीरिया की संख्या दोगुनी थी, वहीं एथलीट्स में अक्करमेनिया का लेवल अच्छा था। यह मोटापा, डायबिटीज को कंट्रोल रखता है।
प्रीबायोटिक्स की कमी है नुकसानदेह - प्रीबायोटिक्स की कमी से गट बैक्टीरिया को नुकसान पहुंच सकता है। सबसे अधिक प्रीबायोटिक्स केला, लहसुन, प्याज, दाल, बीन्स, ओट्स और नट्स में पाया जाता है। एक शोध में पाया गया कि मोटोपा से ग्रसित 30 महिलाओं में तीन माह प्रीबायोटिक्स सप्लीमेंट का सेवन करने से हेल्दी बैक्टीरिया फेकैलिबैक्टीरियम और बिफीडोबैक्टीरियम में बढ़ोतरी हुई,जो सेहत के लिए अच्छा है।