फाइबर से भरपूर मक्की का आटा कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है। जिससे यह डायबिटीज रोगियों के लिए भी सुपरफूड है। अगर आप भी मक्की के फायदे जानने के लिए उत्सुक हैं, तो इस एक मिनट की स्लाइड में जानिए सभी कुछ।
जिन चीजों को खाने के लिए हम सर्दियों के मौसम का इंतजार करते हैं, मक्की की रोटियां उनमें सबसे खास हैं। दुनिया भर में सरसों के साग के साथ मक्की की रोटी खाई जाने लगी है। पंजाबी व्यंजनों कुज़ीन में शामिल यह हेल्दी कॉम्बिनेशन आहार विशेषज्ञों की भी पसंद है। हालांकि सिर्फ पंजाब में ही नहीं, बल्कि समूचे उत्तर भारत में सर्दी के मौसम में मक्की के आटे से बने व्यंजन खूब खाए जाते हैं। अगर आप अभी तक इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में नहीं जानते, तो ये स्लाइड आपके लिए है।
सर्दियों में वेट गेन की समस्या से निपटने के लिए मक्की का आटा बेहद फायदेमंद साबित होता है। ग्लूटेन फ्री मक्की के आटे को मील में शामिल करने से देर तक भूख नहीं लगती। जिससे कम मात्रा में कैलोरीज़ कंज्यूम होती है। इस तरह यह वेट लॉस के लिए एक हेल्दी मील है। बस आपको यह ध्यान में रखना है कि इसे डीप फ्राई करने की बजाए तवे पर सेकें और घर के बने मक्खन के साथ पराेसें।
शरीर में बढ़ने वाले कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मक्की के आटे से बनी रोटियां खाना फायदेमंद हो सकता है। इसमें पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड कार्डियोवस्कुलर डिजीज के रिस्क कोघटाकर हृदय संबधी समस्याओं से राहत प्रदान करता है। मक्की के आटे में पाए जाने वाले बायोफ्लेवोनॉयड शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम कम होता है।
इसमें पाया जाने वाली बीटा कैरोटीन विटामिन ए के रूप में त्वचा और बालों को पोषण प्रदान करता है। इससे त्वचा फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से मुक्त रहती है और रूखी त्वचा नमीयुक्त बनी रहती है। इसके अलावा बालों के झड़ने की समस्या से भी मुक्ति मिल जाती है। साथ ही स्कैल्प पर होने वाले संक्रमण से भी बचाव किया जा सकता है।