चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2022) शुरू हो चुके हैं। भारतीय संस्कृति में इन नौ दिनों (Navratri) को बेहत खास माना जाता है। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि में घटस्थापना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की उपासना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए नौ दिन उपवास रखने की परंपरा है। आप में से बहुत से लोग उपवास पर होंगे। उपवास को हमारे शरीर के लिए अच्छा माना गया है। परंतु इस दौरान अपनी सेहत का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
मेरी मम्मी हमेशा से देसी घी की वकालत करती हैं। वे इसे सबसे शुद्ध आहार में शामिल करती हैं। उनके अनुसार यह न केवल शुद्ध है, बल्कि हमारी सेहत के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इसमें मौजूद पोषक तत्व हमारे पेट की समस्याओं में अधिक कारगर माने जाते हैं। फाइबर युक्त देसी घी से गैस, अपच, एसिडिटी, उल्टी सहित कई अन्य समस्याओं से राहत मिल सकती है।
ज्यादा समय तक खाली पेट रहने के कारण उपवास में एसिडिटी (Acidity), कब्ज (Constipation) और गैस (Stomach gas) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में देसी घी से आपको इन समस्याओं से दूर रहने में मदद मिलेगी। आप यह जानती होंगी कि हमारे देश मे उपवास के दौरान देसी घी में बने पकवानों को प्राथमिकता दी जाती है। परंतु देसी घी आपकि सेहत के लिए कितना महत्वपूर्ण है यह जानना भी जरूरी है।
शुद्ध यानी देसी घी में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए, सी और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसके अलावा यह फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम का अच्छा स्त्रोत होता है। इसमें ब्यूटीरिक एसिड भी पाया जाता है। यह सभी पोषक तत्व हमारे पेट के लिए अत्यधिक फायदेमंद हैं। इसलिए उपवास के दौरान देसी घी का सेवन बहुत जरूरी होता है।
इन नौ दिनों में अपने आहार में महत्वपूर्ण और शुद्ध पदार्थों को शामिल करके खुद को डिटॉक्स कर सकती हैं। इनमें सबसे पहले आता है देसी घी। सी घी के बिना पारंपरिक त्योहार अधूरे से लगते हैं। हालांकि, देसी घी न केवल त्योहारों के लिए, बल्कि हमारी सेहत के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है।
असल में नवरात्रि उपवास में कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा जैसे व्यंजनों को शामिल किया जाता है। ये सभी पोषक होने के साथ-साथ पाचन तंत्र पर अधिक भार डालते हैं। जबकि देसी घी इसे एक्स्ट्रा ल्युब्रिकेशन प्रदान करता है। देसी घी में कई ऐसे कई पोषक तत्व मौजूद हैं, जो सेहत के लिए अधिक फायदेमंद हो सकते हैं। इसमें बने पदार्थ आपको कब्ज, एसिडिटी अपच सहित कई अन्य पेट की समस्याओं से दूर रहने में मदद करते हैं।
रिसर्च गेट के अध्ययन में पाया गया कि देसी घी हेल्थ बूस्टर की तरह काम करता है। वहीं यह लंबे समय तक खराब भी नही होता। इसमें मौजूद विटामिन ए, के 2 और सीएलए ( conjugated linoleic properties) में एंटीवायरस, एंटीऑक्सीडेंट और एन्टी कैंसर प्रॉपर्टीज पाई जाती है।
घी अन्य सभी तरह के तेल से अच्छा माना जाता है। इसमें मौजूदा चेन फैटी एसिड (chain fatty acid) सीधा लीवर द्वारा सोखे जाते हैं। जिसकी वजह से हमारे शरीर को अधिक उर्जा मिलती है। साथ ही यह हमारी पाचन क्रिया को भी मजबूत रखने में मदद करता है। वहीं चेन फैटी एसिड दूसरे फैट्स को बर्न करने में, और आपके वजन को कम करने में भी मददगार है। घी में एन्टी ओबेसिटी (anti obesity) प्रोपर्टीज भी पाई जाती है। जबकि ब्यूटिरिक एसिड कब्ज और पाचन की समस्या से निजात दिलाने में मददगार है।
नियमित रूप से खाली पेट घी के सेवन से आप अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ और साफ रख सकती हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व कब्ज और बवासीर जैसी समस्याओं में भी कारगर होते हैं।
घी भूख को लंबे समय तक कंट्रोल कर सकता है। इसमें एन्टी ओबेसिटी प्रॉपर्टीज भी पाए जाते हैं। इसमें मौजूद एंजाइम आंत के अनुकूल होते हैं, जो आंत को स्वस्थ रखते है।
देसी घी का सेवन त्वचा संबंधी समस्याओं में कारगर माना जाता है। यह चेहरे पर निखार लाने के साथ-साथ स्किन एलर्जी को दूर रखने में मदद करता है।
खाली पेट घी के सेवन से आपको हड्डियों को मजबूत रखने में मदद मिलेगी। इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड हड्डियों को मजबूत करता है। साथ ही गठिया की समस्या में भी फायदेमंद होता है।
घी विटामिन का काफी अच्छा स्रोत है। रोजाना घी का सेवन बाल झड़ने की समस्या को कम कर सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं देसी घी में हेल्दी फैट आपकी स्किन को ग्लो बनाए रखने में भी मदद करता है। स्वस्थ और साफ पेट के साथ आप त्वचा, बाल तथा अन्य लाभों के लिए भी आपको अपने आहार में घी जरूर शामिल करना चाहिए।
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