तुलसी एक ऐसा पौधा जिससे आयुर्वेद में औषधि का दर्जा दिया गया है। दूसरी और धार्मिक दृष्टि से तुलसी को पवित्र (Holy Basil) माना जाता है। तुलसी की पत्तियों से लेकर पौधे का हर हिस्सा आपकी सेहत के लिए काफी लाभदायक है। तुलसी के चमत्कारी गुणों को देखते हुए विज्ञान भी तुलसी पर भरोसा करता है।
तुलसी की खासियत को बेहतर ढंग से समझने के लिए हेल्थशॉट्स ने मैक्स हॉस्पिटल की हेड क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट उपासना शर्मा से संपर्क किया।
हेड क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट उपासना शर्मा के अनुसार,तुलसी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहेद फायदेमंद है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, जिंक, कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में होता है। तुसली में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर सकते हैं। तुलसी को मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी जाना जाता है।
विज्ञान की भाषा में तुलसी को Ocimum sanctum L. के नाम से जाना जाता है। यह पौधा ज्यादातर दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है और अंग्रेजी में तुलसी को Holy basil के नाम से पुकारते हैं। तुलसी आंखों की बीमारियों से लेकर मस्तिष्क की समस्याओं तक के लिए भारतीय चिकित्सा का अभिन्न अंग हिस्सा है। तुलसी की खास बात यह है कि इस पौधे का हर हिस्सा तन मन और आत्मा के लिए टॉनिक है।
तुलसी आपके तनाव को कम करने में आपकी मदद कर सकती है,फिर चाहे आपका तनाव किसी भी प्रकार का क्यों नहीं है। दरअसल तुलसी का पौधा एक एडाप्टोजेन के रूप में काम करता है। एडाप्टोजेन एक ऐसा पदार्थ है जो आपके तनाव को कम करने के लिए जाना जाता है।
The Clinical Efficacy and Safety of Tulsi in Humans नामक एक स्टडी के अनुसार तुसली ,तनाव, यौन समस्याएं, नींद की समस्या, विस्मृति, थकावट में मदद करती है।
तुलसी के पौधे में एंटीडिप्रेसेंट गुड होते हैं,जो डायजेपाम और एंटीडिप्रेसेंट दवाओं की तुलना में काम करते हैं। जर्नल ऑफ़ आयुर्वेदा एंड इंटरेगेटिव मेडिसिन के अनुसार एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग प्रतिदिन 500 मिलीग्राम तुलसी का अर्क लेते थे वह कम चिंतित, तनावग्रस्त और उदास महसूस करते हैं।
यह अध्ययन तुलसी का सेवन चाय के रूप में करने की सलाह देता है। और चूंकि यह कैफीन मुक्त है, यह ठीक है और यहां तक कि इसे रोजाना पीने की भी सलाह दी जाती है। चाय पीने की क्रिया शांत करने वाली हो सकती है। यह स्पष्ट विचारों, विश्राम और कल्याण की भावना को बढ़ावा देता है।
तुलसी चयापचय तनाव को लक्षित करती है, यह वजन घटाने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी मदद कर सकती है। जानवरों पर किया गया एक अन्य अध्ययन बताता है, खरगोश को तुलसी का सेवनकरवाया गया। खरगोशों के वसा अणुओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा गया। उनके पास कम “खराब” कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल) और उच्च “अच्छा” कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल) था।
उपासना बताती हैं, “तुलसी ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा यह इम्यूनिटी बूस्ट करने में भी काफ़ी असरदार है। देश में कोरोना वायरस महामारी के समय दुनिया ने तुलसी का हाथ थामा। वे कहती हैं,इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिससे संक्रमण से बचाव होता है। सर्दियों में इसका उपयोग विभिन्न लक्षणों के उपचार के लिए विभिन्न संयोजनों के साथ किया जा सकता है,उदाहरण के लिए खांसी के लिए तुलसी शहद काली मिर्च, सर्दी के लिए चाय में तुलसी इत्यादि। इसके औषधीय गुणो को गठिया, पेट की समस्या अल्सर से पीड़ित लोगों की मदद करने से जोड़ा गया है।
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