याद है मां, दादी और नानी दूध के ढेर सारे फायदे गिनाया करती थीं। बड़े होने से लेकर सुंदर होने तक उनके पास दूध पिलाने जैसे उनके पास ढेरों बहाने होते थे। उम्र के साथ अब हम भी जान गए हैं कि दूध किसी भी व्यक्ति के कंप्लीट पोषण के लिए बहुत जरूरी है। जब बच्चा ठोस आहार नहीं ले पाता तब से लेकर, उम्र बढ़ने पर कमजोर पाचन की दिक्कतों के साथ, दूध ही है जो हर बार आपके काम आ सकता है। पर हर जरूरत के हिसाब से दूध पीने का समय और तरीका बदल जाता है। आज वर्ल्ड मिल्क डे (World Milk Day) के अवसर पर आइए जानते हैं दूध के बारे में ऐसे ही कुछ जरूरी तथ्य।
हावर्ड के एक अध्ययन में बताया गया है कि आपकी मांसपेशियों को हेल्दी बनाए रखने में कैल्शियम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इतना ही नहीं यह हृदय को सही तरीके से पंप कराने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ब्लड क्लॉट बनने में मदद करता है, जिससे चोट लगने, छिलने काटने पर हील होने में मदद मिलती है। दूध कैल्शियम का महत्वपूर्ण स्रोत है। आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ ही दांतों, नाखूनों के साथ-साथ बालों के स्वास्थ्य में भी दूध महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन की वेबसाइट के अनुसार, एक गिलास दूध (250 मिली) में, आप लगभग 285mg कैल्शियम का सेवन कर रहे हैं, जो खनिज की आपकी दैनिक आवश्यकता के 20% से अधिक को पूरा करता है।
वेट वॉचर्स के लिए एक कप दूध वरदान की तरह है, जो पेट भरे होने का एहसास दिला सकता है। इसके अलावा, चॉकलेट पाउडर से लेकर फलों के साथ भी इसे मिला कर लिया जा सकता है। बस यह सुनिश्चित करें कि इसमें चीनी न डालें। अपने दैनिक आहार में 2-3 कप दूध शामिल करने से आप न केवल मोटापे को रोक सकती हैं, बल्कि अपना वजन भी नियंत्रित कर सकती हैं ।
हमारे शरीर में अधिकांश कैल्शियम का इस्तेमाल हमारी हड्डियां और दांत करते हैं। कैल्शियम के लिए दूध से बेहतर कुछ नहीं है, चाहे वह इसे मजबूत बनाने के लिए हो या शरीर को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए। डेंटिस्ट बताते हैं कि दिन में दो बार एक कप दूध पीने से कैविटी और दांतों की सड़न को रोकने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दूध से कैल्शियम का निर्माण आपका शरीर तभी कर सकता है जब शरीर में विटामिन डी की कमी न हो।
इसलिए सुनिश्चित करें कि आप जो दूध पीते हैं वह फोर्टिफाइड हो। दूध और डेयरी उत्पादों में न केवल कैल्शियम और फास्फोरस होते हैं, बल्कि कैसिइन नामक प्रोटीन भी होता है। ये, जब एक साथ मिलते हैं, तो सुरक्षात्मक कोट बनाते हैं। यह कोट आपके दांतों को सामान्य बैक्टीरियल एसिड के कारण होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है।
दूध पीना हमेशा एकमात्र विकल्प नहीं है, बल्कि यह कई होममेड स्किन मास्क बनाने में मिक्सिंग एजेंट की तरह भी काम करता है। जो आपकी त्वचा ग्लोइंग और मॉइश्चराइज़ करने में मदद करता है। भारतीय राजघरानों में विशेष अवसरों पर दूध से नहलाया जाता था। हेल्थ जर्नल रिपोर्ट के अनुसार, दूध प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र के गुणों से भरपूर है ।
एक गिलास दूध उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक होने की संभावना जैसी घातक बीमारियों को दूर रख सकता है। इसके अलावा, दूध में मौजूद लैक्टोज आपके लीवर को खराब कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को कम करने में मदद करता है। यह न केवल आपकी दृष्टि में सुधार करने में मदद करता है, बल्कि आपके शरीर को कुछ प्रकार के कैंसर से लड़ने में भी मदद कर सकता है।
आपके लीवर को कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को कम करने में भी दूध सहायक है। दूध , हल्दी मिला कर पीने से खांसी से लेकर हर तरह के वायरल संक्रमण से छुटकारा पाने में न सिर्फ मदद मिल सकती है, बल्कि यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
विटामिन डी आपके शरीर में सेरोटोनिन के उत्पादन को बनाए रखता है, जो मूड, भूख और नींद से जुड़ा एक हार्मोन है। हाल ही में 2020 के एक शोध में पाया गया है कि कभी-कभी अवसाद की भावना, शरीर में विटामिन डी की कमी से हो सकती है। दूध में विटामिन डी को बूस्ट करने वाले गुण होते हैं। विटामिन डी प्राप्त करने और सेरोटोनिन हार्मोन का बैलेंस बनाए रखने के लिए दूध के साथ सुबह की धूप भी ज़रूर लें।
दूध में मौजूद प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र आपके बालों को भी काफी मदद कर सकते हैं। यह कॉम्पोनेन्ट विशेष रूप से सूखे और बेजान बालों से परेशान लोगों के लिए जादू की तरह काम करता है। स्पर्श क्लीनिक मेरठ के डॉक्टर अनुराग आर्या की मानें तो यह बालों को हाइड्रेट करने के साथ ही उसे मजबूत भी बनाता है।
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कस्टमाइज़ करेंदूध सभी के लिए फायदेमंद है। पर हर उम्र के साथ आपकी प्राथमिकताएं और पोषण की जरूरतें बदलती हैं। स्वभाविक है कि इसके साथ ही आहार में बदलाव करना भी जरूरी हो जाता है। इसलिए दूध पीने का सही समय क्या होना चाहिए यह जानने के लिए हमने आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर प्रद्युम्न पाण्डेय से बात की।
डॉक्टर पाण्डेय की मानें तो आयुर्वेद के अनुसार, वयस्कों के लिए दूध का सेवन करने का सबसे अच्छा समय सोने से ठीक पहले का है। जबकि बच्चों के लिए, दूध सुबह-सुबह लेना फायदेमंद है।
आयुर्वेद के अनुसार रात में दूध पीने से ‘ओजस’ को बढ़ावा मिलता है। ओजस को आयुर्वेद में एक अवस्था के रूप में जाना जाता है, जब आपका पाचन तंत्र सही तरीके से डाइजेशन कर पाता है। गुनगुना दूध पीने से इन्सोमिया में भी राहत मिल सकती है। एक्टिव नहीं होने के कारण आपका शरीर रात में दूध से अधिकतम कैल्शियम बना पाता है।
कुछ लोगों को दूध नहीं पचता जिसकी वजह लैक्टोज़ है। लैक्टोज दूध में पाई जाने वाली एक प्रकार की प्राकृतिक चीनी (natural sugar) है, जिसे कुछ लोगों के लिए पचाना मुश्किल होता है। इन लोगों का शरीर, स्वाभाविक रूप से लैक्टेज का उत्पादन नहीं करता है, जो लैक्टोज को तोड़ने के लिए आवश्यक एंजाइम है।
उनके लिए अब ऐसे दूध भी उपलब्ध हैं जिनमें लैक्टोज नहीं है। यह मूल रूप से नियमित दूध में लैक्टेज डालकर उसमें मौजूद लैक्टोज को तोड़कर बनाया जाता है। इसमें रेगुलर दूध के सभी पोषक तत्व होते हैं और लैक्टोज-इनटॉलरेंट लोगों के लिए यह दूध और इससे बने प्रोडक्ट दूध का पोषण और स्वाद पाने का शानदार तरीका है।
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