सिंगल मदर्स भी बना सकती हैं अपनी बेटियों को कॉन्फिडेंट, आपकी मदद करेंगे ये 5 टिप्स

Updated on:24 January 2023, 13:56pm IST

आप चाहें सिंगल हो या कपल। दोनों की सूरतों में बच्ची की पॉजिटिव पेरेंटिंग बेहद जरूरी है। मगर सिंगल मदर्स के लिए ये थोड़ा ज्यादा चैलेंजिंग हो सकता है। आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के के मौके पर जानते हैं कि कैसे सिंगल मदर्स अपनी बच्चियों की परवरिश पूर्ण रूप से कर सकती हैं।

bachon par dabav n bnayen. 1/5

1. अपनी भावनाओं को छुपाएं नहीं - सिंगल पेंरेंट होना कभी-कभी आपको परेशान भी कर सकता है। आप कई बार खुद ही अन्य पेंरेंटस से अपनी तुलना करके तनाव में आ जाते हैं। ऐसा करने से बचें। दरअसल, हर तरह की पेरेंटिंग में अपनी तरह के अलग चैलेंज होते हैं। अगर आप खुश हैं, दुखी हैं या परेशान हैं, तो उन्हें दबाएं नहीं। अपनी बच्ची के सामने इन भावनाओं का इज़हार करें। यह एक तरह की साइलेंट लर्निंग होती है, वे सीख पाएंगी की मां इन भावनाओं से कैसे बाहर निकली। चित्र शटरस्‍टॉक... अधिक पढ़ें

bacchon se baat karein 2/5

2 संवाद को सहज बनाएं-अपनी बेटियों के साथ हमेशा हर विषय पर खुलकर बात करें। बातचीत के दौरान आई कॉन्टेक्ट बनाए रखें। प्रॉपर फेशियल एक्सप्रैशंस के साथ बच्चों को हर बात समझाएं। इस दौरानउनके हाथों को अपने हाथों में थामें और उन्हें गले भी लगाएं। इससे बच्ची और आपके मध्य एक मज़बूत रिश्ता बिल्ट होता है। उनके किए कामों में इंटरस्ट शो करें और उनकी अचीवमेंटस को सराहें। इससे बच्चों के आत्मविश्वारस में वृद्धि होती है। साथ ही वो खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। चित्र शटरस्टॉक... अधिक पढ़ें

3/5

3.समझें बढ़ती उम्र की जरूरतें- बच्चों के मूड अक्सर स्विंग होते रहते हैं। कभी वो हंसने लगते हैं, तो कभी एक छोटी सी बात भी उन्हें गुस्सा दिला देती है। जो बच्चों के रिएक्शन का कारण बनजाता है। इस समय में बच्चों का मानसिक विकास तेज़ी से होने लगता है। बच्चे क्रोध और उदासी जैसी मजबूत भावनाओं को महसूस करने लगते है। मगर कई बार वो अपनी सेटिमेंटस को सही प्रकार से व्यक्त नहीं कर पाते हैं। ऐसे में बच्चों को समझें। चित्र अडोबीस्टॉक... अधिक पढ़ें

4/5

4. दोस्तों से जुड़े रहें और मिलें-जुलें- अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और कलीग्स के साथ आप एक्टिविटीज़ प्लान कर सकते है। जो उनके साथ आपको आसानी से कनैक्टिड रखता है। इस तरह की आउटिंग और प्लानिंग में अपनी बेटी को ज़रूर शामिल करें। इससे वो रियल वलर्ड को नज़दीक से देख पाएगी। साथ ही वो आपके जानने वालों के साथ आसानी से सोशलाइज़ हो सकती है। इससे कम्यूनिकेशन स्किल्स और सोशन स्क्लि्स का विकास होता है। चित्र: अडोबीस्टॉक... अधिक पढ़ें

5/5

5. सकारात्मक चीजों पर फोकस करें- हर चीज़ को देखने का सबका अपना नज़रिया होता है। आप अपनी बच्ची के पॉजिटिव दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करें। उन्हें किसी भी रूल को फॉलो करने के लिए डांटनेडपटने की जगह प्यार से तर्क के साथ बात समझाएं। उन्हें बताएं कि इन नियमों को फॉलो करके किन समस्याओं से बच सकते हैं। हर चीज़ को सकारात्मक ढंग से बेटी के समक्ष पेश करें। दरअसल, बच्चे को ये समझाना एक मां की पहली ड्यूटी है कि जीवन में रूल्स क्यों बनाए गए हैं और उन्हें न मानने के क्या नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। चित्र: अडोबीस्टॉक... अधिक पढ़ें

हेल्थशॉट्स पीरियड ट्रैकर का उपयोग करके अपने
मासिक धर्म के स्वास्थ्य को ट्रैक करें

ट्रैक करें