कई लोगों को लंबी दूरी की यात्रा पैदल करने से पैरों में दर्द हो जाता है, तो कई लोगों को कैल्शियम की कमी या खून की कमी के कारण भी हमेशा पैरों में दर्द की समस्या रहती है। छोटे बच्चों में भी यह दर्द होता है, जिसे ग्रोथ पेन (Growth pain) कहा जाता है।
बचपन में मेरे पैरों में भी बहुत दर्द होता था, जिसके कारण अक्सर में स्कूल की छुट्टी कर लेती थी या खेलने से डरती थी। तभी मेरी नानी ने गर्म पानी में नमक डालकर मेरे पैरों को सेका जिसके कारण कुछ मिनटों में ही मेरे पैरों का दर्द खत्म हो गाया। ये कुछ जादुई सा लगा। जो दर्द तेल मालिश करने, मरहम, जेल और दर्द निवारक दवाओं से भी नहीं जाता वो गर्म पानी में केवल नमक डालकर (Leg pain home remedies) सेकने से चला गया। नमक वाले पानी की सिकाई की वह जादुई स्मृति अब भी मेरी हरारत उतार देती है। अब जब घर-दफ्तर की भागदौड़ या एक्सरसाइज के बाद मुझे पैरों में दर्द होता है, तो मैं यही नमक वाला पानी (Salt water for leg pain) ट्राई करती हूं। पर यह कैसे काम करता है,जानना चाहते हैं? तो इस लेख को अंत तक पढ़ित।
ऐसा कैसे हुआ, यह जानने की जिज्ञासा मुझे हुई। जिसके बारे में मैंने पता लगाया कि ऐसा कैसे होता है। तो चलिए जानते नमक वाले पानी में पैरों को भिगोनों से दर्द कैसे गायब हो जाता है।
पानी में नमक मिलाने से इसमें एप्सम साल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट) आ जाता है, यह दर्द निवारक गुणों के लिए जाना जाता है। इसका मुख्य घटक मैग्नीशियम मांसपेशियों के कार्य और सूजन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब मैग्नीशियम सल्फेट को गर्म पानी में घोला जाता है, तो यह त्वचा के माध्यम से अवशोषित हो जाता है, जिससे शरीर में मैग्नीशियम का स्तर बढ़ जाता है। यह खनिज मांसपेशियों को आराम देने, सूजन को कम करने और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मदद करता है। जिससे दर्द से राहत मिलती है।
एप्सम नमक में मौजूद मैग्नीशियम मांसपेशियों के संकुचन को नियंत्रित करने और क्रैंप को कम करने में मदद करता है। यह एसिटाइलकोलाइन नामक न्यूरोट्रांसमीटर के स्राव को रोकता है, जो मांसपेशियों के संकुचन को ट्रिगर करता है, जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द कम होता है।
मैग्नीशियम में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मांसपेशियों और जोड़ों में सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं। यह गठिया जैसी स्थितियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जहां सूजन दर्द का सबसे बड़ा कारण होती है।
पैरों को गर्म पानी में नमक मिलाकर भिगोने से रक्त वाहिकाएं फैल सकती हैं, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में ब्लड फ्लो बेहतर होता है। बेहतर ब्लड सर्कुलेशन मांसपेशियों को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाता है, जिससे उपचार प्रक्रिया में मदद मिलती है और दर्द कम होता है।
पैरों को पानी में भिगोने के लिए आपको गर्म पानी में एप्सम साल्ट को घोलकर पैरों को 15-20 मिनट तक भिगो कर रखना है। यह विधि पैरों और निचले पैरों में दर्द और सूजन से राहत दिलाने के लिए विशेष रूप से प्रभावी है।
गर्म पानी में नमक मिलाने से पूरे शरीर को मैग्नीशियम के अवशोषण में मदद मिलती है। यह मांसपेशियों के दर्द को दूर करने और आराम को बढ़ाने का एक शानदार तरीका है।
दर्द से राहत के लिए, नमक के पानी का सेक सीधे प्रभावित क्षेत्र पर लगाया जा सकता है। इसमें गर्म पानी और एप्सम साल्ट के घोल में एक कपड़ा भिगोएं और फिर इसे दर्द वाली मांसपेशियों पर लगाया जा सकता है।
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