भारत में पिछले कुछ दशकों में डेंगू के मामले काफी बढ़े है, और इस के जारी रहने की उम्मीद है। डेंगू मच्छर जनित उन खतरनाक बीमारियों में से एक है जो लापरवाही करने पर जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत में एक बार फिर से डेंगू के मामले बढ़ने लगे हैं। विशेषज्ञ इसके लिए बदलते मौसम के साथ मच्छरों की तादाद बढ़ने को जिम्मेदार मानते हैं। डेंगू से बचने के लिए जरूरी है कि आप इसके लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में सब कुछ जानें। सही उपचार के लिए आपको यह भी जानना चाहिए कि डेंगू बुखार में आपको क्या खाना (dengue food to eat and avoid) चाहिए और क्या नहीं।
“द लैंसेट” में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से अक्टूबर 2022 के बीच भारत में 110,473 डेंगू के मामले दर्ज किए गए। भारतीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट्स के अनुसार 2024 में पंचकुला में डेंगू के 503, उत्तर प्रदेश में 341 और दिल्ली में 381 मामले दर्ज हुए हैं।
डॉ. पंकज वर्मा, सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम कहते हैं कि इस बदलते मौसम में जुकाम और बुखार होना एक सामान्य समस्या है, लेकिन इस स्थिति में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपनी सेहत के प्रति सचेत रहें। कई बार, मामूली बुखार को अनदेखा किया जा सकता है, लेकिन यह जरूरी है कि हम यह जानें कि कहीं यह डेंगू का संकेत तो नहीं है।
डेंगू एक गंभीर बीमारी है जो एडीज मच्छर के काटने से या इन्फेक्टेड व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है। डेंगू बुखार के लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 4 से 10 दिन बाद दिखाई देते हैं और 2 से 7 दिनों तक रहता है। इनमें शामिल हैं:
डाॅ. पंकज आगे जोड़ते हैं कि गंभीर मामलों में, अगर समय रहते इसका आप इलाज न करवाएं तो ये आगे डेंगू हेमरेजिक बुखार या डेंगू शॉक सिंड्रोम में विकसित हो सकता है, या ब्लीडिंग, बीपी में गिरावट यहां तक की मौत का खतरा भी बना रहता है। इसलिए, डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इसके अलावा, डेंगू से बचाव के लिए सही समय पर दवाओं के अलावा, आपकी डाइट भी बहुत महत्वपूर्ण है। सही फूड्स का चुनाव और गलत फूड्स से दूरी आपको डेंगू से जल्दी रिकवरी में मदद करेगी। यहां डेंगू के लिए खाने योग्य और बचने योग्य फूड्स की सूची दी गई है:
डेंगू बुखार के दौरान गहरे रंग के खाद्य पदार्थों को खाने से बचने की सलाह इसीलिए दी जाती है। चॉकलेट, लाल या बैंगनी रंग का जूस में हाई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। डेंगू के दौरान शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ जाता है, जो कि शरीर की सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है। गहरे रंग का खाना आमतौर पर पचाने में भारी होते हैं। डेंगू में अक्सर डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। गहरे रंग के खाने में नमक और शक्कर की मात्रा ज्यादा हो सकती है, जो पानी के अवशोषण में रुकावट डाल सकती है। इसलिए इनसे बचना चाहिए।
डेंगू बुखार के दौरान कैफीनयुक्त आहार अर्थात कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक से बचने की सलाह दी जाती है। कैफीन एक ड्यूरेटिक आहार है, जिसका अर्थ है कि यह यूरीन की मात्रा बढ़ा सकता है। जो शरीर को डिहाइड्रेट कर सकता है।
यह दिल की धड़कन और ब्लडप्रेशर को बढ़ा सकता है। डेंगू के दौरान शरीर पहले से ही तनाव में होता है, इसलिए अतिरिक्त तनाव हानिकारक हो सकता है। नींद के पैटर्न को प्रभावित कर सकता है। बीमारी के दौरान आराम जरूरी है, और अच्छी नींद इम्यून सिस्टम के लिए सहायक होती है।
असल में मसालेदार भोजन डाइजेशन को परेशान कर सकता है। मसालों का सेवन शरीर में सूजन को बढ़ा सकता है। मसालेदार भोजन से शरीर का तापमान को बढ़ सकता है और गर्मी का अनुभव करवा सकता है, जो पहले से ही बुखार से ग्रस्त व्यक्ति के लिए असुविधाजनक हो सकता है। इसलिए डेंगू के दौरान अत्यधिक मसालेदार भोजन से बचना चाहिए।
तेलीय भोजन पचाने में कठिन होता है, जो भूख को कम कर सकता है। डेंगू के दौरान पोषण प्राप्त करना आवश्यक है। इसलिए हल्का भोजन अधिक फायदेमंद होता है। इन का सेवन एनर्जी को कम कर सकता है। अगर कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से पीड़ित है तो उसे पनीर, चिकनाई वाले मांस, मक्खन, तले हुए खाद्य पदार्थ, एवोकाडो आदि से बचना चाहिए।
इस डाइट का पालन करके आप अपने लक्षणों को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं। निरंतर शिक्षा और सतर्कता डेंगू के प्रभाव को कम करने और लोगों की रक्षा के लिए बहुत जरूरी हैं। अगर हम सभी मिलकर प्रयास करें, तो हम इस बीमारी के मामलों को कम कर सकते हैं और स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।
यह भी पढ़ें – डेंगू बुखार ही नहीं, इन 6 वजह से भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है पपीते के पत्तों का रस