बच्चे चाइनीज फूड के दीवाने होते हैं। नूडल्स से लेकर फ्राईड राइस तक, चाइनीज फूड का एक अलग तीखा-टैंगी फ्लेवर सभी को बहुत आकर्षित करता है। इसका टेस्ट बढ़ाने का काम करता है अजीनोमोटो। जबकि घर के बड़े नहीं चाहते कि आप इन फूड्स का ज्यादा सेवन न करें। मेरी मम्मी अक्सर कहती हैं कि इन फूड्स में टेस्ट बढ़ाने का काम अजीनोमोटो करता है और यह सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता। लेकिन ऐसा क्यों है? अगर आपको भी नहीं पता तो हमने इस सवाल का जवाब खोज लिया है। पढ़ते रहिए..
एनसीबीआई के अनुसार यह एक प्रकार का टेस्ट मेकर है जिसका इस्तेमाल 100 साल से किया जा रहा है। अजीनोमोटो एक प्रकार का एमएसजी सोडियम और ग्लूटामिक एसिड से बना एक यौगिक है। अजीनोमोटो की गिनती प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सबसे आम अमीनो एसिड में की जाती है। इसका उचित नाम एमएसजी यानी (monosodium glutamate) है। हालांकि जिस जैपनीज कंपनी ने इसकी शुरुआत की थी उसने इसका नाम अजीनोमोटो रखा तब से यह अजीनोमोटो के नाम से ही जाना जाता है। यह एशियाई व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आमतौर पर इसे नूडल्स, फ्राइड राइस, सूप आदि में मिलाया जाता है।
एनसीबीआई की डाटा के अनुसार यदि नियमित मात्रा में अजीनोमोटो का इस्तेमाल किया जाता है तो यह स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाता। कई हेल्थ अथॉरिटी जैसे विश्व स्वास्थ संगठन, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, यूरोपियन फूड एंड सेफ्टी एसोसिएशन अजीनोमोटो को सुरक्षित मानते हैं।
अजीनोमोटो पर सवाल तब उठने शुरू हुए जब 1960 में जब चीनी-अमेरिकी डॉक्टर रॉबर्ट हो मैन क्वोक ने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन को एक पत्र लिखकर समझाया कि वह चीनी खाना खाने के बाद बीमार हो गया। जिसके पीछे का कारण उन्होंने अजीनोमोटो को बताया।
जिन हेल्थ अथॉरिटी ने अजीनोमोटो सेवन को सुरक्षित बताया उन सभी ने प्रतिदिन शरीर के वजन के 30 मिलीग्राम प्रति किलो दैनिक सेवन करने की सलाह दी।
अजीनोमोटो का ज्यादा सेवन आपको ओवर ईटिंग करने पर मजबूर कर सकता है। एनसीबीआई पर मौजूद जानकारी के अनुसार कुछ पुरानी रिपोर्ट ऐसी हैं जो इस बात का दावा करती हैं कि यह मस्तिष्क में हार्मोन लेप्टिन के सिग्नल प्रभाव को बाधित करता है। लेप्टिन आपके शरीर को यह बताने का प्रभारी है कि आपका खाना आपके लिए पर्याप्त हैं।
कुछ पुराने शोध इस बात का भी दावा करते हैं की MSG चयापचय संबंधी विकारों के बढ़ते जोखिम के साथ जुड़ा हुआ है, जानवरों पर किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि यह उच्च रक्त शर्करा के स्तर और मधुमेह का कारण बन सकता है जिससे मोटापा भी होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
यदि लंबे समय तक अजीनोमोटो का सेवन किया जाता है तो यह मस्तिष्क पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। दरअसल ग्लूटामेट मस्तिष्क में एक न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में कार्य करता है। चूंकि यह न्यूरोट्रांसमीटर तंत्रिका अंत में जमा होता है। साथ ही, यह तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा उपयोगी है।
इससे कुछ लोगों के पेट में जलन भी हो सकती है। पेट से संबंधित अन्य समस्याएं जैसे एसिडिटी, एसिड रिफ्लक्स आदि भी चीजों को और खराब कर सकते हैं। अधिक अजीनोमोटो खाने से भी रक्तचाप में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
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