हर बीमारी में जरूरी नहीं हैं 'एंटीबायोटिक्स', यहां जानिए इनके बारे में कुछ जरूरी तथ्य

Published on:26 November 2023, 12:00pm IST

अक्सर लोग 'एंटीबायोटिक्स' को हर समस्या का एकमात्र समाधान समझने लगते है और असीमित मात्रा में इसका सेवन शुरू कर देते है। लेकिन वहीं एंटीबायोटिक्स सिर्फ कुछ मामलों में ही प्रभावी होती है और यदि इसका अत्यधिक सेवन किया जाएं तो तमाम समस्याओं सहित 'एंटीबायोटिक्स रेजिस्टेंस' जैसे समस्या भी हो जाती है ।

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'ओवर द काउंटर' जाकर एंटीबायोटिक्स लेना खतरनाक
antibiotics lene me saavdhani barten.

आजकल के बदलते मौसम में आम बीमारियों की चपेट में आना बहुत आम बात है। कई तरह के फ्लू, फीवर, सर्दी, खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं ठंड के दिनों में लोगों को परेशान करती ही रहती है। कुछलोगों में यह समस्या स्वतः ही कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, तो वहीं कुछ लोग डॉक्टर से कंसल्ट करते है और डॉक्टर पूरी जानकारी जुटा कर व्यक्ति का इलाज़ करता है। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते है जो खुद ही ओवर द काउंटर जाकर 'एंटीबायोटिक्स' ले आते है, जो कि उनके लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है।

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पहले जानिए क्या होती है 'एंटीबायोटिक्स'
side effects hone ke bawajood bade paimane par inhe liya ja raha hai

सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, एंटीबायोटिक्स ऐसी दवाएं होती हैं, जो बैक्टीरिया के विकास को रोकती है या पूरी तरह से उन्हें नष्ट कर देती है। एंटीबायोटिक्स एक प्रकारके एंटीमाइक्रोबियल एजेंट हैं, जिसका प्रयोग बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया के स्ट्रक्चर और फंक्शन को टारगेट करती है और उनके विस्तार को रोकती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एंटीबायोटिक्स, वायरल इन्फेक्शन्स के खिलाफ प्रभावी नहीं होती।

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कई तरह से ली जा सकती है 'एंटीबायोटिक्स'

जब भी किसी व्यक्ति को बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है, तब उसकी समस्या को कम करने के लिए डॉक्टर 'एंटीबायोटिक्स' का प्रयोग करते है। एंटीबायोटिक्स को आमतौर पर ओरल तरीके से लिया जाता है लेकिन वहीं, जब इंफेक्शन गंभीर होता है या मौखिक दवाइयां प्रभावी नहीं होतीं, तो डॉक्टर इंजेक्शन का सुझाव भी देते हैं। और अधिक गंभीर इन्फेकशन के लिए, डॉक्टर इंट्रावेनस एंटीबायोटिक्स का सुझाव भी दे सकते हैं, जो सीधे नसों में दी जाती है।

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'एंटीबायोटिक्स' को कब प्रयोग किया जाना चाहिए ?

कई लोग समझते हैं कि हर तरह कि समस्याओं में एंटीबायोटिक्स को प्रयोग कर लेने से उनकी स्वास्थ्य परेशानियों में कमी हो जाएगी लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है। एंटीबायोटिक्स सिर्फ बैक्टीरियलसमस्याओं को कम करने के लिए ही जानी जाती है। यूएस सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, एंटीबायोटिक्स की गले के संक्रमण, हूपिंग कफ (काली खांसी), यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन सहित बैक्टीरिया के कारण होने वाली सेप्सिस जैसी गंभीर समस्याओं और चरम संक्रमण के इलाज के दौरान ही आवश्यकता होती है।

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कब फायदेमंद नहीं होती एंटीबायोटिक्स ?

एंटीबायोटिक्स को हर बीमारी में लेने वाले लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि यह दवाएं सिर्फ चुनिंदा मामलों में ही काम करती है। यूएससीडीएस के अनुसार, कई आम समस्याओं जैसे सर्दी और नाक बहना, गले में खराश, बुखार , सीने में दर्द, कंजेशन और ब्रोंकाइटिस में एंटीबायोटिक्स काम नहीं करती। साथ ही अन्य बैक्टीरियल इन्फेक्शन्स जैसे साइनस इंफेक्शन और कान में होने वाले कुछ इंफेक्शन में भी एंटीबायोटिक्स काम नहीं करती। इसलिए ऐसे समय में अत्यधिक एंटीबायोटिक्स का प्रयोग करना कई तरह की स्वास्थ्य हानि पंहुचा सकता है।

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एंटीबायोटिक्स खाने से हो सकते है साइड इफेक्ट्स

किसी भी दवा की तरह ही एंटीबायोटिक्स के भी कई दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। आमतौर पर सही तरह और उचित मात्रा में एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जाएं तो अधिकांश एंटीबायोटिक्स किसी प्रकार की समस्याएं पैदा नहीं करती हैं। लेकिन कुछ मामलों में एंटीबायोटिक्स के कुछ आम साइड इफेक्ट जैसे अधिक बीमार महसूस करना, शरीर के किसी हिस्से में सूजन होना, पाचन संबंधी समस्याएं जैसे अपच और दस्त होना, एलर्जी होना और साथ ही कुछ दुर्लभ मामलों में गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया जैसे एनाफिलेक्सिस होने की संभावनाएं भी हो सकती है ।

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अगर दिखने लगें ये संकेत तो तुरंत करें डॉक्टर से कंसल्ट

यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि आपको स्किन पर लाल चकत्ते हो जाते हैं जिनमें खुजली, बहुत अधिक लालिमा, अधिक सूजन, छाले दिखते है, स्किन ड्राइनेस हो जाती है, छाती या गले में जकड़न हो जाती है, आपको सांस लेने या बात करने में परेशानी होती है या आपका मुंह, चेहरा, होंठ, जीभ या गला सूजने लगता है। तो इन संकेतों का साफ़ अर्थ है कि आपको गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया हो सकती है इसलिए आपको अस्पताल में तत्काल उपचार की आवश्यकता है।