दूध हर उम्र के स्त्री-पुरुषों के लिए जरूरी है। पर अगर आपको दूध का टेस्ट पसंद नहीं है या फिर आपको दूध के साथ पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं, तो ये फ्लेवर्ड मिल्क आपके स्वाद और स्वास्थ्य दोनों को बहाल करेंगे।
दूध नियमित आहार का एक हिस्सा है। इसमें मौजूद पोषक तत्व जैसे कैल्शियम और विटामिन डी शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसलिए सालों से सभी इसका सेवन करते आ रहे है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक यह सभी की आहार योजना में शामिल होता है। परंतु कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें दूध का स्वाद पसंद नहीं होता। ऐसे में बाजार में मौजूद फ्लेवर्स को एड करने की जगह, औषधीय गुणों से भरपूर प्राकृतिक फ्लेवर्स को दूध में एड करके इसकी गुणवत्ता को बढ़ा सकती हैं। लौंग, हल्दी हो या अश्वगंधा इन सभी में अपने खुद के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। आइए जानें आप घर पर ही अपने लिए कैसे तैयार कर सकती हैं पौष्टिक फ्लेवर्ड मिल्क।
लौंग वाला दूध - औषधीय गुणों से भरपूर लौंग अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाती है। जब इसे दूध के साथ मिला देते हैं तो इसकी गुणवत्ता और ज्यादा बढ़ जाती है। लौंग और दूध का यह कॉन्बिनेशन फास्फोरस, आयोडीन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम, जिंक, सोडियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों का एक अच्छा स्त्रोत होता है। यह कॉन्बिनेशन रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही सेक्सुअल पावर को भी बूस्ट करने में मदद करता है। लौंग और दूध पाचन क्रिया के लिए भी हेल्दी होते हैं। लौंग में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी सर्दी खांसी और फ्लू जैसी समस्याओं में कारगर मानी जाती हैं। वहीं लौंग और ठंडे दूध का मिक्सर त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके साथ ही दांतों की समस्या से भी निजात पाने में मददगार रहेगा।
तुलसी वाला दूध - आयुर्वेद में सालों से तुलसी का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है। यदि आपको तुलसी की पत्तियों का स्वाद पसंद है, तो इसे फ्लेवर के तौर पर अपने दूध में एड कर सकतीहैं। दूध में मिलने के बाद इसकी गुणवत्ता और ज्यादा निखर कर सामने आएगी। तुलसी दूध में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज स्ट्रेस रिलीज करने में मदद करती हैं। यह रोग निरोधक क्षमता को भी बढ़ाती हैं। साथ ही सीजनल फ्लू, कोल्ड एंड कफ, इन्फेक्शन जैसी समस्याओं में भी ये फायदेमंद होती है। तुलसी दूध शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित रखता है और किडनी से टॉक्सिंस को बाहर निकालता है। यदि आप अस्थमा से पीड़ित हैं, तो तुलसी दूध का सेवन आपके लिए अधिक लाभदायक साबित होगा।
फोकस और मेमोरी को बढ़ाता है- अश्वगंधा नर्व ग्रोथ फैक्टर को बढ़ा सकता है, एक प्रोटीन जो मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं के विकास और ठीक से बनाए रखने में मदद करता है। यह बेहतर कोगनेटिव कार्य में मदद कर सकता है। अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो मस्तिष्क कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव और किसी भी तरह के हमले से बचाता है।