Yog mudra : एकाग्रता बढ़ाने के साथ एनर्जी लेवल भी बढ़ाती हैं ये 5 योग मुद्राएं, जानिए इनके फायदे

Published on:11 December 2023, 14:10pm IST

योग साइंटिफिक फायदे तो हैं ही परंतु पहले आपको साइकोलॉजिकली योग को एक्सेप्ट करने की आवश्यकता है। आपका विश्वास इसे आपके लिए और अधिक फायदेमंद बना देता है (Yoga Mudra benefits)।

1/6
समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है योग मुद्राएं

योग की सबसे बड़ी विशेषता यह है, कि ये शारीरिक फिटनेस प्रदान करने के साथ आपको अपने इनर सेल्फ से जोड़ता है। योग साइंटिफिक फायदे तो हैं ही परंतु पहले आपको साइकोलॉजिकली योग को एक्सेप्टकरने की आवश्यकता है। आपका विश्वास इसे आपके लिए और अधिक फायदेमंद बना देता है (Yoga Mudra benefits)। योग की कई खास मुद्राएं हैं, जिनमें केवल सामान्य से हैंड जेस्चर की मदद से अप मानसिक, शारीरिक यहां तक भी भावनात्मक फायदे भी प्राप्त कर सकती हैं। यह मुद्राएं आपके शरीर में ऊर्जा शक्ति के संचारण को बढ़ा देती हैं और आपको बेहतर महसूस करने में मदद करती हैं। इन्हें करने का कोई निश्चित समय और जगह नहीं है, यह सामान्य सी मुद्राएं हैं, जिन्हें आप ऑफिस के डेस्क पर, सिनेमा हॉल की सीट पर बैठकर या बस स्टॉप पर बस का इंतजार करते हुए भी कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं, यह किस तरफ फायदेमंद होती हैं, साथ ही जानेंगे इन्हें करने का सही तरीका (Yoga Mudra benefits)।

2/6
प्राण मुद्रा

प्राण मुद्रा से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान होती है। यह आपके शरीर में जल और पृथ्वी तत्व को बढ़ाता है, जो उत्कृष्ट ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं। यह थकान, अनिद्रा, हाई ब्लड प्रेशर, मानसिक तनाव और घबराहट की स्थिति में बेहद कारगर होते हैं। यह कम पानी के कारण होने वाली एसिडिटी, अल्सर, जोड़ों के दर्द और अन्य समस्याओं को भी दूर करता है।इस योग मुद्रा को करने के लिए, अपने अंगूठे की नोक की मदद से अपनी दोनों उंगलियों की नोक को छूते हुए अपनी छोटी उंगली के अलावा अपनी अनामिका उंगली को मोड़ें। अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर मजबूती से रखें और अपनी हथेलियों को ऊपर की दिशा में रखें और अपने हाथ एवं बाजुओं को आराम दें।

3/6
सूर्य मुद्रा

सूर्य मुद्रा वजन घटाने के लिए बेहतरीन मुद्राओं में से एक। इससे शरीर में अग्नि तत्व बढ़ता है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है और पाचन में भी सुधार होता है। इसके साथ ही यह दृष्टि में सुधार करता है, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है, साथ ही आपके शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करते हुए इसे पूर्ण रूप से सक्रिय रहने में सहायता करता है।इस योग मुद्रा को करने के लिए अनामिका उंगली (ring finger) को अपने अंगूठे से दबाएं। अब अपने दोनों हाथों की अन्य उंगलियों को इस तरह सीधा करें कि वे शिथिल हों और एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर हों। दोनों हाथों को अपने घुटनों पर मजबूती से रखें और अपनी हथेलियों को ऊपर की दिशा में रखें साथ ही अपने हाथ एवं बाजुओं को आराम दें।

4/6
वरुण मुद्रा

इस मुद्रा को सौंदर्य और अन्य स्वास्थ्य लाभ जैसे डिहाईड्रेशन, प्रेगनेंसी और मेंस्ट्रुएशन में होने वाली मांसपेशियों की ऐंठन, स्किन ड्राइनेस साथ ही क़आंख मुंह और गले के सूखेपन को दूर करने के लिए बनाया गया है। यह कब्ज और जीभ से जुड़ी सभी समस्या को ठीक कर सकता है। इस योग आसन को करने के लिए सबसे पहले अपनी छोटी उंगली के सिरे को अपने अंगूठे के सिरे से स्पर्श करें।अब अपने दोनों हाथों की बाकी दो उंगलियों को इस तरह सीधा करें कि वे शिथिल और एक-दूसरे से अलग हो जाएं। अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर मजबूती से रखें और अपनी हथेलियों को ऊपर की दिशा में रखें। इस दौरान अपने हाथ और बाजू को आराम दें।

5/6
वायु मुद्रा

यह आपके अंदर वायु तत्व को बढ़ाकर दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। यह गठिया में जोड़ों के दर्द से पीड़ित व्यक्ति और हाल ही में हुई सर्जरी वाले शरीर के लिए जादुई साबित हो सकता है।इसके साथ ही यह पाचन संबंधी समस्याओं में भी कारगर होता है। इस योग मुद्रा को करने के लिए अपनी तर्जनी (index fingure) को मोड़ें और अंगूठे की मदद से अपनी तर्जनी की दूसरी फालानक्स हड्डी को दबाएं।अब अपने दोनों हाथों की बाकी दो उंगलियों को इस तरह सीधा करें कि वे शिथिल और एक-दूसरे से अलग हो जाएं। अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर मजबूती से रखें और अपनी हथेलियों को ऊपर की दिशा में रखें और अपने हाथ एवं बाजुओं को आराम दें।

6/6
ज्ञान मुद्रा

यह मन के लिए बनाई गई योग मुद्रा है। यह मस्तिष्क को उत्तेजित करता है साथ ही नर्वस सिस्टम को संतुलित रखता है, तनाव से राहत प्रदान करते हुए एकाग्रता को बढ़ावा देता है जिससे कि आपके मनको शांत रहने में मदद मिलती है। इस योग मुद्रा का अभ्यास करने के लिए ध्यान की आरामदायक स्थिति में बैठें। अब अपनी तर्जनी (Index finger) को इस तरह मोड़ें कि वह आपके अंगूठे की अंदरूनी जॉइंट को छूए।अब दोनों हाथों की दूसरी अंगुलियों को सीधा कर लें ताकि वे शिथिल और एक-दूसरे से अलग हो जाएं। धीरे-धीरे अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें और अपनी दोनों हथेलियों को नीचे की ओर रखें। फिर हाथ एवं बाजुओं को आराम दें।